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फेस्टीवल सीजन से पहले 'लालÓ हुईं हरी सब्जियां

- लहसुन के बाद आलू-प्याज के दाम भी बढ़े
श्रीगंगानगर। मानसून की विदाई के बाद देश की प्रमुख मंडियों में प्याज, टमाटर समेत हरी सब्जियों की आवक में सुधार होने की संभावनाओं के बीच इनकी आसमान छूती महंगाई पर ब्रेक जरूर लग गया है, लेकिन खुदरा कीमतें अभी भी इतनी ऊंची हैं कि रसोई का बजट बिगड़ गया है।
इस वक्त बाजार में लगभग हर हरी सब्जी 50-80 रुपए किलो भाव से बिक रही है। राजस्थान, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पटना समेत भारत के लगभग ज्यादातर हिस्सों में हरी सब्जियां महंगी हो गई हैं। लहसुन के दाम आसमान पर पहुंचने से मुश्किल और बढ़ी है। आंकड़ों के अनुसार, सब्जियों की महंगाई दर बीते महीने सितंबर में 15 फीसदी बढ़ी है, वहीं खुदरा दुकानों पर सब्जियों के दाम दोगुना से ज्यादा बढ़े हैं। प्याज और टमाटर की कीमतों को नियंत्रण में रखने की सरकार की कोशिशों के बावजूद देश के प्रमुख शहरों में उपभोक्ताओं को प्याज 50 रुपये प्रति किलो से ऊपर के भाव पर मिल रहा है। टमाटर 60-80 रुपये किलो बिक रहा है जबकि लहसुन 250-300 रुपये प्रति किलो है। अन्य हरी सब्जियों के दाम भी काफी ऊंचे हैं। आलू के दाम भी बढकर 20-30 रुपए प्रति किलो पहुंच गया है।
इसी तरह मटर, घीया, फूलगोभी, हरी मिर्च, बैंगन के भाव भी सप्ताह भर पहले के मुकाबले तेज हुए हैं। 40 रुपए प्रति किलो से कम भाव किसी सब्जी के नहीं हैं। फूलगोभी 50 रूपए से अधिक मूल्य पर बिक रही है। अन्य सब्जियों के भावों में भी तेजी बनी हुई है।


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