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सीधे, सहज और सरल राजकुमार गौड़ की सादगी को ना लगे 'दिखावेÓ का ग्रहण

- आम जनता नहीं चाहती विधायक के व्यक्तित्व को बदलते हुए देखना
- समर्थकों की भावनाएं अपनी जगह हैं मगर अपनी छवि को बरकरार रखना गौड़ की जिम्मेदारी
श्रीगंगानगर। हाल में विधायक राजकुमार गौड़ का जन्मदिन था। इस मौके पर उनके समर्थकों और कार्यकर्ताओं में खूब जोश-खरोश नजर आया। शहर को शुभकामनाओं वाले होॢडंग्स और बैनरों से पाट दिया गया। गौड़ के घर पर अनेक लोग केक लेकर पहुंचे और बधाई व शुभकामनाएं देकर फोटो खिंचवाए गए। आम जनता को यह सब 'दिखावेÓ के रूप मेंं लगा है। शहर के लोगों को एक सीधे, सहज, सरल और सर्वसुलभ नेता के रूप में ही राजकुमार गौड़ पसंद हैं। लोग गौड़ को बदलता हुआ नहीं देखना चाहते।
आम तौर पर होता यही आया है कि जब किसी व्यक्ति के पास सत्ता और पैसा आ जाता है तो उसके परिवर्तन दिखाई देने लगता है। पंूजीपति, चापलूस  और मतलब परस्त लोग घेर लेते हैं। असामाजिक तत्व भी इर्द-गिर्द रहने लगते हैं। इर्द-गिर्द जमा होने वाली भीड़ अच्छों-अच्छों का दिमाग सातवें आसमान पर पहुंचा देती है लेकिन साल भर हो गया राजकुमार गौड़ को विधायक बने, लोगों का मानना है कि उनके पांव अभी तक तो धरातल पर टिके हुए हैं। अभी तक ऐसा कुछ नजर नहीं आया था, जिससे लगे राजकुमार गौड़ के चाल, चेहरे और चरित्र में कोई बदलाव आ रहा है। एक साल में हाल में मनाया गया उनका जन्मदिन ही एक मात्र ऐसा उदाहरण है, जिसके बारे में आम लोग चर्चा करते नजर आए।
राजकुमार गौड़ आम जनता में से उठकर विधायक पद तक पहुंचने वाले नेता हैं। लोगों ने दशकों तक उन्हें एक साधारण कार्यकर्ता के रूप में कांग्रेस के कार्यक्रमों में काम करते हुए देखा है। वह शहर के हर व्यक्ति के सुख-दुख में एक परिजन के रूप में ही शरीक होते रहे हैं। शहर की समस्याओं और विकास के लिए गौड़ हर आंदोलन में अग्रणी रहे हैं। उनकी छवि एक आम आदमी की है, जिसमें बदलाव न तो जनता देखना पसंद करेगी और न ही इसमें कोई परिवर्तन गौड़ के लिए ही मुनासिब रहेगा।
गौड़ के जन्मदिन के मौके पर हुआ धूम-धड़ाका भले ही उनके समर्थकों तथा कार्यकर्ताओं के उत्साह के अतिरेक का परिणाम हो मगर इसकी वजह से कोई गलत संदेश न जाए, इसका ध्यान तो गौड़ को रखना ही होगा। जहां गौड़ अपने सादगी पूर्ण व्यक्तित्व के लिए जाने जाते हैं, वहीं वह उन मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के भी करीब हैं, जिन्हें दिखावा जरा सा भी पसंद नहीं है। सीधे-सहज गौड़ की सादगी को दिखावे का ग्रहण न लगे, ऐसी दुआ जनता तो करती ही है, इस बात का स्वयं गौड़ और उनके समर्थकों को भी ख्याल रखना होगा।


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