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त्रिकोणीय मुकाबले में बिगड़ सकते हैं समीकरण

- फिर सर्वाधिक मतों वाला चुना जाएगा सभापति
श्रीगंगानगर। नगरपरिषद सभापति चुनाव में जिस उम्मीदवार को सबसे अधिक पार्षद मत देंगे, वही सभापति चुना जाएगा। दो उम्मीदवार आमने-सामने रहते हैं तो स्पष्ट है कि कम से कम 33 मत चाहिए, लेकिन तीन या अधिक उम्मीदवारों की स्थिति में वोटों का बंटवारा होने पर जिसको अधिक मत मिलेंगे वही जीतेगा। यानि फिर पार्षदों के मत बंट जाएंगे। तीन में से जिसने ज्यादा मत प्राप्त किए। उसे सभापति चुन लिया जाएगा।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस बार चुनाव में दो से भी ज्यादा सभापति पद के उम्मीदवार हो सकते हैं। अब देखना यह है होगा कि ये उम्मीदवार कौन होते हैं और किसी तरह से पार्षदों को अपने पक्ष में करते हैं।
नगरपरिषद में 24 पार्षद भाजपा के, 22 निर्दलीय और 19 पार्षद कांग्रेस के हैं।
बबीता गौड़ व नीलू दावड़ा ने सभापति के लिए फार्म लिया
कांग्रेस की ओर से दोपहर तक कोई नहीं पहुंचा, लोकसूचना जारी
श्रीगंगानगर। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही प्रमुख पार्टियों में सभापति पद को लेकर जबरदस्त कशमकश चल रही है। हालांकि अभी दोनों ही पार्टियों के नेता अपना-अपना सभापति बनाने का दावा कर रहे हैं। बुधवार को लोकसूचना जारी होने के बाद भाजपा की ओर से सभापति की दावेदार बबीता गौड़ व नीलू दावड़ा ने जिला परिषद से फार्म लिया है। संभवत: कल नामांकन पत्र दाखिल किया जाएगा। दोपहर तक कांग्रेस की ओर से किसी भी पार्षद ने सभापति पद के लिए फार्म नहीं लिया था।

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