जितनी मारते नहीं, उससे ज्यादा टिड्डियां पाकिस्तान से आ रही
बीकानेर। कृषि और टिड्डी नियंत्रण विभाग के हाथ-पांव अब फूलते जा रहे हैं, क्योंकि जितनी टिड्डी रोज मार रहे हैं उससे ज्यादा पाकिस्तान से रोज आ रही हैं। कोलायत के भलूरी, जगासर, मकेरी, धोंधा समेत कई गांव में टिड्डियों पर दवा छिड़की, लेकिन तेज हवा के चलते आधी टिड्डियां उड़ गईं। हवा तेज होने से टिड्डियां अलग-अलग झुंड बनाकर उड़ रही हैं। टिड्डियों के मूवमेंट से कृषि विभाग के अफसरों के माथे पर भी बल पडऩे लगा है। लूणकरणसर, बीकानेर और करमीसर में टिड्डियों के छोटे झुंड दिखाई दे रहे हैं। वहीं, पूगल, खाजूवाला बॉर्डर पर भी टिड्डियां पहुंच गई हैं। कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि सबसे बड़ी परेशानी है तेज हवा। मिट्टी के कारण दूर से कुछ समझ नहीं आता।
स्प्रे करने पहुंचते हैं तो तेज हवा से दवा का असर प्रभाव हीन हो जाता है। एक जगह झुंड हो तो मारने में आसानी होती है, लेकिन हवा की वजह से एक झुंड कई टुकड़ों में बटकर चौतरफा फैल रही है। यदि एक ही जगह हों तो हेलिकॉप्टर से भी स्प्रे करा सकते हैं, लेकिन ऐसे स्थिति में हेलिकॉप्टर से स्प्रे भी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि टीमें रात 11 बजे तक टिड्डियों की लोकेशन तलाशती हैं, फिर सुबह 5 बजे उन पर स्प्रे करते हैं।
राहत की बात ये है कि टिड्डियों ने फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि ये उनकी ब्रीडिंग का समय है।
स्प्रे करने पहुंचते हैं तो तेज हवा से दवा का असर प्रभाव हीन हो जाता है। एक जगह झुंड हो तो मारने में आसानी होती है, लेकिन हवा की वजह से एक झुंड कई टुकड़ों में बटकर चौतरफा फैल रही है। यदि एक ही जगह हों तो हेलिकॉप्टर से भी स्प्रे करा सकते हैं, लेकिन ऐसे स्थिति में हेलिकॉप्टर से स्प्रे भी संभव नहीं है। उन्होंने बताया कि टीमें रात 11 बजे तक टिड्डियों की लोकेशन तलाशती हैं, फिर सुबह 5 बजे उन पर स्प्रे करते हैं।
राहत की बात ये है कि टिड्डियों ने फसलों को ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचाया, क्योंकि ये उनकी ब्रीडिंग का समय है।
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