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ऑन रिकॉर्ड रात को 12 घंटे गश्त करती है पुलिस

- ऑफ रिकॉर्ड नजर तो नहीं आती
श्रीगंगानगर। पुलिस की रात्रिकालीन गश्त 12 घंटे तक होती है। जिले भर के थानों की पुलिस अपने-अपने इलाके में मोबाइल व पैदल गश्त पर रहती है। इसके बावजूद घटनाएं होती रहती हैं। हकीकत में यह गश्त कहां होती है यह जांच का विषय है।
पुलिस प्रशासन से मिली जानकारी के अनुसार शहर में कोतवाली, पुरानी आबादी, सदर व जवाहरनगर पुलिस रात आठ बजे से सुबह आठ बजे तक गश्त पर रहती है। सभी थाने अपने-अपने इलाके में मुख्य प्वाइंट पर होमगार्ड के जवानों को तैनात करते हैं। नाइट ड्यूटी अधिकारी भी पूरी रात मोबाइल गश्त पर रहते हैं।
पुलिस कन्ट्रोल रूम रात भर कुछ घंटों के अंतराल में मोबाइल गश्त की लोकेशन लेता है। संबंधित पुलिस थाने की मोबाइल अपने-अपने इलाके में मुख्य मार्गो से पूरे इलाके में गश्त करती है। इसके बावजूद रात भर पुलिस को कोई भी संदिग्ध हत्थे नहीं चढ़ता। पुलिस की मोबाइल गश्त व होमगार्ड की पैदल गश्त को चैक करने की जिम्मेदारी हर रात एक एसएचओ की रहती है। पुलिस की गश्त को चैक करने के लिए एसएचओ की ड्यूटी रोटेशन से लगती है। जांच अधिकारी को कभी पुलिस कर्मी अनुपस्थित नहीं मिलते। यह बात गले में नहीं उतरती है।
हैदराबाद में पशु चिकित्सक से दुष्कर्म के बाद उसकी हत्या करने व शव को जला देने की घटना से पूरा देश हैरान है। इस घटना को लेकर डीआईजी ने बुधवार को संभाग के पुलिस अधीक्षकों की बैठक लेकर रात्रिकालीन गश्त को चुस्त करने के निर्देश दिए हैं, लेकिन पुलिस की गश्त पुरानी परीपाटी पर चल रही है। देर रात घर लौटने वाले लोग नशेड़ी युवकों से लूटपाट के शिकार होते रहते हैं।


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