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चीफ इंजीनियर सहित सिंचाई अधिकारी पंजाब पहुंचे

- मंत्री के घेराव के बाद प्रशासन हरकत में
- हरिकेबैराज पर पंजाब के अधिकारियों से की वार्ता, पौंड लेवल 686 फीट पर पहुंचा, बुधवार शाम तक सुधरेगी स्थिति
श्रीगंगानगर। जिले की लाइफलाइन कहे जाने वाली गंगनहर में अब मात्र 300 क्यूसेक पानी बचा है यानि सिंचाई के लिए पूरी तरह से पानी बंद हो गया है। ऐसे में किसानों के समक्ष अपनी फसलों को बचाने का संकट पैदा हो गया। विगत दिवस सर्किट हाउस में जन सुनवाई के लिए पहुंचे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा का किसान नेताओं ने घेराव किया।
इसके बाद प्रशासन हरकत में आ गया। आज चीफ इंजीनियर हनुमानगढ़ विनोद मित्तल व श्रीगंगानगर के सिंचाई अधिकारी प्रदीप रूस्तगी, रेगूलेशन के महेन्द्र चारन सहित सभी अधिकारी पंजाब पहुंचे और वहां हरिकेबैराज पर पंजाब के अधिकारियों से बातचीत की। प्रदीप रूस्तगी ने बताया कि पानी लेने के प्रयास किए जा रहे हैं।
हरिकेबैराज पर पौंडलेवल 680 फीट हो गया है, जिसे धीरे-धीरे बढ़ाया जा रहा है। यह पौंड लेवल 690.7 फीट पर होने के बाद राजस्थान की नहरों को पर्याप्त मात्रा में पानी मिलना शुरू हो जाएगा। पंजाब के अधिकारियों को भी राजस्थान की स्थिति के बारे में अवगत करवा दिया गया है। बुधवार शाम तक गंगनहर में पर्याप्त पानी छोड़ दिया जाएगा। मुख्य अभियंता विनोद मित्तल ने भी यहां अधिकारियों से बात कर हरिकेबैराज क्षेत्र का निरीक्षण किया और पानी की स्थिति का जायजा लिया।
गंगनहर में 300 क्यूसेक पानी बचा, फसलें बर्बादी के कगार पर
किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल व गंग कैनाल के प्रोजेक्टर चेयरमैन गुरबलपाल सिंह संधू, किसान सभा के जिलाध्यक्ष कालू थोरी, गंगानगर किसान समिति के प्रवक्ता संतवीर सिंह मोहनपुरा ने बताया कि पानी कम होने की वजह से क्षेत्र के किसानों को परेशानी झेलनी पड़ रही है। जिस क्षेत्र में अभी वर्षा कम हुई है, वहां हालात काफी खराब हैं। उन्होंने कहा कि गत दिवस जिला कलेक्टर को भी शाम को वस्तुस्थिति से अवगत करवाया था। यदि पानी नहीं बढ़ा तो किसान आंदोलन करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।

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