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विपक्षी नेताओं संग श्रीनगर पहुंचे राहुल

बाहर निकलने की नहीं मिली अनुमति
नई दिल्ली। राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी दलों का एक प्रतिनिधिमंडल श्रीनगर पहुंच चुका है लेकिन उन्हें हवाई अड्डे से बाहर जाने की इजाजत नहीं है। राहुल के साथ कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद, एनसीपी नेता माजिद मेमन, सीपीआई लीडर डी. राजा के अलावा शरद यादव सहित कई दिग्गज नेता मौजूद हैं। जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने उनसे दौरे को टालने की अपील की है। श्रीनगर पहुंचने से पहले जब विमान में मीडिया ने नेताओं के सामने यह आशंका जताई कि उन्हें हवाई अड्डे से बाहर नहीं जाने दिया जाएगा तो मेनन ने कहा था कि यदि ऐसा होता है तो यह लोकतंत्र की हत्या होगी। हवाई अड्डे से बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिलने के कारण सभी विपक्षी नेता वीआईपी लॉउंज में बैठे हुए हैं।
उल्लेखनीय है कि अनुच्छेद-370 खत्म होने के बाद सरकार ने किसी नेता को कश्मीर घाटी में आने की अनुमति नहीं दी है। पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय दलों के नेता भी नजरबंद हैं। कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद को दो बार श्रीनगर और जम्मू एयरपोर्ट से वापस लौटाया जा चुका है। डी राजा को भी श्रीनगर एयरपोर्ट से वापस भेज दिया गया था।
अब जर्मनी के सामने 'गिड़गिड़ायाÓ पाक
पाकिस्तान कश्मीर मुद्दे पर लगभग हर देश से मदद मांगने की कोशिश कर रहा है। वह अंतरराष्ट्रीय समुदाय में भारत के खिलाफ माहौल बनाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रहा है मगर उसे किसी का साथ मिलता हुआ नहीं दिख रहा है। अब पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने जर्मनी की चांसलर एजेंला मार्केल से इस मामले पर बातचीत की है। खान ने मार्केल से फोन पर बात की। बातचीत के दौरान पाकिस्तानी प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की तरफ से जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का क्षेत्र में शांति एवं सुरक्षा पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की यह जिम्मेदारी बनती है कि वह इसपर तत्काल कार्रवाई करे। यह बात विदेश मंत्रालय के कार्यालय ने बताई। मार्केल ने कहा कि वह स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं और उन्होंने तनाव कम करने और मुद्दे को शांतिपूर्ण तरीके से हल करने की अहमियत को रेखांकित किया।
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से कहा है कि जम्मू-कश्मीर से विशेष दर्जा वापस लेना हमारा आतंरिक मामला है और पाकिस्तान से कहा है कि वह इस सच्चाई को स्वीकार करे। वहीं पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने मालदीव के अपने समकक्ष अब्दुल्ला शाहिद को कश्मीर मुद्दे के बारे में बताया है। विदेश मंत्रालय ने बताया कि कुरैशी ने मालदीव से क्षेत्र में शांति और स्थिरता और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के लिए रचनात्मक भूमिका निभाने का आग्रह किया।
कुरैशी को झटका देते हुए मालदीव के विदेश मंत्री ने कहा कि मालदीव मानता है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के संबंध में भारत का फैसला उसका आंतरिक मामला है।। मालदीव के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी करते हुए कहा, 'मंत्री शाहिद ने टेलीफोन कॉल के लिए मंत्री कुरैशी को धन्यवाद दिया और कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों मालदीव के करीबी दोस्त और द्विपक्षीय साझेदार हैं और उन्होंने शांतिपूर्ण तरीकों से देशों के बीच मतभेदों को सुलझाने के महत्व पर बल दिया।Ó इसके अलावा कुरैशी ने अपने जापानी समकक्ष तारो कोनो के साथ भी कश्मीर मुद्दे पर बात की है।

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