जिम्मेदार अधिकारियों की मौजूदगी में बना था वीडियो
- एक और वायरल वीडियो आया सामने
रायसिंहनगर (एसबीटी)। सरकारी अस्पताल के लेबर रूम से महिला मरीज के वायरल वीडियो के मामले में स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि प्रशासन इसे गंभीर अपराध नहीं मान रहा है। प्रशासन के ढुलमुल रवैए के चलते दोषियों पर कार्रवाई सहित 13 सूत्री मांग को लेकर आमरण अनशन जारी है। कई माह पूर्व सरकारी अस्पताल से लेबर रूम से एक वीडियो सामने आया था। अब एक और वीडियो सामने आया है। करीब 7 मिनट के वीडियो प्रशासन की पोल पूरी तरह से खोल दी गई है। इस वीडियो में जिम्मेदार अधिकारी भी नजर आ रहे हैं। लगातार चार महीने से वायरल वीडियो की जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अन्तिम रिपोर्ट जांच पर नहीं पहुंचे है। मामले के तहत स्थानीय प्रशासन दोषियों के बचाव में नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पताल में करीब 4 महीने पूर्व एक महिला जांच के लिए आई थी, लेकिन डॉक्टरों की आपसी गुटबाजी के चलते उक्त महिला का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। मामला गंभीर होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हुए नजर नहीं आए। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच हुई वार्ता में वायरल वीडियो करने वाले दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की सहमति बनी थी, लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है। मामले में आंदोलनकारियों का भी यह कहना है कि भले ही यह अस्पताल की जांच का मामला हो, लेकिन वायरल वीडियो के मामले में शीघ्रता से कार्रवाई होनी चाहिए। लेबर रूम से वायरल वीडियो के मामले में शिकायती पत्र में दोषियों द्वारा यह वीडियो बनाना स्वीकार किया था, लेकिन विभाग ने जांच के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह वीडियो वायरल होने लगा। इसके बावजूद विभाग हरकत में नहीं आया है।
रायसिंहनगर (एसबीटी)। सरकारी अस्पताल के लेबर रूम से महिला मरीज के वायरल वीडियो के मामले में स्थानीय प्रशासन गंभीर नहीं है। अभी तक की जांच में सामने आया है कि प्रशासन इसे गंभीर अपराध नहीं मान रहा है। प्रशासन के ढुलमुल रवैए के चलते दोषियों पर कार्रवाई सहित 13 सूत्री मांग को लेकर आमरण अनशन जारी है। कई माह पूर्व सरकारी अस्पताल से लेबर रूम से एक वीडियो सामने आया था। अब एक और वीडियो सामने आया है। करीब 7 मिनट के वीडियो प्रशासन की पोल पूरी तरह से खोल दी गई है। इस वीडियो में जिम्मेदार अधिकारी भी नजर आ रहे हैं। लगातार चार महीने से वायरल वीडियो की जांच स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कर रहे हैं, लेकिन अभी तक अन्तिम रिपोर्ट जांच पर नहीं पहुंचे है। मामले के तहत स्थानीय प्रशासन दोषियों के बचाव में नजर आ रहा है।
गौरतलब है कि सरकारी अस्पताल में करीब 4 महीने पूर्व एक महिला जांच के लिए आई थी, लेकिन डॉक्टरों की आपसी गुटबाजी के चलते उक्त महिला का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया गया। मामला गंभीर होने के बावजूद भी स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी कार्रवाई करते हुए नजर नहीं आए। प्रशासन और आंदोलनकारियों के बीच हुई वार्ता में वायरल वीडियो करने वाले दोषियों पर मुकदमा दर्ज करने की सहमति बनी थी, लेकिन अभी तक दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ है। मामले में आंदोलनकारियों का भी यह कहना है कि भले ही यह अस्पताल की जांच का मामला हो, लेकिन वायरल वीडियो के मामले में शीघ्रता से कार्रवाई होनी चाहिए। लेबर रूम से वायरल वीडियो के मामले में शिकायती पत्र में दोषियों द्वारा यह वीडियो बनाना स्वीकार किया था, लेकिन विभाग ने जांच के नाम पर कोई कार्रवाई नहीं की। इससे यह वीडियो वायरल होने लगा। इसके बावजूद विभाग हरकत में नहीं आया है।
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