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डैमी पिस्तौल हो तो मौके की नजाकत देख कर लगता है आम्र्स एक्ट: एसएचओ

- रिद्धी-सिद्धी में फायरिंग करने का मामला
श्रीगंगानगर। दो दिन पूर्व रिद्धी-सिद्धी कॉलोनी में फायरिंग का मामला बड़ा चर्चा में है। पुलिस की दलील है कि जिससे फायर करना बताया जा रहा है वह डैमी पिस्तोल था। ऐसे में आम्र्स एक्ट का मामला नहीं बनता। जबकि प्रत्यक्षदॢर्शयों का दावा है कि पिस्टल असली था। क्या सच है यह तो पुलिस के उच्चाधिकारी निष्पक्ष जांच करवाने के बाद ही बता सकते हैं।
सदर पुलिस थाना प्रभारी राजेश सिहाग ने बताया कि दो दम्पत्ति बर्थडे सेलीबे्रट कर रहे थे। दो युवकों ने वहां पहुंच कर दखल देना शुरू कर दिया तो कार सवार एक युवक ने फायर कर दिया। इस मामले की शिकायत मिलने के बाद उन्होंने युवकों को पकड़ लिया था। जांच पड़ताल में खुलासा हुआ था कि पिस्टल डैमी था। ऐसे में आम्र्स एक्ट के तहत मामला नहीं बनाया गया। उन्होंने बताया कि कोतवाली पुलिस ने भी कुछ माह पूर्व डैमी पिस्टल सहित दो युवकों को पकड़ा था। उन युवकों के खिलाफ भी धारा 151 में ही कार्रवाई की गई थी।
डैमी पिस्तोल पर भी आम्र्स एक्ट का मुकदमा दर्ज होना चाहिए था, के सवाल पर थाना प्रभारी ने कहाकि मौके की स्थिति देख कर ऐसे मामलों में पुलिस कार्रवाई करती है।
गौरतलब है कि रिद्धी-सिद्धी कॉलोनी में दो दम्पत्ति बर्थ डे सेलीबे्रट कर रहे थे। पार्क के पास कार खड़ी करके तेज म्युजिक चला कर चारों नाच रहे थे। इसी दौरान बाइक लेकर वहां पहुंचे, दो युवकों का उनके साथ झगड़ा हो गया। कार सवार एक युवक ने पिस्टल से फायर कर दिया था। कॉलोनी के गार्ड ने भी वहां पहुंच कर कार सवार दम्पत्ति को वहां से चले लाने के लिए कहा था।


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