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सुप्रीम कोर्ट में 'गर्मÓ रहा शुक्रवार का दिन

नई दिल्ली। उच्चत्तम न्यायालय में शुक्रवार का दिन काफी गहमागहमी का रहा। इस दिन कई महत्वपूर्ण मामलों में सुनवाई हुई या अर्जी दाखिल की गई। इस दृष्टि से यह दिन काफी 'गर्मÓ रहा। इनमें कर्नाटक का राजनीतिक संकट, बापू आसाराम की जमानत अर्जी और मराठा आरक्षण के मामले प्रमुख हैं।
विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप
कर्नाटक प्रदेश युवक कांग्रेस ने विधायकों के इस्तीफे के मामले में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। युवक कांग्रेस के महासचिव अनिल जोसेफ चाको ने कहा है कि बागी विधायकों का इस्तीफा डिफेक्शन के समान है और इन विधायकों की खरीद-फरोख्त की गई है। सुप्रीम कोर्ट बागी विधायकों की याचिका के साथ ही शुक्रवार को सुनवाई करेगा। सत्तारूढ़ कांग्रेस और जेडी (एस) के विधायकों के इस्तीफे की सुगबुगाहट कर्नाटक विधानसभा में गूंजने लगी है। विपक्षी दल बीजेपी ने बहुमत साबित करने की मांग के बीच 10 दिन के सत्र के लिए शुक्रवार को बैठक बुलाई है। एक मनोनीत सदस्य सहित 225 सदस्यीय विधानसभा में, 16 विधायकों के इस्तीफे से पहले कांग्रेस के पास 79 जबकि जेडी (एस) के पास 37 विधायक थे। इसके अलावा बीएसपी और क्षेत्रीय दल केपीजेपी के एक-एक सदस्य के अलावा एक निर्दलीय सदस्य भी सरकार के साथ थे। कांग्रेस के 13 और जेडी (एस) के तीन विधायकों ने अपने इस्तीफे दे दिए थे। इसके अलावा केपीजेपी और निर्दलीय विधायक ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया है। अब अगर विधानसभा अध्यक्ष सभी इस्तीफों को स्वीकार कर लेंगे तो विधानसभा की प्रभावी ताकत 225 से घटकर 209 हो जाएगी और सत्तारूढ़ गठबंधन 100 पर सिमट जाएगा। इस स्थिति में सत्ता में बने रहने के लिए 105 के जादुई आंकड़े की जरूरत होगी।
आसाराम की जमानत याचिका खारिज
नाबालिग से रेप मामले में जेल में बंद आसाराम बापू को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम की जमानत अर्जी को खारिज कर दिया है।
मराठा आरक्षण पर रोक लगाने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
मराठा आरक्षण के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट से महाराष्ट्र सरकार को राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है। कोर्ट ने कहा कि ये आरक्षण रेस्ट्रोपेक्टिव प्रभाव से लागू नहीं होगा। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि इस मामले में दो हफ्ते बाद सुनवाई होगी। बता दें कि महाराष्ट्र में शिक्षा और सरकारी नौकरियों में मराठा समुदाय को 16 फीसदी प्रदान किया गए आरक्षण को बरकरार रखने वाले बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की।
 याचिका में कहा गया है कि संविधान पीठ द्वारा तय आरक्षण पर 50 प्रतिशत कैप का उल्लंघन हुआ है। इस पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है। दरअसल, बॉम्बे हाईकोर्ट ने 27 जून को मराठा समुदाय के लिए नौकरी और शिक्षण संस्थाओं में आरक्षण के लिए राज्य सरकार के फैसले पर मुहर लगाई थी। इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।


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