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प्रभारी सचिव व मंत्री हर महीने जिलों में करेंगे जन सुनवाई

- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जिला कलेक्टर्स को वीडियो काँफ्रेंस में दिए निर्देश, झुंझुनूं एसडीएम व तहसीलदार को किया संस्पैंड
श्रीगंगानगर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज वीडियो काँफ्रेंस के माध्यम से श्रीगंगानगर सहित सभी जिला कलेक्टर्स को दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रभारी सचिव और प्रभारी मंत्री हर माह अपने-अपने जिलों का दौरा करेंगे और वहां जन सुनवाई कर लोगों की समस्याओं का मौके पर ही निस्तारण करें। इसके अलावा 20 सूत्री कार्यक्रम और सतर्कता समिति की बैठक होनी चाहिए। सतर्कता समिति में पहले से नियुक्त निजी व्यक्तियों को हटाया जाएगा और उनके स्थान पर अन्य व्यक्ति लगाए जाएंगे ताकि कामकाज में तेजी लाई जा सके। उन्होंने जिला कलेक्टर्स से कहा कि मासिक बैठक में समस्याएं हल होनी चाहिएं। श्रीगंगानगर में खाद्य सुरक्षा योजना के बारे में जानकारी ली। यहां जिला रसद अधिकारी राकेश सोनी ने बताया कि पात्र व्यक्तियों को शत-प्रतिशत गेहूं का वितरण किया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि जो अपात्र हैं, उन्हें इस सूची से हटाया जाए। 181 हैल्पलाइन में दर्ज प्रकरणों को भी शीघ्रता से निपटाएं।
मुख्यमंत्री ने झुंझनूं जिला प्रशासन से मूल निवास आदि न बनने का कारण पूछा तो वहां अधिकारी बजट न होने का रोना रोने लगे। इस पर सीएम ने तहसीलदार और एसडीएम को संस्पैंड करने के निर्देश दे दिए। मौके पर ही जिला कलेक्टर झुंझुनूं ने इन दोनों अधिकारियों को लम्बित करने का आदेश दे दिया। वीडियो काँफ्रेंस के दौरान पंचायती राज, राजस्व विभाग में हो रहे कार्यों की जानकारी ली गई। श्रीगंगानगर में वीडियो काँफ्रेंस में जिला कलेक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते, प्रवर्तन अधिकारी सुरेश कुमार सहित अनेक अधिकारी उपस्थित थे।

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