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35 करोड़ के घोटाले का बीकानेर में असर, श्रीगंगानगर में कब होगा?

- शिक्षा निदेशालय में बदल दी 5 साल से एक ही सीट पर बैठे 71 बाबुओं की कुर्सी
श्रीगंगानगर। श्रीगंगानगर में प्रतिनियुक्ति पर लगे पीटीआई द्वारा छुट्टियों के फर्जी बिल के जरिए ट्रेजरी से करोड़ों के घोटाले का बीकानेर मेंं तो असर पड़ गया है लेकिन श्रीगंगानगर में यह असर नहीं दिखाई दे रहा। हाल मेंं शिक्षा निदेशालय ने एक एडवाइजरी जारी कर शिक्षा विभाग में कई सालों से एक ही सीट पर जमे कर्मचारियों को बदलने के आदेश दिए थे, इसकी पालना में बीकानेर स्थित शिक्षा निदेशालय में लंबे समय से एक ही सीटे पर बैठे 71 बाबुओं के अनुभाग बदल दिए गए हैं लेकिन हैरानी है कि जिस श्रीगंगानगर मेंं यह घोटाला हुआ, वहां शिक्षा विभाग के सभी कार्यालयों मेंं कर्मचारी अंगद के पांव की तरह जमे बैठे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार माध्यमिक शिक्षा निदेशक ने एक आदेश जारी कर निदेशालय के 71 मंत्रालयिक कर्मचारियों में 12 सहायक प्रशासनिक अधिकारी, 42 वरिष्ठ सहायक और 17 कनिष्ठ सहायक बदल दिए हैं। इन कार्मिकों से आज से नए अनुभाग में काम लेना शुरू कर दिया गया है।
गौरतलब है कि घोटोलों पर लगाम लगाने के लिए 3 दिन पहले ही माध्यमिक शिक्षा निदेशालय के वित्तीय सलाहकार और प्रारंभिक शिक्षा के मुख्य लेखाधिकारी ने संयुक्त रूप से 10 बिन्दुओं की गाइडलाइन जारी की थी। इसमें एक सीट पर लंबे समय तक किसी भी कार्मिक को नहीं रखने और वेतन उठाने वाले अधिकारियों के लॉगिन-पासवर्ड समय-समय पर बदलने के निर्देश दिए गए थे। श्रीगंगानगर में शारीरिक शिक्षक के घोटाले की जांच निदेशालय स्तर पर शुरू हो गई है लेकिन सालों से एक ही सीट पर जमे कर्मचारियों को इधर से उधर करने के लिए अभी कोई कदम नहीं उठाया गया है।
केवल शिक्षा कार्यालयों में नहीं, सरकारी स्कूलों में भी कर्मचारी कई-कई सालों से जमे बैठे हैं। उन्हें हिलाने की जरूरत कभी महसूस ही नहीं की गई है। इसका खामियाजा ऐसे ही घोटालों के रूप मेंं सामने आ सकता है।


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