पार्षदों के लिए सुविधा, जनता के लिए दुविधा
- आमजन को दस्तावेजों में बदलवाना होगा वार्ड नम्बर
श्रीगंगानगर। नगर परिषद ने 15 नए वार्डों के गठन के साथ 65 वार्डों का प्रस्ताव बनाकर आपत्तियां मांग ली हैं। पुराने 50 वार्डों में से 29 वार्डों को तोड़ कर 44 नए वार्ड बनाए गए हैं जबकि 21 वार्डों को यथावत रखा गया है। इससे सभी पुराने वार्डों का नम्बर बदल गया है।
पुराने वार्डों से ही 15 नए वार्डों की संख्या बढऩे से भले ही जनप्रतिनिधियों और पार्षदों का कार्यक्षेत्र कम होने का लाभ मिलेगा परन्तु पुनर्गठन के बाद आमजन के लिए एक नई परेशानी खड़ी हो जाएगी।
वार्डों का नम्बर बदल जाने से लोगों को अपने पहचान और अन्य दस्तावेजों में भी संशोधन करवाना होगा। आधार कार्ड राशन कार्ड आदि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे। भविष्य में आमजन के सामने आने वाली इस परेशानी को कुछ पार्षद भी महसूस कर रहे हैं।
कहीं एक से बने दो वार्ड, तो कहीं दो से बना एक
पुनर्गठन के बाद वर्तमान वार्डों के नम्बर बदल जायेंगे। कहीं एक वार्ड से दो नए वार्ड तो कहीं दो वार्डों से एक नया वार्ड बन जाएगा।
वार्ड 1 प्रस्ताव पास होने के बाद 1 व 2 बन जाएगा । इसी तरह 2 नम्बर 3 , 3 नम्बर 4 व 5 , 4 नंबर 6 व 7 , 5 नंबर 8 , 6 नंबर 9 व 10 , 7 नंबर 11, 8 नंबर 12 , 9 नंबर 13 , 10 नंबर 14 , 11 नंबर 15 व 16 , 12 नंबर 17 , 13 नंबर 18 , 14 नंबर 19 व 20 , 15 नंबर 21 , 16 नंबर 22 , 17 नंबर 23 , 18 नंबर 23 , 25 , 26 , 19 नंबर 27 व 28 , 20 नंबर 29 व 30 , 20 व 21 नंबर 31 व 32 , 22 नंबर 33 , 23 नंबर 34 , 24 नंबर 35 , 25 नंबर 36 , 26 नंबर 37, 27 नंबर 38, 28 नंबर 39 , 29 नंबर 40, 30 नंबर 41, 31 नंबर 42, 32 नंबर 43, 33 नंबर 44, 35 नंबर 45 , 33 व 34 नंबर 46 , 34 व 38 नंबर 47, 38 नंबर 48, 37 नंबर 49, 36 नंबर 50 , 42 व 41 नंबर 51, 40 नंबर 52 व 53, 39 नंबर 54 व 55, 49 नंबर 56, 45 नंबर 57 व 58, 44 नंबर 59, 42 नंबर 60, 43 नंबर 61, 46 नम्बर 62, 47 नंबर 63, 48 नंबर 64 और 50 नम्बर 65 हो जाएगा। इसमें कई वार्ड ऐसे भी हैं जिनमें दो वार्डों की सीमाएं हैं।
इन वार्डो में नहीं
बदली सीमा
पुनर्सीमांकन के दौरान 21 वार्डों में फेरबदल नहीं किया गया है । परन्तु प्रस्ताव पास होते ही इनकी संख्या में परिवर्तन हो जायेगा। ऐसे में पुनर्गठन/ पुनर्सीमांकन के बाद इन वार्डों में शामिल आठ नंबर वार्ड अब 12 , 9 नंबर 13, 10 नंबर 14 , 12 नंबर 17, 15 नंबर 21, 16 नंबर 22, 17 नंबर 23, 22 नंबर 33, 23 नंबर 34, 24 नंबर 35, 26 नंबर 37, 27 नंबर 38, 28 नंबर 39, 32 नंबर 43, 35 नंबर 45, 36 नंबर 50, 37 नम्बर 49, 44 नंबर 59, 47 नंबर 63 और 50 नंबर वार्ड को 65 नम्बर वार्ड बोला व लिखा जायेगा।
इनका यह कहना है
पुनर्सीमांकन के बाद कुछ वार्डों का दायरा पहले से छोटा हो जायेगा लेकिन सभी पुराने वार्डों के नम्बर भी बदल जाएंगे। इससे जहां पार्षदों के लिए वार्ड में काम करवाना व वार्डवासियों से सम्पर्क रखना आसान होगा, वहीं लोगों को अपने एड्रेस प्रूफ में संशोधन करवाना होगा।
वार्ड पाषर्द सत्यपाल राव का कहना है कि उनके वार्ड सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा, लेकिन वार्ड 12 का नम्बर भविष्य में 17 हो जायेगा। इस कारण वार्डवासियों को अपने स्थाई पते से संबंधित आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि दस्तावेजों में वार्ड नम्बर बदलवाना पड़ेगा। इससे लोगों को परेशानी होगी।
