अयोध्या में बाबरी मस्जिद मामला
- विवादित ढांचा ढहाने की साजिशमामले में सुनवाई छह महीने टली
- फैसला होने तक न बदलें जज
नई दिल्ली। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने की साजिश के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई छह महीने के लिए टल गई। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि सीबीआई जज एसके यादव जब तक फैसला नहीं देते, तब तक उन्हें रिटायर न किया जाए। सीबीआई जज एसके यादव ने कोर्ट को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए छह महीने का और समय मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बेहद जरूरी है कि सीबीआई जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाएं। कोर्ट ने कहा कि हम अनुच्छेद 142 के तहत आदेश जारी करेंगे कि उन्हें 30 सितंबर को रिटायर न किया जाए. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि जज एसके यादव के कार्यकाल को कैसे बढ़ाया जा सकता है साथ ही कानूनी प्रावधान क्या है? शुक्रवार तक उत्तर प्रदेश सरकार को बताना है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले पक्षों में से एक की ओर से दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि अयोध्या विवाद में अगर मध्यस्थता नाकाम हो जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर हर दिन सुनवाई शुरू कर सकता है।
मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं होने की बात कहते हुए मामले को सूचीबद्ध करने के लिए गोपाल सिंह विशारद ने मंगलवार को शीर्ष अदालत में अर्जी दी थी। विशारद के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस.नरसिम्हा ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। हिंदू दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि यह विवाद पिछले 69 सालों से अटका पड़ा है और मामले को हल करने के लिए शुरू की गई मध्यस्थता का रुख सकारात्मक नजर नहीं आ रहा है।
- फैसला होने तक न बदलें जज
नई दिल्ली। अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाने की साजिश के मामले में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई छह महीने के लिए टल गई। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कहा कि सीबीआई जज एसके यादव जब तक फैसला नहीं देते, तब तक उन्हें रिटायर न किया जाए। सीबीआई जज एसके यादव ने कोर्ट को पत्र लिखकर मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए छह महीने का और समय मांगा है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये बेहद जरूरी है कि सीबीआई जज एसके यादव मामले की सुनवाई पूरी कर फैसला सुनाएं। कोर्ट ने कहा कि हम अनुच्छेद 142 के तहत आदेश जारी करेंगे कि उन्हें 30 सितंबर को रिटायर न किया जाए. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से पूछा कि जज एसके यादव के कार्यकाल को कैसे बढ़ाया जा सकता है साथ ही कानूनी प्रावधान क्या है? शुक्रवार तक उत्तर प्रदेश सरकार को बताना है। सुप्रीम कोर्ट शुक्रवार को मामले की सुनवाई करेगा। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हिंदू समुदाय का प्रतिनिधित्व करने वाले पक्षों में से एक की ओर से दायर एक आवेदन पर सुनवाई करते हुए कहा कि अयोध्या विवाद में अगर मध्यस्थता नाकाम हो जाती है, तो सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर हर दिन सुनवाई शुरू कर सकता है।
मध्यस्थता प्रक्रिया में कोई प्रगति नहीं होने की बात कहते हुए मामले को सूचीबद्ध करने के लिए गोपाल सिंह विशारद ने मंगलवार को शीर्ष अदालत में अर्जी दी थी। विशारद के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता पी.एस.नरसिम्हा ने चीफ जस्टिस रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और जस्टिस अनिरुद्ध बोस की पीठ के समक्ष मामले का उल्लेख किया। हिंदू दलों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकीलों ने कहा कि यह विवाद पिछले 69 सालों से अटका पड़ा है और मामले को हल करने के लिए शुरू की गई मध्यस्थता का रुख सकारात्मक नजर नहीं आ रहा है।
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