शऽऽऽ... शऽऽऽ... खामोश! सो रही है श्रीगंगानगर जिला पुलिस!
- ठगी, लूट व धोखाधड़ी की वारदातें बढ़ी
- पुलिस सट्टा व शराब की अवैध ब्रांचें खुलवाने में व्यस्त
श्रीगंगानगर। प्रदेश में सत्ता व पुलिस महकमे के मुखिया जरूर बदले हंै, लेकिन पुलिस का ढर्रा नहीं बदला। पुलिस उसी 'परम्पराÓ पर काम कर रही है, जिस पर पहले करती थी। जिले भर में करोड़ों रुपए की ठगी, धोखाधड़ी, लूट व छीना-झपटी की वारदातें बढ़ रही हैं और पुलिस शराब की अवैध ब्रांचें, सट्टे की दुकानें व अवैध मयखाने खोलने की परमिशन बांट रही है। जिले भर में हालत चिंतानजक बने हुए हैं। ठगी के शिकार हुए लोग पुलिस थानों के चक्कर काट कर न्याय मांगते-मांगते हार जाते हैं और निराश होकर घर बैठ जाते हैं। पुलिस जैसे फरियादियों से कोई ताल्लुक नहीं रखती। जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने बैठे हैं। ना भूत ना वर्तमान जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं रेंग रहीं।
जिले में बढ़ती वारदातों को लेकर प्रिंट मीडिया ऐसे समाचारों से अटा पड़ा है। बीकानेर पुलिस का सिपाही अंकित भादू के सम्पर्क में था और बदमाशों को शरण देकर उनके कहने पर पंजाब से असला तक लाकर देता था। यह पुलिस का असली चेहरा है। आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय का नारा देने वाली पुलिस अधिकतर मामलों में इसलिए एफआर लगा देती है, क्योंकि पीडि़त कुछ देता नहीं है। पुरानी आबादी व कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र में शराब की अवैध ब्रांचें व पर्ची सट्टे की दुकानों की बढ़ती संख्या से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस अपने कत्र्तव्य के प्रति कितनी इमानदार है। पुरानी आबादी में मंगलवार को दिन दिहाड़े पूर्व पार्षद पे्रम नायक के पुत्र गौरव नायक की आंखों में मिर्च डाल कर साढ़े 15 लाख रुपए की नगदी लूट ली गई।
कोतवाली पुलिस थाना में मॉडल टाउन निवासी श्यामसुन्दर शर्मा पुत्र शिवनारायण ने सद्भावनानगर निवासी राधेश्याम पुत्र बाबूलाल व कन्हैयालाल के खिलाफ 22 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस का भय नहीं है, ऐसे में लोगों ने व्यापार के बहाने से बड़ी ठगी करने का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
पुलिस अगर इमानदारी से कानून की पालना करवाये, तो लोगों के हौंसले नहीं बढ़ पाते। वर्तमान में पैदा हुए हालातों से आम आदमी दुखी हैं, अपराध की डगर पर चलने वाले फल फूल रहे हैं। ठगों व चोरों को भरोसा है कि बस कुछ मैनेज हो जाता है। पीडि़त का पैसा वापिस आये या न आये, इससे जांच अधिकारियों को कोई मतलब नहीं है।
कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र में पिछले कुछ समय पूर्व महिलाओं के गले से सोने की चैन तोडऩे की आधा दर्जन से अधिक वारदातें हुई, लेकिन आज तक एक भी झपटमार नहीं पकड़ा गया। नेताओं की मेहरबानी से अफसर अपनी कुर्सी बचाये बैठे हैं और जनता भी सबकुछ बर्दाश्त करने को मजबूर है।
- पुलिस सट्टा व शराब की अवैध ब्रांचें खुलवाने में व्यस्त
श्रीगंगानगर। प्रदेश में सत्ता व पुलिस महकमे के मुखिया जरूर बदले हंै, लेकिन पुलिस का ढर्रा नहीं बदला। पुलिस उसी 'परम्पराÓ पर काम कर रही है, जिस पर पहले करती थी। जिले भर में करोड़ों रुपए की ठगी, धोखाधड़ी, लूट व छीना-झपटी की वारदातें बढ़ रही हैं और पुलिस शराब की अवैध ब्रांचें, सट्टे की दुकानें व अवैध मयखाने खोलने की परमिशन बांट रही है। जिले भर में हालत चिंतानजक बने हुए हैं। ठगी के शिकार हुए लोग पुलिस थानों के चक्कर काट कर न्याय मांगते-मांगते हार जाते हैं और निराश होकर घर बैठ जाते हैं। पुलिस जैसे फरियादियों से कोई ताल्लुक नहीं रखती। जनप्रतिनिधि मूकदर्शक बने बैठे हैं। ना भूत ना वर्तमान जनप्रतिनिधियों के कानों पर जूं रेंग रहीं।
जिले में बढ़ती वारदातों को लेकर प्रिंट मीडिया ऐसे समाचारों से अटा पड़ा है। बीकानेर पुलिस का सिपाही अंकित भादू के सम्पर्क में था और बदमाशों को शरण देकर उनके कहने पर पंजाब से असला तक लाकर देता था। यह पुलिस का असली चेहरा है। आमजन में विश्वास, अपराधियों में भय का नारा देने वाली पुलिस अधिकतर मामलों में इसलिए एफआर लगा देती है, क्योंकि पीडि़त कुछ देता नहीं है। पुरानी आबादी व कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र में शराब की अवैध ब्रांचें व पर्ची सट्टे की दुकानों की बढ़ती संख्या से यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि पुलिस अपने कत्र्तव्य के प्रति कितनी इमानदार है। पुरानी आबादी में मंगलवार को दिन दिहाड़े पूर्व पार्षद पे्रम नायक के पुत्र गौरव नायक की आंखों में मिर्च डाल कर साढ़े 15 लाख रुपए की नगदी लूट ली गई।
कोतवाली पुलिस थाना में मॉडल टाउन निवासी श्यामसुन्दर शर्मा पुत्र शिवनारायण ने सद्भावनानगर निवासी राधेश्याम पुत्र बाबूलाल व कन्हैयालाल के खिलाफ 22 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के आरोप में मुकदमा दर्ज करवाया है। पुलिस का भय नहीं है, ऐसे में लोगों ने व्यापार के बहाने से बड़ी ठगी करने का रास्ता अख्तियार कर लिया है।
पुलिस अगर इमानदारी से कानून की पालना करवाये, तो लोगों के हौंसले नहीं बढ़ पाते। वर्तमान में पैदा हुए हालातों से आम आदमी दुखी हैं, अपराध की डगर पर चलने वाले फल फूल रहे हैं। ठगों व चोरों को भरोसा है कि बस कुछ मैनेज हो जाता है। पीडि़त का पैसा वापिस आये या न आये, इससे जांच अधिकारियों को कोई मतलब नहीं है।
कोतवाली पुलिस थाना क्षेत्र में पिछले कुछ समय पूर्व महिलाओं के गले से सोने की चैन तोडऩे की आधा दर्जन से अधिक वारदातें हुई, लेकिन आज तक एक भी झपटमार नहीं पकड़ा गया। नेताओं की मेहरबानी से अफसर अपनी कुर्सी बचाये बैठे हैं और जनता भी सबकुछ बर्दाश्त करने को मजबूर है।
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