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श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों के 5 नाकों पर फिर शुरू होगी टोल वसूली

- दो-तीन दिन में जारी हो जाएगी अधिसूचना
श्रीगंगानगर। राज्य सरकार ने प्रदेश के स्टेट हाईवे पर निजी वाहनों के लिए फिर से टोल देना अनिवार्य कर दिया है। दो-तीन दिन में इस बारे में अधिसूचना जारी हो जाएगी और टोल नाकों पर टोल वसूलना शुरू कर दिया जाएगा। अधिसूचना जारी होने के बाद श्रीगंगानगर और हनुमानगढ़ जिलों में पांच टोल नाकों से गुजरने वाले प्राइवेट वाहनों से टोल वसूला जाएगा। सरकार के इस फैसले से जहां आम लोगों मेेंं नाराजगी है, वहीं टोल ठेकेदारों मेंं खुशी छा गई है। ठेकेदारों का कहना है कि भाजपा सरकार के फैसले से हमारी हालत खस्ता हो गई है। कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार अब श्रीगंगानगर-पदमपुर मार्ग, हनुमानगढ़-अबोहर मार्ग, सूरतगढ़-हनुमानगढ़, हनुमानगढ़-किशनगढ़ हाईवे तथा हनुमानगढ़-संगरिया मार्ग पर स्थित टोल नाकों पर फिर से टोल वसूली शुरू हो जाएगी। डेढ़ साल पहले भाजपा सरकार के फैसले से इन नाकों पर टोल वसूली बंद हो गई थी।
टोल ठेकेदारों की मानें तो भाजपा सरकार के टोल बंद करने के निर्णय से राज्य भर के ठेकेदार परेशानी में पड़े हुए थे। सरकार ने उनके करोड़ों रुपये खर्च करवा कर विभिन्न स्थानों पर सड़कें तो बनवा ली लेकिन चुनाव से पहले टोल वसूली के नियम बदल दिए। प्राइवेट वाहनों से टोल वसूली बंद कर दी गई, जिससे ठेकदार आर्थिक रूप से बदहाल हो गए।
ठेकेदारों के अनुसार हाल मेंं टोल ठेकेदारों ने राज्य सरकार को कह दिया था कि मौजूदा हालत में वह टोल नहीं कर सकते। उन्होंने सड़कों के निर्माण पर जो पैसा लगाया है, वह पैसा सरकार हमें एक फीसदी ब्याज समेत वापस कर दे और टोल वसूली सरकार ही कर ले। सरकार के पास ठेकेदारों को देने के लिए पैसा नहीं है। लिहाजा, फिर टोल वसूल करने का निर्णय किया गया है।
जानिए, क्या कहते हैं ठेकेदार
टोल ठेकेदार केके लड्ढा ने बताया कि सरकार ने टोल ठेकेदारों से न केवल संबंधित सड़क का निर्माण करवाया है, बल्कि ठेके में हर सात साल के बाद सड़क की री-कारपेट करवाने की भी शर्त है। मगर निजी वाहनों से टोल वसूली बंद होने के बाद हम लोग कहीं के नहीं रहे।
केके लड्ढा ने स्वयं का उदाहरण देते हुए बताया कि उनकी फर्म ने हनुमानगढ़-अबोहर सड़क का निर्माण 51 करोड़ रुपये की लागत से करवाया है। इसमें से 16 करोड़ खुद ने लगाए और 35 करोड़ रुपये बैंक से लोन लिया मगर टोल वसूली बंद होने के बाद बैंक की किस्तें ही नहीं भर पा रहे हैं। कर्मचारियों को तनख्वाह देना मुश्किल हो रहा है।


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