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डमी सॉफ्टवेयर से प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र मामले में दो केन्द्रों पर कार्रवाई

- एक वैन सहित दोनों का लाइसेंस सस्पेंड
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बनाने का लाइसेंस लेकर डमी सॉफ्टवेयर के जरिए प्रमाणपत्र जारी करने के मामले में परिवहन विभाग ने  इलाके के एक पेट्रोल पम्प पर स्थित प्रदूषण जांच केन्द्र व एक वैन के खिलाफ कार्रवाई की है। विभागीय कार्रवाई के बाद इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कराई जाएगी।
जिला परिवहन अधिकार सुमन डेलू ने बताया कि आरईआईएल से विभाग को सूचना मिली थी कि मैसर्स नारायण मोबाइल पोल्यूशन चैकिंग सेंटर व जैतसर में मनसाराम पुत्र दानाराम लाइसेंस लेकर पेट्रोल पम्प पर फर्जी सॉफ्टवेयर के जरिए प्रदूषण नियंत्रण प्रमाणपत्र बना रहे हैं। इस सूचना पर  परिवहन दल ने लगातार निगरानी के बाद दोनों के खिलाफ साक्ष्य जुटाए। अब दोनों का अनुज्ञापत्र निलम्बित कर रिपोर्ट मुख्यालय को भिजवा दी है। वैन को सीज करने के बाद दोनों केन्द्रों के साफ्टवेयर की जांच करवाई जा रही है। जांच के बाद एफआइआर दर्ज करवाई जाएगी।
ध्यान रहे फर्जी सॉफ्टवेयर से पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने का खेल पूरे प्रदेश में बड़े स्तर पर खेले जाने का खुलासा होने के बाद परिवहन विभाग ने राजस्थान इलेक्ट्रोनिक्स एंड इन्स्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) से जांच कराई तो फर्जीवाड़ा पकड़ में आ गया। इस फर्जीवाड़े में श्रीगंगानगर क्षेत्र के भी अनेक केन्द्र शामिल होने की आशंका के चलते जांच करवाई जा रही है।
ऐसी जांच के दौरान ही संयुक्त  परिवहन आयुक्त प्रदूषण जांच डॉ. भजनलाल रोलन के निर्देश पर जैतसर स्थित एक पेट्रोल पम्प के जांच केन्द्र व सूरतगढ़ क्षेत्र की मोबाइल वैन सेन्टर पर कार्रवाई की गई है।


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