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किसी को बस स्टैण्ड पर, तो किसी को पार्क पर ऐतराज

- नए मास्टर प्लान पर 600 से अधिक आपत्तियां
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार की ओर से श्रीगंगानगर शहर के लिए प्रस्तावित मास्टर प्लान के प्रारूप पर लगातार आपत्तियां दर्ज करवाई जा रही हैं। बड़ी संख्या में लोग यूआईटी जाकर आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं। इनमें अधिकतर आपत्तियां सर्वजनिक हित की न होकर व्यक्तिगत लाभ के उद्देश्य से दर्ज करवाया जाना प्रतीत हो रहा है। नगर विकास न्यास के अधिकारियों के अनुसार बीती 11 दिसम्बर को प्रशासन ने नए मास्टर प्लान का प्रारूप जारी करते हुए आम नागरिकों को 30 दिन का समय आपत्तियां दर्ज करवाने के लिए दिया गया था। इस अवधि के दौरान अब तक 600 से अधिक आपत्तियां यूआईटी में जमा की जा चुकी हैं।
न्यास के सहायक नगर नियोजक दीपक ने बताया कि इनमें से कुछ आपत्तियां तो ऐसी हैं, जिनका निस्तारण मास्टर प्लान लागू होने के साथ स्वत: ही हो जाएगा। इनमें चक 7 ई छोटी मुरब्बा नंबर 4 , 5 व 6 रोड को सुविधा क्षेत्र से निकालकर आवासीय का क्षेत्र में घोषित करने, प्लाट में से पार्क को हटा देने, नए मास्टर प्लान से बस स्टैंड निरस्त कर कृषि भूमि ही रखने, सड़क को मिश्रित उपयोग की घोषित करने, मास्टर प्लान में यदि सड़क की चौड़ाई बढ़ती है तो प्लाट व दुकान के नुकसान की भरपाई सुनिश्चित करने तथा वर्तमान में जो सड़क है, वह उतनी ही रखने के संबंध में हैं।
उन्होंने बताया कि अधिकांश आपत्तियां एसएसबी रोड व जस्सासिंह मार्ग के संबंध में हैं। इन दोनों मार्गों से पूर्व में अतिक्रमण हटा कर इनको चौड़ा करने का काम किया गया था। उस वक्त लोगों ने स्वैच्छा से मार्ग चौड़ा करने के लिए अपने मकान, दुकान व भूखण्डों का अगला हिस्सा समर्पित कर दिया था। जस्सासिंह मार्ग (100 फीट) के लोगों ने शेष जगह पर दुकानों का निर्माण कर लिया है। इस कारण इस मार्ग को मिश्रित प्लान में लेने की मांग आपत्तियों के साथ की जा रही है।
इसी प्रकार यूआईटी ने पूर्व में एसएसबी रोड की चौड़ाई 80 फीट मानते हुए अतिक्रमण हटाए थे। अब नए मास्टर प्लान में इस रोड की चौड़ाई 35 मीटर (120 फीट) बताई जा रही है। इस कारण इस मार्ग के लोगों को अपने बचे हुए मकान व दुकान भी टूटने की आशंका सताने लगी है। इसी आशंका से ग्रस्त लोग नए मास्टर प्लान में भी एसएसबी रोड को 80 फीट रखने की मांग  के साथ आपत्तियां दर्ज करवा रहे हैं।


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