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जिला अस्पताल की सेहत जांचने पहुंचे न्यायिक अधिकारी

- एमसीएच यूनिट का निरीक्षण कर चिकित्सा प्रबंधन से लिया फीडबैक
श्रीगंगानगर। उच्च न्यायालय के आदेशानुसार शनिवार को दो न्यायिक अधिकारियों ने जिला राजकीय चिकित्सालय के लेबर रूम सहित एमसीएच यूनिट का निरीक्षण किया। इस दौरान गर्भवती, नवप्रसूताओं और नवजात शिशुओं को देय सुविधाओं की जानकरी ली। बाद में चिकित्सालय प्रबंधन से फीडबैक लिया। तकरीबन डेढ़ घंटे न्यायिक अधिकारी जिला चिकित्सालय में रहे।
इससे पूर्व आज सुबह साढ़े 10 बजे मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट अरुण गोदारा और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीगंगानगर की सचिव, अपर जिला एवं सैशन न्यायाधीश श्रीमती सुषमा पारीक ने चिकित्सालय पहुंचकर मातृ एवं शिशु सेवाओं का निरीक्षण किया। सबसे पहले दोनों अधिकारियों ने एमसीएच यूनिट और लेबर रूम की जांच की। यहां से निकलकर एसएनसीयू, पोस्ट ऑप्रेटिव वार्ड, पीएनसी वार्ड, बच्चा वार्ड, टीकाकरण कक्ष, डायलिसिस यूनिट और ओपीडी का अवलोकन किया। इस दौरान प्रसूताओं सहित अन्य से चिकित्सा-उपचार सुविधाओं के बारे में पूछा।
बाद में पीएमओ डॉ. केएस कामरा से सरकार द्वारा देय सुविधाओं और योजनाओं बारे फीडबैक लिया। चिकित्सालय की अन्य व्यवस्थाओं बारे भी चर्चा की। डॉ. कामरा ने न्यायाधीशों को पीपीटी के जरिए चिकित्सालय में देय सुविधाओं-योजनाओं की जानकारी दी।
निरीक्षण के दौरान कार्यवाहक डीसी डॉ. चंद्रकला गर्ग, एमसीएच प्रभारी डॉ. मुकेश स्वामी, लेबर रूम प्र्रभारी डॉ. अनामिका अग्रवाल, सहायक प्रशासनिक अधिकारी धीरज गहलोत, रविन्द्र शर्मा, हॉस्पिटल मैनेजर सविन्द्र सिंह सहित अन्य मौजूद रहे।

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