नियम विरुद्ध जारी की गई नक्शा स्वीकृतियां हों निरस्त
- सभापति के अधिकारों का हनन, भ्रष्टाचार का आरोप
- चांडक ने स्वायत शासन मंत्री को करवाया अवगत
श्रीगंगानगर। अब नगरपरिषद आयुक्त के कथित रूप से नियम विरुद्ध की गई नक्शा स्वीकृतियों को निरस्त करने का आग्रह सभापति अजय चांडक ने स्वायतशासन विभाग से किया है। उन्होंने इस सम्बंध में स्वायतशासन मंत्री शांति धारीवाल को ज्ञापन भेजकर कहा है कि सरकार ने 9 नवम्बर 2017 को एक परिपत्र जारी कर नगर निकाय सभापति को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की थी। परंतु नगरपरिषद के तत्कालीन आयुक्त अशोक कुमार असीजा व वर्तमान कार्यवाहक आयुक्त मिलखराज चुघ ने सभापति के अधिकारों का हनन करते हुए बड़े स्तर पर सभापति की स्वीकृति के बिना भवन निर्माण की नक्शा स्वीकृतियां नियमविरुद्ध जारी कर दी और की जा रही हैं।
सभापति ने कहा कि उन्होंने इस सम्बंध में आयुक्त को पाबंद भी किया था, लेकिन यह क्रम बना हुआ है। किसी भी पत्रावली को सभापति के समक्ष नहीं भेजा जा रहा। इससे आयुक्त की व्यक्तिगत लाभ की मंशा परिलक्षित हो रही है। आयुक्त की ओर से आवासीय निर्माण का नक्शा स्वीकृत किया जाता है और मौके पर भवन का व्यावसायिक निर्माण हो रहा है। सभापति ने कहा कि इससे न केवल नगरपालिका अधिनियम की अवहेलना हो रही है, जबकि टाउन प्लान से छेड़छाड़ कर नगरपरिषद को राजस्व की भी हानि पहुंचाई जा रही है।
सभापति का आरोप है कि आयुक्त के इस कार्य से शहर का मूल स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी गलियों में व्यावसायिक भवन बन रहे हैं और पार्किंग का भी विकल्प नहीं रखा जा रहा। सभापति अजय चांडक ने मंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि आयुक्त व निर्माण शाखा के तकनीकी अधिकारी मोटी रिश्वत लेकर भवन मालिकों को व्यावसायिक निर्माण की बजाय आवासीय निर्माण की नक्शा स्वीकृतियां जारी कर अनुचित लाभ पहुंचा रहे हैं। इन दोनों आयुक्तों के कार्यकाल के दौरान अब तक जारी की गई नक्शा स्वीकृतियों की सूची भी मंत्री को भेजी गई है। सभापति ने आग्रह किया है कि इन नक्शा पत्रावलियों की विभागीय स्तर पर उच्चाधिकारियों से जांच करवाकर इन्हें तत्काल निरस्त करवाया जाए।
- चांडक ने स्वायत शासन मंत्री को करवाया अवगत
श्रीगंगानगर। अब नगरपरिषद आयुक्त के कथित रूप से नियम विरुद्ध की गई नक्शा स्वीकृतियों को निरस्त करने का आग्रह सभापति अजय चांडक ने स्वायतशासन विभाग से किया है। उन्होंने इस सम्बंध में स्वायतशासन मंत्री शांति धारीवाल को ज्ञापन भेजकर कहा है कि सरकार ने 9 नवम्बर 2017 को एक परिपत्र जारी कर नगर निकाय सभापति को प्रशासनिक एवं वित्तीय स्वीकृतियां जारी की थी। परंतु नगरपरिषद के तत्कालीन आयुक्त अशोक कुमार असीजा व वर्तमान कार्यवाहक आयुक्त मिलखराज चुघ ने सभापति के अधिकारों का हनन करते हुए बड़े स्तर पर सभापति की स्वीकृति के बिना भवन निर्माण की नक्शा स्वीकृतियां नियमविरुद्ध जारी कर दी और की जा रही हैं।
सभापति ने कहा कि उन्होंने इस सम्बंध में आयुक्त को पाबंद भी किया था, लेकिन यह क्रम बना हुआ है। किसी भी पत्रावली को सभापति के समक्ष नहीं भेजा जा रहा। इससे आयुक्त की व्यक्तिगत लाभ की मंशा परिलक्षित हो रही है। आयुक्त की ओर से आवासीय निर्माण का नक्शा स्वीकृत किया जाता है और मौके पर भवन का व्यावसायिक निर्माण हो रहा है। सभापति ने कहा कि इससे न केवल नगरपालिका अधिनियम की अवहेलना हो रही है, जबकि टाउन प्लान से छेड़छाड़ कर नगरपरिषद को राजस्व की भी हानि पहुंचाई जा रही है।
सभापति का आरोप है कि आयुक्त के इस कार्य से शहर का मूल स्वरूप बिगड़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी गलियों में व्यावसायिक भवन बन रहे हैं और पार्किंग का भी विकल्प नहीं रखा जा रहा। सभापति अजय चांडक ने मंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि उन्हें अनेक शिकायतें प्राप्त हो रही हैं कि आयुक्त व निर्माण शाखा के तकनीकी अधिकारी मोटी रिश्वत लेकर भवन मालिकों को व्यावसायिक निर्माण की बजाय आवासीय निर्माण की नक्शा स्वीकृतियां जारी कर अनुचित लाभ पहुंचा रहे हैं। इन दोनों आयुक्तों के कार्यकाल के दौरान अब तक जारी की गई नक्शा स्वीकृतियों की सूची भी मंत्री को भेजी गई है। सभापति ने आग्रह किया है कि इन नक्शा पत्रावलियों की विभागीय स्तर पर उच्चाधिकारियों से जांच करवाकर इन्हें तत्काल निरस्त करवाया जाए।
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