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जैसे ही पर्दे पर आया बजने लगी सीटियां

- खानदानी शफाखाना में सोनाक्षी सिन्हा के सामने शर्माया लेमन हीरो प्रियांश
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर के गोल्ड सिनेमाघर मे असली हीरो  बैठ था लेकिन जैसे ही इस हीरो की पर्दे पर एंट्री हुई दर्शक खुशी के मारे सीटियां बजाने, तालियां पीटने लगे। सब उसके बोले संवाद और एक्टिंग के दीवाने थे। उनका प्रियांश टीवी के पर्दे से निकल बड़े पर्दे पर जो आया था। उधर हीरोइन सोनाक्षी सिन्हा जब जब सेक्स को लेकर कुछ बोलती हीरो प्रियांश शरमा रहा था।
जी हां श्रीगंगानगर का ही प्रियांश जोरा । उसको देखने सब थे बेकरार, बड़े पर्दे पर दिखते ही बजी तालियां और खूब पाया प्यार। खानदानी शफाखाना में चोटी की हिरोइन सोनाक्षी सिन्हा के साथ लेमन हीरो के रूप में वे खूब जमे। तीन दिन पहले रिलीज हुई यह फिल्म अपेक्षा के अनुसार व्यवसाय कर रही है। फिल्म के हीरो रायसिंहनगर कस्बे के प्रियांश जोरा ने रविवार को सीजीआर मॉल में अपने माता-पिता कृष्णकुमार जोरा-सुशीला, नाना-नानी जगदीशराय सोनी-मैना देवी सहित लगभग 80 परिजनों और अनेक सिने प्रेमियों के साथ फिल्म देखी।
कितने ही ऐसे मौके जाए जब प्रियांश का हौंसला बढ़ाने के लिए तालियां बजी। अपने लाडले की इस उपलब्धि से उत्साहित हो अनेक परिजन तो फिल्म समाप्त होते ही अंदर हॉल में नाच उठे। उन्हें नाचता देख प्रियांश भी साथ देने लगा। सेल्फी लेने, फोटो खिंचवाने की होड़ भी मची रही।
इस मौके पर प्रियांश ने एसबीटी न्यूज से खास बातचीत की। इस दिन को अपने जीवन का अविस्मरणीय दिन बताते हुए उसने कहा कि बड़े पर्दे पर आने और छाने का सपना साकार हुआ है। उसे खुशी है कि आज परिजनों के साथ यह खुशी सांझा की। फिल्म का मूल विषय सेक्स होने का जिक्र करते हुए प्रियांश ने कहा कि सब इससे प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं, इसलिए इस विषय को जानना, शंका समाधान करना भी तो जरूरी है। फिल्म बड़े प्रभावी रूप से इस सामाजिक संदेश को जन-जन तक पहुंचाने में बेहद सफल रही है। सोनाक्षी जैसी बड़ी हिरोइन और बड़ा पर्दा कैसा लगा सवाल पर प्रियांश ने कहा कि वह वर्षों से अभिनय से जुड़ा है, इसलिए असहज होने का तो सवाल नही नहीं था। अपनी शूटिंग के दौरान खूब एंज्याय किया। काफी कुछ सिखने को मिला। सोनाक्षी सहित सभी ने खूब सहयोग किया, सराहा। फिल्म के किरदार लेमन हीरो को जीवंत करने के लिए मेहनत भी काफी की। अब प्रसन्नता है कि जो भी फिल्म देख रहा है, पीठ थपथपा रहा है।
प्रियांश ने एसबीटी न्यूज से कहा कि अपनों के साथ अपनी माटी पर सुख सांझा करने का अपना ही आनंद है। वह चाहे कहीं रहे लेकिन श्रीगंगानगर और इस इलाके को सदैव जेहन में रखता है। यहां जैसे अच्छे लोग, सहयोग और सराहना कहीं नहीं मिलती। उसकी बस यही तमन्ना है कि बड़ों के आशीर्वाद और सब की मंगलकामनाओं के बूते बस आगे बढ़ता ही जाऊं।


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