वार्ड 37 के पार्षद अशोक मुजराल का कहना है कि पुनर्सीमांकन करते समय पुराने वार्डों के नम्बरों को नहीं छेड़ा जाना चाहिए था। नए वार्ड 51 से 65 तक बनाये जाने चाहिए थे। पुराने नम्बर बदलने से उनके वार्ड की संख्या भविष्य में 49 हो जायेगी।
पुनर्सीमांकन प्रस्ताव पास होने के बाद मध्य ब्लॉक एरिया के वार्ड 25 की संख्या 36 हो जायेगी । इससे वार्ड पाषर्द को तो कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन लोगों को अपने जरूरी दस्तावेजों में वार्ड नम्बर बदलवाना पड़ेगा। पार्षद हरविन्द्र पाण्डे का कहना है कि इस कार्य के लिए पाषर्दों को भी जनता के साथ मशक्कत करनी पड़ेगी।
हर दस साल बाद होता है ऐसा
हर दस साल के अन्तराल पर सरकार द्वारा पर वार्डों के पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया चलाई जाती है। हर दस साल बाद वार्डों के नम्बर बदलते हैं। पूर्व सभापति जगदीश राय जांदू के अनुसार प्रत्येक दस साल बाद राज्य सरकार द्वारा नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया चलाई जाती है। यह आवश्यक भी है। पुराने वार्डों के नम्बर बदले बिना पुनर्सीमांकन संभव नहीं। भौगोलिक स्तर पर यह नहीं हो सकता। इसलिए हर बार वार्डों के नम्बर बदलने पड़ते हैं। वैसे भी केन्द्र सरकार जल्द ही पूरे देश में कहीं भी राशन के लिए एक ही कार्ड की योजना पर काम कर रही है। ऐसे में लोगों को नए राशन कार्ड तो बनवाने ही पड़ेंगे। बाकी दस्तावेजों में तो पते के साथ वार्ड नम्बर की ज्यादा आवश्यकता भी नहीं रहती।
श्रीगंगानगर। नगर परिषद ने 15 नए वार्डों के गठन के साथ 65 वार्डों का प्रस्ताव बनाकर आपत्तियां मांग ली हैं। पुराने 50 वार्डों में से 29 वार्डों को तोड़ कर 44 नए वार्ड बनाए गए हैं जबकि 21 वार्डों को यथावत रखा गया है। इससे सभी पुराने वार्डों का नम्बर बदल गया है।
पुराने वार्डों से ही 15 नए वार्डों की संख्या बढऩे से भले ही जनप्रतिनिधियों और पार्षदों का कार्यक्षेत्र कम होने का लाभ मिलेगा परन्तु पुनर्गठन के बाद आमजन के लिए एक नई परेशानी खड़ी हो जाएगी।
वार्डों का नम्बर बदल जाने से लोगों को अपने पहचान और अन्य दस्तावेजों में भी संशोधन करवाना होगा। आधार कार्ड राशन कार्ड आदि के लिए सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने पड़ेंगे। भविष्य में आमजन के सामने आने वाली इस परेशानी को कुछ पार्षद भी महसूस कर रहे हैं।
कहीं एक से बने दो वार्ड, तो कहीं दो से बना एक
पुनर्गठन के बाद वर्तमान वार्डों के नम्बर बदल जायेंगे। कहीं एक वार्ड से दो नए वार्ड तो कहीं दो वार्डों से एक नया वार्ड बन जाएगा।
वार्ड 1 प्रस्ताव पास होने के बाद 1 व 2 बन जाएगा । इसी तरह 2 नम्बर 3 , 3 नम्बर 4 व 5 , 4 नंबर 6 व 7 , 5 नंबर 8 , 6 नंबर 9 व 10 , 7 नंबर 11, 8 नंबर 12 , 9 नंबर 13 , 10 नंबर 14 , 11 नंबर 15 व 16 , 12 नंबर 17 , 13 नंबर 18 , 14 नंबर 19 व 20 , 15 नंबर 21 , 16 नंबर 22 , 17 नंबर 23 , 18 नंबर 23 , 25 , 26 , 19 नंबर 27 व 28 , 20 नंबर 29 व 30 , 20 व 21 नंबर 31 व 32 , 22 नंबर 33 , 23 नंबर 34 , 24 नंबर 35 , 25 नंबर 36 , 26 नंबर 37, 27 नंबर 38, 28 नंबर 39 , 29 नंबर 40, 30 नंबर 41, 31 नंबर 42, 32 नंबर 43, 33 नंबर 44, 35 नंबर 45 , 33 व 34 नंबर 46 , 34 व 38 नंबर 47, 38 नंबर 48, 37 नंबर 49, 36 नंबर 50 , 42 व 41 नंबर 51, 40 नंबर 52 व 53, 39 नंबर 54 व 55, 49 नंबर 56, 45 नंबर 57 व 58, 44 नंबर 59, 42 नंबर 60, 43 नंबर 61, 46 नम्बर 62, 47 नंबर 63, 48 नंबर 64 और 50 नम्बर 65 हो जाएगा। इसमें कई वार्ड ऐसे भी हैं जिनमें दो वार्डों की सीमाएं हैं।
