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10 हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान को

- गंगनहर की फसलें सूखने की कगार पर
- गंगनहर सहित कई वितरिकाओं की नहीं हुई सफाई, लाइनिंग में खड़े हैं पेड़
श्रीगंगानगर। पिछले तीन माह के दौरान लाखों क्यूसेक पानी पाकिस्तान छोड़ा गया है। हैरानी की बात है कि गंगनहर के किसानों को उसके हिस्से का पानी भी नहीं दिया गया। कोई न कोई कारण बनाकर इस क्षेत्र के किसानों को लगातार नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
इलाके में गुवार की फसल बिना पानी दम तोड़ चुकी है। जिस क्षेत्रों में ट्यूबवैल का पानी है, वहां थोड़ी बहुत फसल बची हुई है। शेष इलाके में पानी की कमी ने भारी नुकसान पहुंचाया है। नरमा-कपास की फसल भी पानी को तरस रही है। गंगनहर के जल स्तर में लगातार उतार-चढ़ाव बना हुआ है। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल ने बताया कि आज भी 10 हजार क्यूसेक पानी पाकिस्तान जा रहा है। बांधों में पर्याप्त पानी है। वे लबालब भर चुके हैं। उन्हें पांच फीट खाली किया गया है। इसके बावजूद गंगनहर की कई वितरिकाएं ऐसी हैं, जहां तीसरी बारी सूखी जा चुकी है। किसानों को भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है। इस बार मूंग की फसल को भी नुकसान हुआ है। जिस क्षेत्र में बारिश कम हुई, वहां सबसे अधिक नुकसान है। उन्होंने बताया कि गंगनहर में 1850 क्यूसेक पानी लिया जा रहा है। इस वजह से कई नहरें अब भी बंद पड़ी हैं।
सितम्बर में गर्मी का सितम
सितम्बर माह आधा निकलने को है। इसके बावजूद सितम्बर में गर्मी का सितम बरकरार है। किसानों का कहना है कि पहले ऐसा नहीं होता था। जलवायु परिवर्तन की वजह से गर्मी के बढऩे से फसलों पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। हालत यह है कि सरसों की बिजाई के समय तापमान कम होना चाहिए। लेकिन बढ़ रहा है। एक अक्टूबर से सरसों की बिजाई शुरू हो जाएगी, ऐसे में यदि तापमान अगले 15 दिन में कम नहीं हुआ तो किसानों के समक्ष बिजाई को लेकर संकट पैदा हो जाएगा। कृषि वैज्ञानिक भी बढ़ते तापमान को लेकर काफी चिंतित हैं।


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