सरकारी कॉलेजों के विद्यार्थियों को अब देनी होगी हर महीने परीक्षा
- कॉलेज शिक्षा आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ की अभिनव पहल
- इसका उद्देश्य विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर सुधारना
श्रीगंगानगर। सरकारी कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को हर महीने परीक्षा देनी होगी। कॉलेजों में गुणात्मक शिक्षा और अकादमिक माहौल बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस शिक्षा सत्र से नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर का अब हर माह मूल्यांकन किया जाएगा।
कॉलेज शिक्षा आयुक्त एवं उच्च शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव प्रदीप कुमार बोरड़ ने इस बारे में पहल करते हुए सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉलेजों में प्रत्येक माह विद्यार्थियों की मासिक परीक्षा होगी। जिसमें सभी नियमित स्टूडेंट्स को शामिल होना होगा। कॉलेज आयुक्तालय ने छात्र-छात्राओं की कक्षा में उपस्थिति बढ़ाने के लिए यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर शुरू करने का निर्णय किया है।
मासिक परीक्षा के जरिए विद्यार्थियों के दो टेस्ट होंगे। यह परीक्षा बिना वीक्षक के ली जाएंगी। शिक्षक पेपर व उत्तर पुस्तिका देकर चले जाएंगे। इसके पीछे कॉलेज आयुक्तालय के अधिकारियों ने तर्क दिया है कि छात्र-छात्राओं में आत्म अनुशासन बढ़ाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। यह ही विद्यार्थियों का दूसरा टेस्ट होगा। यह टेस्ट विद्यार्थियों के जीवन के प्रति सच्चाई, ईमानदारी, आत्म विश्वास, स्वयं को परखने की क्षमता का है, जो बिना वीक्षक इस मासिक परीक्षा से होगा।
हर माह कॉलेजों में होने वाली परीक्षा में प्रत्येक स्टूडेंट्स की परफॉर्मेस का रिकॉर्ड भी रहेगा। इस परीक्षा के परिणाम को किसी भी रूप में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। उत्तर पुस्तिकाओं की कॉलेज स्तर पर जांच कर विद्यार्थियों को उनकी परफॉर्मेंस की व्यक्तिगत जानकारी दी जाएगी।
परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को 20 नंबर का प्रश्न-पत्र हल करना होगा। कॉलेज आयुक्तालय ने सभी कॉलेजों को प्रश्न-पत्र भेज दिया है। जिसमें कुल 11 प्रश्न होंगे। इनमें 1-1 नंबर के 5 ऑब्जेक्टिव, 2-2 नंबर के 5 अतिलघुरात्मक और 5 नंबर का एक लघुरात्मक प्रश्न होगा।
- इसका उद्देश्य विद्यार्थियों का बौद्धिक स्तर सुधारना
श्रीगंगानगर। सरकारी कॉलेजों में पढऩे वाले विद्यार्थियों को हर महीने परीक्षा देनी होगी। कॉलेजों में गुणात्मक शिक्षा और अकादमिक माहौल बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने इस शिक्षा सत्र से नई व्यवस्था लागू की है। इसके तहत विद्यार्थियों के बौद्धिक स्तर का अब हर माह मूल्यांकन किया जाएगा।
कॉलेज शिक्षा आयुक्त एवं उच्च शिक्षा विभाग के विशिष्ट शासन सचिव प्रदीप कुमार बोरड़ ने इस बारे में पहल करते हुए सरकारी कॉलेजों के प्राचार्य को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार कॉलेजों में प्रत्येक माह विद्यार्थियों की मासिक परीक्षा होगी। जिसमें सभी नियमित स्टूडेंट्स को शामिल होना होगा। कॉलेज आयुक्तालय ने छात्र-छात्राओं की कक्षा में उपस्थिति बढ़ाने के लिए यह व्यवस्था प्रयोग के तौर पर शुरू करने का निर्णय किया है।
मासिक परीक्षा के जरिए विद्यार्थियों के दो टेस्ट होंगे। यह परीक्षा बिना वीक्षक के ली जाएंगी। शिक्षक पेपर व उत्तर पुस्तिका देकर चले जाएंगे। इसके पीछे कॉलेज आयुक्तालय के अधिकारियों ने तर्क दिया है कि छात्र-छात्राओं में आत्म अनुशासन बढ़ाने के लिए यह प्रयोग किया जा रहा है। यह ही विद्यार्थियों का दूसरा टेस्ट होगा। यह टेस्ट विद्यार्थियों के जीवन के प्रति सच्चाई, ईमानदारी, आत्म विश्वास, स्वयं को परखने की क्षमता का है, जो बिना वीक्षक इस मासिक परीक्षा से होगा।
हर माह कॉलेजों में होने वाली परीक्षा में प्रत्येक स्टूडेंट्स की परफॉर्मेस का रिकॉर्ड भी रहेगा। इस परीक्षा के परिणाम को किसी भी रूप में सार्वजनिक नहीं किया जाएगा। उत्तर पुस्तिकाओं की कॉलेज स्तर पर जांच कर विद्यार्थियों को उनकी परफॉर्मेंस की व्यक्तिगत जानकारी दी जाएगी।
परीक्षा के दौरान विद्यार्थियों को 20 नंबर का प्रश्न-पत्र हल करना होगा। कॉलेज आयुक्तालय ने सभी कॉलेजों को प्रश्न-पत्र भेज दिया है। जिसमें कुल 11 प्रश्न होंगे। इनमें 1-1 नंबर के 5 ऑब्जेक्टिव, 2-2 नंबर के 5 अतिलघुरात्मक और 5 नंबर का एक लघुरात्मक प्रश्न होगा।

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