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स्थानीय निकाय चुनाव लडऩा चाहते हैं तो जान लीजिए ये नियम

- कहीं चुनाव लडऩे के अयोग्य तो नहीं हैं आप?
श्रीगंगानगर। नगर परिषद के चुनावों की सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। बीस अक्टूबर को लॉटरी के जरिए आरक्षण भी तय हो जाएगा। इसी के साथ सरगर्मियां जोर पकड़ लेंगी। अनेक लोग पार्षद बनने के लिए नामांकन भरने की तैयारी कर रहे हैं लेकिन नगर पालिका अधिनियम के तहत कुछ लोगों के चुनाव लडऩे पर पाबंदी है और इसे 'डिसक्वालीफिकेशनÓ माना जाता है।
ऐसे में चुनाव लडऩे के ख्वाहिशमंद प्रत्याशियों को यह जान लेना जरूरी है कि कानून के तहत कोई ऐसी पाबंदी तो नहीं है, जिसकी वजह से चुनाव बाद में निरस्त हो जाए।
राजस्थान नगर पालिका अधिनियम की धारा 24 में निकाय चुनाव के लिए सामान्य डिस क्वालीफिकेशन बताई गई हैं। इसके अनुसार निकाय चुनाव लडऩे से कोई व्यक्ति डिसक्वालिफाई होगा -
जानिए, कौन नहीं
लड़ सकता चुनाव
- अगर कोई व्यक्ति किसी सक्षम न्यायालय द्वारा नैतिक अधमता से जुड़े किसी अपराध के लिए या किसी भी अन्य अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो और छह महीने या अधिक के कारावास से दंडित किया गया हो
- अगर किसी व्यक्ति को नगर पालिका कानून की धारा 245 के तहत पालिका भूमि पर अतिक्रमण का दोषी ठहराते हुए सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
- यदि किसी व्यक्ति को ऐसे सक्षम न्यायालय के जिसने अपराध का संज्ञान लिया हो और उसके विरुद्ध पांच वर्ष व उससे अधिक के कारावास के दंडनीय किसी अपराध के लिए लंबित प्रकरण में आरोप तय कर दिए हों।
- यदि कोई खाद्य अपमिश्रण अधिनियम के अधीन किसी अपराध के लिए सिद्ध दोष ठहराया गया हो।
- वह व्यक्ति जो सीआरपीसी की धारा 110 के तहत पाबंद किया गया हो लेकिन पाबंदी की अवधि समाप्त होने के बाद यह डिसक्वालीफिकेशन नहीं रहेगा।
- यदि वह सरकारी नौकरी में रहते हुए मिस कंडक्ट का दोषी रहा हो और इसकी वजह से उसे नौकरी से हटाया गया हो।
- यदि वह व्यक्ति प्रोफेशन प्रेक्टिशनर रहा हो और उसे ऐसी प्रेक्टिस से सक्षम अधिकारी द्वारा आदेश जारी कर हटाया गया हो।
- यदि वह व्यक्ति नगर निगम की प्रदान शक्ति या व्यवस्था के अंतर्गत कोई लाभ का पद धारण करता हो।
- नगर पालिका कानून की धारा 35 के तहत चुनाव संबंधी अपराध या भ्रष्ट आचरण का दोषी रहा हो या धारा 41 के अंतर्गत अयोग्य घोषित किया गया हो।
- यदि वह व्यक्ति विधानसभा चुनाव लडऩे के लिए अयोग्य घोषित हो।
- अगर वह व्यक्ति किसी केंद्रीय या राज्य सरकार या किसी स्थानीय प्राधिकारी के अधीन वैतनिक या अंशकालिक नियुक्ति धारण करता हो।
- अगर वह व्यक्ति किसी विश्वविद्यालय या निगम, निकाय, उद्यम या सहकारी सोसायटी जो राज्य सरकार द्वारा नियंत्रित या पूर्णत: या अंश: वित्त पोषित हो के अधीन कोई वैतनिक या अंशकालिक नियुक्ति धारण करता हो।
- यदि वह व्यक्ति दिवालिया घोषित हो।
- यदि वह व्यक्ति किसी सक्षम न्यायालय से विकृत चित घोषित किया गया हो।
- नगर निगम के साथ या उसके अधीन खुद या उसके परिवार का कोई सदस्य, भागीदार, नियोजक या कर्मचारी रहते हुए ठेकेदारी या अन्य कार्य में शामिल हो या उसके प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से कोई हिस्सेदारी हो।
- उम्मीदवार के रूप में नामांकन भरते समय नगर निगम की ओर से वैतनिक विधि व्यवसायी के रूप में नियुक्त व्यक्ति या किसी न्यायालय में ऐसी नगरपालिका के विरुद्ध वकील के रूप में पैरवी कर रहा हो या उस अवधि के लिए जिसके लिए वह निर्वाचित हुआ है, ऐसी नगर पालिका के विरुद्ध विधि व्यवसायी के रूप में नियोजन स्वीकार करता हो।
- अगर किसी व्यक्ति के दो से अधिक संतानें हैं।
- ऐसा कोई व्यक्ति जो नगर पालिका का देनदार हो और दो साल से ज्यादा की बकाया हो और जिसके खिलाफ वसूली के लिए कार्रवाई की जा रही हो।
- यदि उस व्यक्ति को सक्षम न्यायालय ने किसी ऐसे अपराध के लिए दोषसिद्ध ठहराया गया हो, जिसमें नगर पालिका की संपत्ति या निधि के दुर्विनियोग या गबन शामिल हो। उपरोक्त नियम के अंतर्गत कुछ सामान्य अपवाद भी हैं।
कौन लड़ सकता है निकाय चुनाव
राजस्थान नगरपालिका (निर्वाचन) नियम 1994 में संशोधन कर दिया गया है और इसकी अधिसूचना 16 अक्टूबर को स्वायत्त शासन विभाग द्वारा जारी कर दी गई। नगर निकाय चुनाव लडऩे के लिए प्रत्याशी की अर्हताएं क्या हैं, यह जानना लोगों के लिए उत्सुकता का विषय है। प्रत्याशी को भारतीय नागरिक होना चाहिए। संबंधित नगर निकाय क्षेत्र का मतदाता होना जरूरी है। पार्षद पद के लिए प्रत्याशी की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और अध्यक्ष तथा मेयर पद के प्रत्याशी की उम्र 30 वर्ष निर्धारित है। नामांकन के समय प्रत्याशी के साथ दो समर्थक व दो प्रस्तावक संबंधित वार्ड का होना जरूरी है। एक वार्ड का मतदाता दूसरे वार्ड का चुनाव लड़ सकता है, लेकिन प्रस्तावक उसी वार्ड का होना जरूरी है। एक प्रत्याशी को स्वघोषणा पत्र में संपत्ति समेत मांगे गये अन्य ब्योरे देना जरूरी है। इसके लिए शपथ पत्र देना पड़ेगा। नगर परिषद के पार्षद, चेयरमैन और वाइस चेयरमैन के प्रत्याशी को 250 रुपये जमानत राशि जमा करानी होगी, जबकि आरक्षित कोटे के प्रत्याशी को 125 रुपये देने होंगे। आवासीय प्रमाण पत्र, आचरण प्रमाण पत्र की आवश्यकता नहीं है। नगर परिषद से एनओसी की भी जरूरत नहीं है। मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। आरक्षित सीट से चुनाव लड़ रहे हों, तो जाति प्रमाण पत्र देना जरूरी होगा।


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