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जहरीले पानी के मुद्दे पर विधानसभा में गरजे गौड़

- बोले, कमेटी बनाकर पंजाब भेजो, फिर करो कार्यवाही
श्रीगंगानगर। राजस्थान के आठ जिलों में पंजाब द्वारा नहरों के माध्यम से भेजे जा रहे जहरीले पानी के मुद्दे पर आज श्रीगंगानगर विधायक राजकुमार गौड़ विधानसभा में गरजे, उन्होंने कहा कि इस पानी की वजह से श्रीगंगानगर- हनुमानगढ़, बीकानेर, जोधपुर और जैसलमेर सहित आठ जिलों के लोग बुरी तरह से प्रभावित हैं।
उन्होंने कहा कि पंजाब की सैकड़ों फैक्ट्रियों का केमिकलयुक्त पानी सतलुज व व्यास नदी में डाला जा रहा है। इन पवित्र नदियों का पानी दूषित कर दिया गया है। जालंधर के बूढ़े नाले के माध्यम से यह केमिकल युक्त पानी नदी में मिलाया जाता है। हरिकेबैराज पर दोनों नदियां मिलती हैं। यहां से इन्दिरा गांधी और फिरोजपुर फीडर के माध्यम से राजस्थान की गंगकैनाल, भाखड़ा और इन्दिरा गांधी कैनाल के जरिए पानी लोगों तक पहुंचता है। गौड़ ने कहा कि सतलुज नदी में शुगर फैक्ट्री का शिरा डाल दिया गया था। इस वजह से हजारों जीव-जंतु मर गए। पंजाब सरकार ने इस फैक्ट्री पर 5 करोड़ रु. का जुर्माना लगाया। इसके बावजूद फैक्ट्री संचालकों ने जुर्माना नहीं भरा। इस दूषित पानी की वजह से श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के सैकड़ों लोग कैंसर से मर चुके हैं और अनेक लोग कैंसर से ग्रसित हैं।
उन्होंने सरकार को चेताया कि बठिंडा से बीकानेर के लिए जो ट्रेन चलती है, उसका नाम लोगों से कैंसर ट्रेन रखा हुआ है। इस मामले में सीएम अशोक गहलोत ने पंजाब सीएम कै. अमरेन्द्र सिंह को पत्र लिखा है।
साथ ही, सिंचाई विभाग के सचिव नवीन महाजन भी पंजाब जाकर आए हैं। सरकार इस समस्या को लेकर गंभीरता से कार्य कर रही है। गौड़ ने कहा कि यह बहुत बड़ी समस्या है। इसके समाधान के लिए कड़े कदम उठाने होंगे। क्योंकि पंजाब में बड़ी-बड़ी फैक्ट्रियां हैं और उन फैक्ट्रियों के संचालक पंजाब सरकार को धमकी देते रहते हैं कि वे अपनी फैक्ट्री अन्य राज्यों में ले जाएंगे। गौड ने कहा कि राजस्थान की सरकार पंजाब सरकार पर दबाव बनाए, तब जाकर इस मामले में हम आगे बढ़ेंगे। पिछले दिनों मुख्यमंत्री व उप मुख्यमंत्री जब श्रीगंगागनर आए थे। तब उन्हें इस समस्या से अवगत करवाया था। मुख्यमंत्री ने आश्वासन दिया था कि वे इस मुद्दे को लेकर गंभीर है और शीघ्र कार्यवाही करेगी।
भाजपा सरकार ने पांच साल में कुछ नहीं किया
विधानसभा में गौड ने कहा कि जहरीले पानी के मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार ने पांच साल में कुछ नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब सूरतगढ़ आए थे, तब उनके समक्ष यह मुद्दा रखा। उन्होंने इसके हल का आश्वासन दिया। भाजपा की मुख्यमंत्री और अकाली दल के मुख्यमंत्री वहां उपस्थित थे। पांच साल तक इस मुद्दे को लेकर भाजपा सरकार ने एक कदम भी नहीं उठाया। लोग बेमौत मरते रहे और सरकार ने चुप्पी सादे रखी। पंजाब से एक हजार से पांच हजार क्यूसेक गंदा पानी नदियों में डाला जा रहा है। जो जन स्वास्थ्य के लिए अब खतरा पैदा हो गया है।
पक्ष-विपक्ष मिलकर इस समस्या का निदान करें
विधायक गौड ने विधानसभा में कहा कि यह जनहित से जुड़ा हुआ गंभीर मुद्दा है। पक्ष-विपक्ष मिलकर इस मुद्दे को हल करने में आगे आएं। दोनों जिलों के विधायक इस मुद्दे को कई बार अधिकारियों से व जनप्रतिनिधियों से कह चुके हैं। यदि एकजुटता से हम इस मामले में कार्यवाही करेंगे तो निश्चित रूप से हमें सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन अभियान तभी सार्थक है, जब हम मिलकर पानी को शुद्ध करवाएं।
एक माह से लोग आंदोलन की रूपरेखा बना रहे हैं
विधायक गौड ने विधानसभा में पुरजोर ढंग से कहा कि जहरीले पानी के खिलाफ अनेक लोग आंदोलन की रूपरेखा बना रहे हैं। इससे पहले यह जन आंदोलन बने और सरकार के समक्ष समस्या खड़ी हो। जरूरी है कि हम अभी से इसका निदान करने के लिए उचित कदम उठाएं। उन्होंने कहा कि सरकार कांग्रेस-भाजपा और निर्दलीय विधायकों की एक कमेटी बनाए और फिर इसे पंजाब भेजे ताकि वे इसकी पूरी जानकारी वहां से जुटा कर लाएं और इसकी रिपोर्ट सरकार को सौंपे।
पीएचडी की जांच में नहीं आता गंदा पानी
विधायक गौड़ ने कहा कि पीएचडी की जांच में गंदा पानी नहीं आता है। पीएचडी के अधिकारी कहते हैं कि जिले में शुद्ध पानी सप्लाई किया जा रहा है। गौड ने कहा कि केमिकल युक्त पानी इस जांच में नहीं आता और लोग धीमा जहर पीते रहते हैं।


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