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जो नजर न आए विशेष अवसर, अब दिखने लगे हैं अक्सर

- आरक्षण की लॉटरी निकलते ही ऐसी पलटी खाई, कइयों के बदले रंग को देख गिरगिट भी शरमाई
श्रीगंगानगर। शहर की सरकार के लिए बहुत जने तैयार। शहर की सबसे बड़ी पंचायत में 'पंचायतीÓ के लिए आतुर लोगों के चेहरे आने लगे हैं सामने। वार्डों के आरक्षण की लॉटरी निकलते ही बहुतों के अरमानों के पंख फडफ़ड़ाने लगे हैं, मनमाफिक आरक्षण नहीं होने से कइयों के तो दिल के अरमान धरे रह गए हैं।
जिला कलक्ट्रेट के सभागार में वार्डों के आरक्षण की लॉटरी निकलने के तुरंत बाद कई जनों ने तो गिरगिट को शरमाने वाली तेजी से रंग बदल लिया है। आरक्षण होते ही इन्हें लगने लगा है कि वे ही अपने वार्ड के सबसे मजबूत ऐसे व्यक्ति हैं जो सर्वाधिक वार्डवासियों के दिलों पर राज करते हैं। यह अलग बात है कि ऐसी सोच रखने वालों में काफी ऐसे भी हैं जो अवसर विशेष तक पर नजर नहीं आते थे, अब अकसर दिखने लग गए हैं।
करों में कटौती के बाद बाजार में बढ़ी रंगत की चर्चा से कहीं अधिक चर्चा का विषय शहर में शहर की सरकार की भावी तस्वीर है। जिसे देखे अपने या अपनों के वार्ड की बात करता नजर आता है। बात शुरू होती है मौजूदा पार्षद की स्थिति से और समाप्त होती है कौन बनेगा आगामी पार्षद के परस्पर सवालों और जवाबों पर। सभी के अपने-अपने कयास। कोई कहता है कि वो इक्कीस रहेगा तो कुछ कहते हैं कि वह तगड़ी टक्कर देगा। किसी के लिए तो यह भी कह दिया जाता है कि उसकी तो नहीं पड़ेगी पार क्योंकि बहुत लोग रखते हैं खार।
खैर, कहा जा सकता है कि उलटी गिनती शुरू हो गई है। चुनाव कार्यक्रम की आधिकारिक घोषणा तो होगी जब होगी, चुनावी रण में उतरने के इच्छुक अपनी इच्छा का इजहार करने लग गए हैं। वार्ड में चलबल रखने वालों से चला कर बात करना, उनके यहां जाना और झुक, झुक कर मिलना-जुलना बढ़ गया है, बढ़ता जा रहा है। क्योंकि सब जानते हैं कि लोकतंत्र के महायज्ञ में आहुति डालने का समय जो नजदीक आ रहा है।


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