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छात्र संघ चुनाव : आपत्तियां दर्ज करवाने का समय बीता

- शाम तक जारी होगी अतिंम मतदाता सूचियां
श्रीगंगानगर। छात्र संघ चुनाव के लिए महाविद्यालयों की ओर से मतदाता सूचियों का प्रकाशन करने के बाद मंगलवार को दोपहर तक इन पर आपत्तियां दर्ज करवाने वालों का इंतजार होता रहा। हालांकि महाविद्यालयों में प्रवेशित विद्यार्थियों को ही मतदाता मानते हुए जारी सूचियों पर आपत्तियां आने की उम्मीद चुनाव सम्पादन समितियों को कम ही रही।
 फिर भी निर्धारित समय दोपहर एक बजे तक इन्तजार किया गया। अब दर्ज आपत्तियों का निस्तारण कर फाइनल मतदाता सूचियां शाम पांच बजे तक प्रकाशित की जा सकेंगी। इस बीच सम्भावित उम्मीदवार कॉलेज कैम्पस के भीतर व बाहर अपने पक्ष में माहौल के लिए पूरा जोर लगा रहे हैं। कुछ कॉलेजों में तो अध्यक्ष पद के लिए चुनाव मैदान मेंं उतरने का मन बना चुके छात्र नेता मतदाताओं को रिझाने के लिए कैण्टीन खर्च भी वहन कर रहे हैं।
अब आगे क्या ?
चुनाव कार्यक्रम के अनुसार 22 अगस्त प्रात: 10 से अपराह तीन बजे तक उम्मीदवारी के लिए नामांकन दाखिल किए जाएंगे। इसी दिन दोपहर बाद तीन से सायं पांच बजे तक उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों की जांच एवं आपत्तियां प्राप्त की जाएंगी।
वैध नामांकन सूची का प्रकाशन 23 अगस्त शुक्रवार प्रात : 10  बजे तक किया जाएगा। इसी दिन दोपहर दो बजे तक नाम वापस लिया जा सकेगा।  अंतिम नामंाकन सूची का  प्रकाशन 23 अगस्त अपराह दो बजे से सायं पांच बजे तक करना होगा। मतदान 27 अगस्त मंगलवार प्रात: आठ बजे से अपराह एक बजे तक होगा। 28 अगस्त को मतगणना प्रात: 11 बजे से शुरू होगी। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद विजयी उम्मीदवारों को शपथ दिलवाई जाएगी।
यह बताई जा रही मतदाताओं की संख्या
प्राथमिक मतदाता सूचियों के अनुसार चौधरी बल्लूराम गोदारा कन्या राजकीय महाविद्यालय - 2896 , डॉ . भीमराव अंबेडकर कॉलेज -3446, राजकीय विधि कॉलेज -210, डीएवी कॉलेज- 1378, खालसा कॉलेज- 1303, एसडी पीजी कॉलेज गुरुनानक गल्र्स कॉलेज -1255, राधाकृष्ण गल्र्स कॉलेज -453 ,एमडी विधि कॉलेज -436, एसडी विधि कॉलेज- 560, खालसा विधि कॉलेज -432 ,जैन गल्र्स कॉलेज में विद्यार्थी मतदाताओं की संख्या 1363 बताई गई है।
सर्वसम्मति के हो रहे प्रयास
छात्रसंघ चुनाव के लिए कुछ महाविद्यालयों में सर्वसम्मति के प्रयास भी चल रहे हैं। विशेष कर निजी कन्या महाविद्यालयों में ऐसे प्रयासों की चर्चा हो रही है। यहां अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव, संयुक्त सचिव जैसे बड़े पदों पर सर्वसम्मति का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए चुनाव मैदान में उतरने के इच्छुक युवाओं के परिवारजनों, रिश्तेदारों, दोस्तों के जरिए दबाव बनाया जा रहा है।


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