निर्दलीय उम्मीदवारों के सहारे पार हो सकती है कांग्रेस की नाव
- सूरतगढ़ नगर पालिका चुनाव-2019
श्रीगंगानगर। सूरतगढ़ नगर पालिका चुनाव में मतदान में एक दिन शेष रहते उम्मीदवारों ने व्यक्तिगत रूप से जनसम्पर्क किया। अंतिम दिन उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर लोगों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील की। इस बीच, चुनावी माहौल से लग रहा है कि निर्दलीय उम्मीदवारों के सहारे कांग्रेस नगरपालिका में बोर्ड बनाने में कामयाब हो सकती है।
जानकारों का मानना है कि सूरतगढ़ नगरपालिका के 45 वार्डांे में कांग्रेस और भाजपा के जीत का गणित बिगाडऩे में निर्दलीय उम्मीदवारों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। दोनों ही पार्टियों की ओर सेटिकट वितरण में कमी रही, जिसकी वजह से बागियों को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोंकने का मौका मिल गया। संभावना है कि अबकि बार चुनाव मैदान में उतरे कई निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि दोनों ही पाटियों को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। नगर पालिका में बोर्ड बनाने के लिए कांग्रेस-भाजपा को निर्दलीय उम्मीदवारों का सहारा लेना पड़ सकता है।
हालांकि शनिवार को मतदान से पूर्व अगर स्थिति बदल जाए तो परिणाम इस संभावना से अलग भी हो सकता है।
इस बीच, शुक्रवार को भी कांग्रेस-भाजपा सहित निर्दलीय उम्मीदवारों ने प्रचार में ताकत झोंके रखी। मतदान में कुछ ही घंटे रहते देख सभी उम्मीदवारों ने व्यक्तिगत प्रचार पर जोर दिया। घर-घर जाकर उम्मीदवारों ने मतदाताओं से अपने-अपने पक्ष में वोट भुगताने की अपील की।
श्रीगंगानगर। सूरतगढ़ नगर पालिका चुनाव में मतदान में एक दिन शेष रहते उम्मीदवारों ने व्यक्तिगत रूप से जनसम्पर्क किया। अंतिम दिन उम्मीदवारों ने घर-घर जाकर लोगों से अपने पक्ष में वोट देने की अपील की। इस बीच, चुनावी माहौल से लग रहा है कि निर्दलीय उम्मीदवारों के सहारे कांग्रेस नगरपालिका में बोर्ड बनाने में कामयाब हो सकती है।
जानकारों का मानना है कि सूरतगढ़ नगरपालिका के 45 वार्डांे में कांग्रेस और भाजपा के जीत का गणित बिगाडऩे में निर्दलीय उम्मीदवारों की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। दोनों ही पार्टियों की ओर सेटिकट वितरण में कमी रही, जिसकी वजह से बागियों को निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में ताल ठोंकने का मौका मिल गया। संभावना है कि अबकि बार चुनाव मैदान में उतरे कई निर्दलीय उम्मीदवार कांग्रेस-भाजपा के उम्मीदवारों पर भारी पड़ सकते हैं। माना जा रहा है कि दोनों ही पाटियों को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। नगर पालिका में बोर्ड बनाने के लिए कांग्रेस-भाजपा को निर्दलीय उम्मीदवारों का सहारा लेना पड़ सकता है।
हालांकि शनिवार को मतदान से पूर्व अगर स्थिति बदल जाए तो परिणाम इस संभावना से अलग भी हो सकता है।
इस बीच, शुक्रवार को भी कांग्रेस-भाजपा सहित निर्दलीय उम्मीदवारों ने प्रचार में ताकत झोंके रखी। मतदान में कुछ ही घंटे रहते देख सभी उम्मीदवारों ने व्यक्तिगत प्रचार पर जोर दिया। घर-घर जाकर उम्मीदवारों ने मतदाताओं से अपने-अपने पक्ष में वोट भुगताने की अपील की।
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