जैसा समाज होता है, वैसा ही बनता है मीडिया
- संगोष्ठी में बोलीं वरिष्ठ पत्रकार गीताश्री
श्रीगंगानगर। वरिष्ठ पत्रकार गीताश्री ने कहा कि लोग टीवी मीडिया से ज्यादा प्रभावित होते हैं। जैसा समाज होता है, वैसा ही मीडिया बनता है। इसलिए अगर मीडिया की विश्वसनीयता नहीं है, तो समाज की संवेदनहीनता इसका बड़ा कारण है।
वे सोमवार को बीडीआईएस ऑडिटोरियम में ब्लूमिंग डेल्स इन्टरनेशनल स्कूल, श्री गोपीराम गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट और सृजन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'वर्तमान परिपेक्षय में मीडिया की विश्वसनीयताÓ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि राजनीति आपसे और हमसे खेलती है, लेकिन आप केवल मीडिया को कोसते हैं तो यह ठीक नहीं है। मीडिया को कई खानों में बांट दिया गया है। मीडिया के लोग भी इन्सान हैं। उन्हें भी अपना घर-परिवार चलाना होता है। इसलिए अब यह उम्मीद करना बेकार है कि मीडिया आंदोलन करे। मीडिया वक्त के साथ व्यवसायिक हो रहा है तो यह गलत नहीं है। बस यह ध्यान रखना है कि वह नैतिकता नहीं छोड़े। संगोष्ठी में प्रख्यात पत्रकार राहुल देव ने कहा है कि जब भी कोई पत्रकार कोई गलती करें तो उसे बताएं। उससे सवाल करें। असहमति जताएं क्योंकि संगठित पाठक अखबार का और संगठित दर्शक किसी भी चैनल का चेहरा बदल सकते हैं। विशिष्ट अतिथि सुषमा चौहान किरण ने कहा कि आज अखबार और टीवी चैनल पाठकों और दर्शकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। कार्यक्रम में समाजसेवी विजय गोयल, पत्रकार कृष्ण कुमार आशु ने भी सम्बोधित किया। प्रधानाचार्य मीतु शर्मा ने आभार व्यक्त किया। मंच संचालन संदेश त्यागी ने किया।
श्रीगंगानगर। वरिष्ठ पत्रकार गीताश्री ने कहा कि लोग टीवी मीडिया से ज्यादा प्रभावित होते हैं। जैसा समाज होता है, वैसा ही मीडिया बनता है। इसलिए अगर मीडिया की विश्वसनीयता नहीं है, तो समाज की संवेदनहीनता इसका बड़ा कारण है।
वे सोमवार को बीडीआईएस ऑडिटोरियम में ब्लूमिंग डेल्स इन्टरनेशनल स्कूल, श्री गोपीराम गोयल चेरिटेबल ट्रस्ट और सृजन सेवा संस्थान के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 'वर्तमान परिपेक्षय में मीडिया की विश्वसनीयताÓ विषय पर आयोजित संगोष्ठी में संबोधित कर रही थीं।
उन्होंने कहा कि राजनीति आपसे और हमसे खेलती है, लेकिन आप केवल मीडिया को कोसते हैं तो यह ठीक नहीं है। मीडिया को कई खानों में बांट दिया गया है। मीडिया के लोग भी इन्सान हैं। उन्हें भी अपना घर-परिवार चलाना होता है। इसलिए अब यह उम्मीद करना बेकार है कि मीडिया आंदोलन करे। मीडिया वक्त के साथ व्यवसायिक हो रहा है तो यह गलत नहीं है। बस यह ध्यान रखना है कि वह नैतिकता नहीं छोड़े। संगोष्ठी में प्रख्यात पत्रकार राहुल देव ने कहा है कि जब भी कोई पत्रकार कोई गलती करें तो उसे बताएं। उससे सवाल करें। असहमति जताएं क्योंकि संगठित पाठक अखबार का और संगठित दर्शक किसी भी चैनल का चेहरा बदल सकते हैं। विशिष्ट अतिथि सुषमा चौहान किरण ने कहा कि आज अखबार और टीवी चैनल पाठकों और दर्शकों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पा रहे हैं। कार्यक्रम में समाजसेवी विजय गोयल, पत्रकार कृष्ण कुमार आशु ने भी सम्बोधित किया। प्रधानाचार्य मीतु शर्मा ने आभार व्यक्त किया। मंच संचालन संदेश त्यागी ने किया।
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