इन वार्डो में नहीं
बदली सीमा
पुनर्सीमांकन के दौरान 21 वार्डों में फेरबदल नहीं किया गया है । परन्तु प्रस्ताव पास होते ही इनकी संख्या में परिवर्तन हो जायेगा। ऐसे में पुनर्गठन/ पुनर्सीमांकन के बाद इन वार्डों में शामिल आठ नंबर वार्ड अब 12 , 9 नंबर 13, 10 नंबर 14 , 12 नंबर 17, 15 नंबर 21, 16 नंबर 22, 17 नंबर 23, 22 नंबर 33, 23 नंबर 34, 24 नंबर 35, 26 नंबर 37, 27 नंबर 38, 28 नंबर 39, 32 नंबर 43, 35 नंबर 45, 36 नंबर 50, 37 नम्बर 49, 44 नंबर 59, 47 नंबर 63 और 50 नंबर वार्ड को 65 नम्बर वार्ड बोला व लिखा जायेगा।
इनका यह कहना है
पुनर्सीमांकन के बाद कुछ वार्डों का दायरा पहले से छोटा हो जायेगा लेकिन सभी पुराने वार्डों के नम्बर भी बदल जाएंगे। इससे जहां पार्षदों के लिए वार्ड में काम करवाना व वार्डवासियों से सम्पर्क रखना आसान होगा, वहीं लोगों को अपने एड्रेस प्रूफ में संशोधन करवाना होगा।
वार्ड पाषर्द सत्यपाल राव का कहना है कि उनके वार्ड सीमा में कोई बदलाव नहीं किया जा रहा, लेकिन वार्ड 12 का नम्बर भविष्य में 17 हो जायेगा। इस कारण वार्डवासियों को अपने स्थाई पते से संबंधित आधार कार्ड, वोटर आईडी आदि दस्तावेजों में वार्ड नम्बर बदलवाना पड़ेगा। इससे लोगों को परेशानी होगी।
वार्ड 37 के पार्षद अशोक मुजराल का कहना है कि पुनर्सीमांकन करते समय पुराने वार्डों के नम्बरों को नहीं छेड़ा जाना चाहिए था। नए वार्ड 51 से 65 तक बनाये जाने चाहिए थे। पुराने नम्बर बदलने से उनके वार्ड की संख्या भविष्य में 49 हो जायेगी।
पुनर्सीमांकन प्रस्ताव पास होने के बाद मध्य ब्लॉक एरिया के वार्ड 25 की संख्या 36 हो जायेगी । इससे वार्ड पाषर्द को तो कुछ ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, लेकिन लोगों को अपने जरूरी दस्तावेजों में वार्ड नम्बर बदलवाना पड़ेगा। पार्षद हरविन्द्र पाण्डे का कहना है कि इस कार्य के लिए पाषर्दों को भी जनता के साथ मशक्कत करनी पड़ेगी।
हर दस साल बाद होता है ऐसा
हर दस साल के अन्तराल पर सरकार द्वारा पर वार्डों के पुनर्सीमांकन की प्रक्रिया चलाई जाती है। हर दस साल बाद वार्डों के नम्बर बदलते हैं। पूर्व सभापति जगदीश राय जांदू के अनुसार प्रत्येक दस साल बाद राज्य सरकार द्वारा नए राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया चलाई जाती है। यह आवश्यक भी है। पुराने वार्डों के नम्बर बदले बिना पुनर्सीमांकन संभव नहीं। भौगोलिक स्तर पर यह नहीं हो सकता। इसलिए हर बार वार्डों के नम्बर बदलने पड़ते हैं। वैसे भी केन्द्र सरकार जल्द ही पूरे देश में कहीं भी राशन के लिए एक ही कार्ड की योजना पर काम कर रही है। ऐसे में लोगों को नए राशन कार्ड तो बनवाने ही पड़ेंगे। बाकी दस्तावेजों में तो पते के साथ वार्ड नम्बर की ज्यादा आवश्यकता भी नहीं रहती।
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