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चौदह को मंत्रिमंडल की बैठक मेंं हो सकता है फैसला

- चेयरमैन का चुनाव जनता करेगी या पार्षद, अभी असमंजस बरकरार
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। निकाय प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता करेगी या निर्वाचित पार्षद करेंगे, इस बारे में लम्बे समय से बनी असमंजस की स्थिति अभी तक दूर नहीं हुई है, लेकिन संभावना जताई जा रही है कि राज्य मंत्रिमंडल की 14 अक्टूबर को होने वाली बैठक में इस बारे में फैसला किया जा सकता है। इस बारे में फैसले की ओर श्रीगंगानगर समेत राज्य के विभिन्न शहरों के लोगों की निगाहें लगी हुई हैं।
नगर निगम के महापौर, नगर परिषद के सभापति और नगर पालिका के अध्यक्ष का चुनाव किस तरीके से होता है, इसका निर्धारण राज्य सरकार की मर्जी पर निर्भर है। वर्ष 2009 में नया नगरपालिका अधिनियम लागू किया गया था। इस अधिनियम के तहत बने नियमों के अनुसार ही निकाय प्रमुखों का निर्वाचन किया जाता है। तब पहली बार प्रदेश की दूसरी अशोक गहलोत सरकार के समय महापौर, सभापति और अध्यक्षों को जनता ने वोट देकर चुना था। तब कई नगर निगमों में कांग्रेस के महापौर बने थे। बाद में आई भाजपा सरकार ने इस नियम में संशोधन कर दिया। वर्ष 2014 में पार्षदों के बहुमत से निकाय प्रमुख चुने गए। अब जब तीसरी बार प्रदेश में अशोक गहलोत सरकार बनी तो नियमों में फिर बदलाव कर प्रत्यक्ष तरीके से ही निकाय प्रमुख के चुनाव कराने का फैसला किया। पिछले साल प्रदेश कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए जारी घोषणा पत्र में निकाय प्रमुख का प्रत्यक्ष चुनाव कराने वादा किया था और गहलोत सरकार के गठन के बाद हुई पहली ही कैबिनेट की बैठक में  निकाय प्रमुखों का चुनाव सीधे जनता से कराने का फैसला किया गया। स्वायत्त शासन विभाग ने नियमों में संशोधन के लिए अधिसूचना भी जारी कर दी मगर कांग्रेस में ही अंदरखाने इस मामले में पुनर्विचार करने की मांग उठ रही है। कांग्रेस पार्टी का एक वर्ग प्रत्यक्ष चुनाव तो दूसरा वर्ग अप्रत्यक्ष चुनाव कराने की वकालत कर रहा है। यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल को मामले में रिपोर्ट देने की जिम्मेदारी दी गई है। बताया जा रहा है कि धारीवाल के नेतृत्व वाली समिति ने अपनी रिपोर्ट बना कर सरकार को सौंप दी है। इस रिपोर्ट के आधार पर ही मुख्यमंत्री अशोक गहलोत फैसला लेंगे। सूत्रों के अनुसार, मामले में  कैबिनेट में आम सहमति से निर्णय हो सकता है। हालांकि इस बैठक की कोई अधिकारिक जानकारी किसी को नहीं है। यदि सीएम 14 अक्टूबर को जयपुर हुए तो बैठक बुलाई जा सकती है।


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