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90 दिन से ज्यादा समय से लंंबित भूमि रूपांतरण प्रकरण 30 सितम्बर तक निपटाने जरूरी

- राजस्व मंत्री हरीश चौधरी ने वीडियो कान्फे्रंसिंग में दिए इस आशय के निर्देश
श्रीगंगानगर। राजस्व न्यायालयों में भूमि रूपांतरण के जो प्रकरण 90 दिन से अधिक समय से लम्बित हैं, उनका निस्तारण संबंधित अधिकारियों को 30 सितम्बर तक करना होगा। राज्य सरकार ने इस आशय के आदेश दे दिए हैं। इसके तहत श्रीगंगानगर जिले में भी राजस्व अदालतों में काम चलेगा।
प्राप्त जानकारी के अनुसार राजस्व एवं उपनिवेशन मंत्री हरीश चौधरी ने कल संभागीय आयुक्तो एवं जिला कलेक्टरों को वीडियो कान्फे्रंसिंग के जरिए इस आशय के निर्देश दिए।
उन्होंने राजस्व न्यायालयों में विभिन्न स्तरों पर लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए ताकि समय पर आमजन को राहत मिल सके। उन्होंने 90 दिन से अधिक लम्बित भूमि रूपांतरण के प्रकरणों को 30 सितम्बर तक निस्तारित करने के लिए निर्देशित किया।
उन्होंने राजस्व न्यायालयों में लंबित प्रकरणों, तहसीलों के रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने, लैण्ड कन्वर्जन, गैर खातेदार से खातेदारी, राको-रोडा, सम्पर्क पर लंबित परिवाद, विधानसभा के प्रश्नों, लंबित अनुशासनात्मक कार्यवाही, लाईट्स के प्रकरणों इत्यादि के संबंध में चर्चा कर निर्देश दिए। उन्होंने राजस्व न्यायालयों में विभिन्न स्तरों पर लगभग चार लाख लंबित प्रकरणों के त्वरित निस्तारण पर विशेष जोर दिया।
वीडियो कान्फे्रंसिंग में राजस्व मंत्री ने कहा कि जिला कलेक्टर राजस्व अधिकारी पहले हैं एवं अन्य विभागों के समन्वयक अधिकारी उसके पश्चात हैं। राजस्व प्रकरणों के निस्तारण में हो रही देरी से आम काश्तकार को न्याय नहीं मिल पाता है। उन्होंने न्यायिक निर्णयों को ऑनलाइन किये जाने के संबंध में आरसीएमएस पोर्टल का पूर्ण उपयोग करने पर विशेष जोर दिया। राजस्व रिकॉर्ड को ऑनलाइन करने एवं आमजन को ई-साइन जमाबंदी, नक्शा, म्यूटेशन एवं गिरदावरी उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए निर्देशित किया गया।  राजस्व मंत्री ने सर्वे-रिसर्वे कार्य को प्रगति देने के लिए आमजन में विशेष प्रचार-प्रसार करने एवं पटवारियों के भू-प्रबंध विभाग में ट्रांसफर करने के लिए कहा।
राजस्व विभाग के प्रमुख शासन सचिव संजय मल्होत्रा ने भी अधिकारियों को राजस्व प्रकरणों के निस्तारण के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए। 


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