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सरहदों के पार भी पहुंची धोखाधड़ी, शिकायत होने पर आरोपित अध्यक्ष के खिलाफ जांच शुरू

- सहकारी समिति अध्यक्ष ने विदेश में रहने वाले अपने बेटे के नाम पर उठाया फसली ऋण
श्रीगंगानगर। धोखाधड़ी अब सरहदों के पार भी पहुंच चुकी है। जिले की एक ग्राम सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष ने विदेश में रहने वाले अपने बेटे के नाम पर फसली ऋण उठा लिया। मामला दी गंगानगर केंद्रीय सहकारी बैंक से जुड़ी 11 ईईए ग्राम सेवा सहकारी समिति का है। उजागर और शिकायत होने के बाद बैंक ने अपने स्तर पर जांच शुुरु की है।
सहकारी बैंक के प्रबंध निदेशक को सौंपी शिकायत के अनुसार बैंक की बींझबायला शाखा से सम्बद्ध 11 ईईए ग्राम सेवा सहकारी समिति लि., 11 ईईए के अध्यक्ष हरफूल सिंह जाखड़ का पुत्र नरेंद्र कुमार विदेश (वियतनाम) में रह रहा है। नियमानुसार सोसाइटी क्षेत्र में निवास करने वाले कृषि भूमि धारक को ही सोसायटी का सदस्य बनाकर सहकारी साख सुविधा का लाभ मिलता है। इसके बावजूद जाखड़ ने अपने पद का दुरूपयोग कर अपने पुत्र नरेंद्र कुमार को न केवल सोसाइटी का सदस्य बनाया, बल्कि उसकी गैर मौजूदगी में ही बैंक स्टाफ की मिलीभगत से साख सीमा स्वीकृत कर, 50 हजार रुपये का फसली ऋण स्वीकृत करवा लिया।
शिकायत के अनुसार, साख सीमा के अनुमोदन एवं ऋण स्वीकृति के पश्चात हरफूल जाखड़ ने बैंक स्टाफ की मिलीभगत से, 29 सितम्बर 2018 को अपने पुत्र नरेंद्र कुमार की चेक बुक (संख्या 3282376 से 3282400) प्राप्त कर ली, जो कि बींझबायला शाखा के चेकबुक इश्यू रजिस्ट्रर के पेज नम्बर 16 पर अंकित है। चेकबुक प्राप्त करने वाले व्यक्ति के हस्ताक्षर के स्थान पर नरेंद्र कुमार के हस्ताक्षर नहीं होकर, स्वयं सोसायटी अध्यक्ष हरफूल के हस्ताक्षर हैं। इस तरह जाखड़ ने नियमों का उल्लंघन कर न केवल विदेश में रहने वाले अपने पुत्र नरेंद्र कुमार के नाम की साख सीमा बनाई अपितु उसके नाम से स्वयं ही चेक बुक जारी करने के बाद अपने पुत्र के फर्जी हस्ताक्षर से फसली ऋण उठा लिया। नियमानुसार, सोसाइटी मैम्बर को जारी होने वाली चेक बुक ८ शेष ञ्च 2 पर
अहस्तांतरणीय होती है। यह चेक बुक केवल सदस्य को ही जारी की जाती है और उसका इस्तेमाल सदस्य ही कर सकता है। यह एक प्रकार का वाउचर होता है, जिसमें रकम भरकर सदस्य स्वयं बैंक में प्रस्तुत करता है और उसी को भुगतान दिया जाता है। जबकि जाखड़ ने अपने पुत्र के नाम की चेकबुक स्वयं ही बैंक से प्राप्त की और इसी चेक बुक के एक चेक के आधार पर बैंक स्टाफ की मिलीभगत से अपने पुत्र नरेंद्र कुमार के खाते से 50 हजार रुपये निकलवा लिये।
शिकायत पर प्रबंध निदेशक भूपेंद्र सिंह ने ऋण पर्यवेक्षक नेतराम झाझडिय़ा को जांच सौंपी है।



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