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मोबाइल प्रदूषण जांच केंद्रों पर अब जीपीएस से निगाह

- राज्य परिवहन आयुक्त ने दिए प्रदेश में सभी पीयूसी पर जीपीएस व्यवस्था के आदेश
श्रीगंगानगर। जिले में संचालित प्रदूषण जांच केंद्रों (पीयूसी) और मोबाइल वैनों पर परिवहन विभाग की ओर से अब जीपीएस के जरिए सीधे नजर रखी जाएगी। जिले मेंं जांच के लिए अधिकृत विभिन्न पीयूसी वाहनों को जीपीएस से जोड़ दिया जाएगा। अन्य जांच केंद्रों पर भी अफसर सीधे निगरानी रखेंगे।
 परिवहन आयुक्त राजेश यादव ने एक आदेश जारी कर सात दिन में वाहनों में जीपीएस और जीओ फेसिंग कराना अनिवार्य कर दिया है। परिवहन आयुक्त ने निर्देश दिए हैं कि बिना पीयूसी के वाहन चलाने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
किसी तरह की शिकायत मिलने पर विभागीय अधिकारियों को जीपीएस लोकेशन ट्रेस करके मौके पर पहुंचकर तत्काल कार्रवाई करने की हिदायत दी गई है। आदेश के अनुसार अगर जांच में गड़बड़ी पाई जाती है तो उनके चालान भी किए जाएंगे।
प्राप्त जानकारी के अनुसार पिछले कुछ समय से परिवहन विभाग के अफसरों को शिकायतें मिल रही थीं कि वाहन स्वामी नियम विरुद्ध पीयूसी केंद्र संचालकों से सांठगांठ करके प्रदूषण जांच का सर्टिफिकेट बनवा रहे हैं। इन शिकायतों को देखते हुए अब परिवहन विभाग ने प्रदेश भर में संचालित करीब 300 पीयूसी वाहनों में जीपीएस और जीओ फेसिंग कराने के आदेश जारी किए हैं।
निर्धारित एरिया में ही करेगें काम
जिला परिवहन अधिकारी सुमन डेलू ने बताया कि पीयूसी वाहनों का संचालन निर्धारित क्षेत्र में ही किया जा सकता है। परिवहन आयुक्त के निर्देश मिलने के बाद जिले मेें संचालित 20 पीयूसी संचालकों को जीपीएस लगाने और निर्धारित एरिया में काम करने का नोटिस जारी किया गया है। सभी को अपने निर्धारित एरिया में ही काम करना होगा, जो ऐसा नहीं कर सकता, वह विभाग को सूचना देकर काम बंद कर सकता है। अन्यथा नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।


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