ओला, उबर जैसी ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेस पर लाएं कानून
- सुप्रीम कोर्ट का केंद्र को आदेश
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ओला और उबर जैसी ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेस के लिए केंद्र सरकार से कानून लाने के लिए कहा है. कोर्ट ने बुधवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह देश में ओला और उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के नियमन के लिए उचित कदम उठाए. न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने महिलाओं की सुरक्षा संबंधी एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है. इस पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं।
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र को अभ्यावेदन दे. वहीं केंद्र की ओर से पेश वकील ने जब कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी, तो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आपको यह करना होगा।Ó
आपको बता दें कि इन ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेस की कैब में आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या बदतमीजी की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला इस तरह की घटनाओं को रोकने में असरदार साबित हो सकता है. साथ ही केंद्र जब इन ऐप
बेस्ड टैक्सी सर्विसेस पर
कानून लाएगी, तो इस तरह की घटनाओं में जरूर से गिरावट आएगी।
साथ ही महिलाओं को भी कैब में ट्रैवल करते वक्त पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित महसूस होगा.
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने ओला और उबर जैसी ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेस के लिए केंद्र सरकार से कानून लाने के लिए कहा है. कोर्ट ने बुधवार को केंद्र को आदेश दिया कि वह देश में ओला और उबर जैसी ऐप आधारित टैक्सी सेवाओं के नियमन के लिए उचित कदम उठाए. न्यायमूर्ति एस ए बोबडे की अगुवाई वाली पीठ ने महिलाओं की सुरक्षा संबंधी एक मामले की सुनवाई के दौरान यह आदेश दिया है. इस पीठ में न्यायमूर्ति आर सुभाष रेड्डी और न्यायमूर्ति बी आर गवई भी शामिल हैं।
पीठ ने याचिकाकर्ता से कहा कि वह महिला सुरक्षा के मुद्दे पर केंद्र को अभ्यावेदन दे. वहीं केंद्र की ओर से पेश वकील ने जब कहा कि इसके लिए कानून में संशोधन की आवश्यकता होगी, तो इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा, 'आपको यह करना होगा।Ó
आपको बता दें कि इन ऐप बेस्ड टैक्सी सर्विसेस की कैब में आए दिन महिलाओं के साथ छेड़छाड़ या बदतमीजी की घटनाएं सामने आ रही हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का ये फैसला इस तरह की घटनाओं को रोकने में असरदार साबित हो सकता है. साथ ही केंद्र जब इन ऐप
बेस्ड टैक्सी सर्विसेस पर
कानून लाएगी, तो इस तरह की घटनाओं में जरूर से गिरावट आएगी।
साथ ही महिलाओं को भी कैब में ट्रैवल करते वक्त पहले से कहीं ज्यादा सुरक्षित महसूस होगा.
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