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गोगामेड़ी मंदिर में भविष्य में गबन नहीं होने देगी सरकार, समिति गठित

- गोगामेड़ी मेले की सभी निविदाएं अब ई-निविदा प्रक्रिया से
श्रीगंगानगर। गोगामेड़ी मेले की व्यवस्थाओं में पारदर्शिता के लिए सभी निविदाएं ई-निविदा प्रक्रिया से जारी की जाएंगी एवं मेले में प्रतिदिन प्राप्त राशि उसी दिन बैंक में जमा कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा। मंदिर में चढ़ावे की राशि मेें गबन न होने देने के लिए सरकार ने कदम उठाए हैं। देवस्थान राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा ने विधानसभा में यह जानकारी दी है।
 अस्थायी भूखण्डों से प्राप्त राशि 20 प्रतिशत नकद और 75 प्रतिशत राशि डीडी अथवा बैंकर चैक के माध्यम से ली जाएगी एवं मेले में दक्ष कार्मिकों को लगाया जाएगा।
उन्होंने बताया कि मेले की व्यवस्था सुनिश्चित करने हेतु उपायुक्त, सहायक आयुक्त, उपखण्ड अधिकारी एवं लेखाधिकारी की एक समिति गठित कर दी गई है जिससे भविष्य में गबन जैसे मामले नहीं हों।
उन्होंने बताया कि गोगामेड़ी में हुए गबन में जांच 11 दिसम्बर 2018 को हुई थी। इस मामले में दर्ज एफआईआर में पुलिस द्वारा अनुसंधान किया जा रहा है। जिनके खिलाफ आरोप पत्र हैं उनके खिलाफ आयुक्तालय से सूचना आ गई है और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रक्रियाधीन है जिस पर जल्द ही निर्णय किया जाएगा।
डोटासरा ने नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया द्वारा मामले में हस्तक्षेप कर सुपरविजन करने वाले बड़े अधिकारियों को बख्शे जाने का आरोप लगाए जाने पर कहा कि दीपिका मेघवाल, तत्कालीन सहायक आयुक्त, हनुमानगढ को 18 दिसम्बर 2018 को ही आदेश की प्रतीक्षा में कर मुख्यालय उदयपुर कर दिया गया था वे वर्तमान में सहायक आयुक्त ऋषभदेव में कार्यरत हैं अर्थात उन्हें रिलीव कर दिया गया था। उन्होंने कहा कि दर्ज एफआईआर के अलावा विभागीय अनुसंधान भी जारी है। इसमें एसडीएम पर भी जांच जारी है। उन्होंने कहा कि सोमवार को ही सम्बन्धित पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर पारदर्शिता से अनुसंधान को कहा जाएगा और अनुसंधान में दोषी सिद्ध होने वाले हर अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही होगी चाहे वह कितना भी बड़ा क्यों न हो। उन्होंने कहा मामले में दर्ज एफआईआर का वाइड स्कोप है और अन्य दोषियों का भी नाम इसमें शामिल किया जा सकता है।
इससे पहले डोटासरा ने विधायक बलवान पूनिया के मूल प्रश्न के जवाब में कहा कि गोगामेड़ी मंदिर में गत वर्ष अनियमितताएं हुई हैं। इसमें राज्य सरकार को एक करोड़ 24 लाख 76 हजार 687 रुपये की राजस्व हानि हुई है। उन्होंने बताया कि इस घोटाले में सैयद सिराज अली जैदी, उपखण्ड मजिस्ट्रेट नोहर एवं मेला मजिस्ट्रेट हनुमानगढ, दीपिका मेघवाल, तत्कालीन सहायक आयुक्त, हनुमानगढ, ओम प्रकाश जाखड, उपकोषाधिकारी, भादरा, परमिन्दर सिंह, सहायक लेखाधिकारी, हनुमानगढ़, ओमवीर टाडा, निरीक्षक  ग्रेड, शिवकिशन राजपुरोहित, निधि लिपिक के विरुद्ध जांच विचाराधीन है।
उन्होंने कहा कि इन अधिकारी, कार्मिकों के विरूद्ध सीसीए नियम 16 के अन्तर्गत आरोप पत्र आयुक्त देवस्थान विभाग, उदयपुर से प्राप्त हो गये हैं जो अग्रिम कार्यवाही के लिए विचाराधीन है।
डोटासरा ने कहा कि इन कार्मिकों में से परमिन्दर सिंह, सहायक लेखाधिकारी ग्रेड एवं शिवकिशन राजपुरोहित, निधि लिपिक के विरुद्ध सहायक आयुक्त, हनुमानगढ द्वारा जिला हनुमानगढ थाना गोगामेड़ी में एफआईआर दर्ज कराई गई। उन्होंने एफआईआर की प्रति सदन के पटल पर रखी। उन्होंने कहा कि परमिन्दर सिंह, सहायक लेखाधिकारी एवं शिवकिशन राजपुरोहित, निधि लिपिक को निलंबित कर दिया गया है। उन्होंने इसकी प्रति भी सदन के पटल पर रखी।


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