अगस्त अंत तक पंजीकरण न करवाया तो ठुकेगा पांच लाख तक जुर्माना
- कुकुरमुत्तों की तरह उग आईं पैथोलॉजी लैब पर अब कसेगा शिकंजा
श्रीगंगानगर। जिले भर में कुकरमुत्तों की तरह उग आईं पैथोलॉजी लैब पर अब शिकंजा कस जाएगा। कोई भी लैब अगर पंजीकरण करवाए बिना चलती पाई जाएगी तो ऐसी लैब को अवैध माना जाएगा और जुर्माना वसूला जाएगा। निर्धारित अवधि के बाद बिना रजिस्ट्रेशन पाई गई पैथोलोजी लैब पर अधिकतम पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। चिकित्सा विभाग ने सभी सरकारी और प्राइवेट पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण अनिवार्य रूप से 31 अगस्त तक करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
श्रीगंगानगर जिले में सैकड़ों पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही हैं। जिला मुख्यालय पर ऐसी दर्जनों लैब खुली हुई हैं। ऐसी पैथोलॉजी लैब का जाल कस्बों और दूरदराज के गांवों तक फैला हुआ है। इनमें ऐसे लोग भी काम कर रहे हैं, जिनके पास नियमानुसार कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं है। इन लैब में न तो प्रशिक्षित और आवश्यक योग्यताधारी लैब टेक्नीशियन हैं और न ही कोई पैथोलॉजिस्ट ही हैं। अप्रशिक्षित लोग खुद ही ब्लड, मल मूत्र आदि की जांच करते हैं और खुद ही इस बारे मेंं रिपोर्ट भी दे रहे हैं। अब सरकार ने ऐसे लोगों पर शिकंजा कसकर मरीजों के हित में कदम उठाया है। चिकित्सा विभाग के निदेशक (जन स्वास्थ्य) ने तमाम पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कराने के आदेश दिए हैं। यह आदेश सभी जिलों में भेजकर इसकी पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
पंजीकरण के लिए ऑनलाइन करना होगा आवेदन
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (रजिस्ट्रेशन एवं रेग्यूलेशन) नियम 2013 एवं केन्द्र सरकार के नियम 2018 के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए पहले प्रोविजनल तथा बाद में स्थाई रजिस्ट्रेशन सीएमएचओ कार्यालय में ही कराना होगा। जो लैब संचालक निर्धारित तारीख तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे, चिकित्सा विभाग उनकी पैथोलॉजी लैब को अवैध मानते हुए नियमानुसार कार्रवाई कर जुर्माना ठोकेगा।
नए नियम इन पर भी होंगे लागू
नए नियम तमाम प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों पर भी लागू होंगे। प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों का पंजीकरण भी क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें प्राइवेट प्रेक्टिसनर्स का भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल का स्वामित्व, मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ की डिग्री, उनका आईडी कार्ड और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की पालना कराने के शपथ पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन कर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
श्रीगंगानगर। जिले भर में कुकरमुत्तों की तरह उग आईं पैथोलॉजी लैब पर अब शिकंजा कस जाएगा। कोई भी लैब अगर पंजीकरण करवाए बिना चलती पाई जाएगी तो ऐसी लैब को अवैध माना जाएगा और जुर्माना वसूला जाएगा। निर्धारित अवधि के बाद बिना रजिस्ट्रेशन पाई गई पैथोलोजी लैब पर अधिकतम पांच लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। चिकित्सा विभाग ने सभी सरकारी और प्राइवेट पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण अनिवार्य रूप से 31 अगस्त तक करवाने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
श्रीगंगानगर जिले में सैकड़ों पैथोलॉजी लैब संचालित की जा रही हैं। जिला मुख्यालय पर ऐसी दर्जनों लैब खुली हुई हैं। ऐसी पैथोलॉजी लैब का जाल कस्बों और दूरदराज के गांवों तक फैला हुआ है। इनमें ऐसे लोग भी काम कर रहे हैं, जिनके पास नियमानुसार कोई शैक्षणिक योग्यता नहीं है। इन लैब में न तो प्रशिक्षित और आवश्यक योग्यताधारी लैब टेक्नीशियन हैं और न ही कोई पैथोलॉजिस्ट ही हैं। अप्रशिक्षित लोग खुद ही ब्लड, मल मूत्र आदि की जांच करते हैं और खुद ही इस बारे मेंं रिपोर्ट भी दे रहे हैं। अब सरकार ने ऐसे लोगों पर शिकंजा कसकर मरीजों के हित में कदम उठाया है। चिकित्सा विभाग के निदेशक (जन स्वास्थ्य) ने तमाम पैथोलॉजी लैब का पंजीकरण क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कराने के आदेश दिए हैं। यह आदेश सभी जिलों में भेजकर इसकी पालना सुनिश्चित करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
पंजीकरण के लिए ऑनलाइन करना होगा आवेदन
क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट (रजिस्ट्रेशन एवं रेग्यूलेशन) नियम 2013 एवं केन्द्र सरकार के नियम 2018 के तहत मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में 31 अगस्त तक ऑनलाइन आवेदन कर पंजीकरण कराना होगा। इसके लिए पहले प्रोविजनल तथा बाद में स्थाई रजिस्ट्रेशन सीएमएचओ कार्यालय में ही कराना होगा। जो लैब संचालक निर्धारित तारीख तक रजिस्ट्रेशन नहीं कराएंगे, चिकित्सा विभाग उनकी पैथोलॉजी लैब को अवैध मानते हुए नियमानुसार कार्रवाई कर जुर्माना ठोकेगा।
नए नियम इन पर भी होंगे लागू
नए नियम तमाम प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों पर भी लागू होंगे। प्राइवेट अस्पतालों और क्लीनिकों का पंजीकरण भी क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट के तहत कराना अनिवार्य कर दिया गया है। इनमें प्राइवेट प्रेक्टिसनर्स का भी रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन नहीं होने पर कार्रवाई की जाएगी। अस्पताल का स्वामित्व, मेडिकल व पैरामेडिकल स्टाफ की डिग्री, उनका आईडी कार्ड और क्लीनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट की पालना कराने के शपथ पत्र के साथ ऑनलाइन आवेदन कर रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।
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