गुरु पूर्णिमा पर भोले की आराधना का सिलसिला शुरू
- सावन कल से, शिवालयों में सुनाई देगा ओम नम: शिवाय का मंत्र
श्रीगंगानगर। सावन का महीना बुधवार से शुरू होगा लेकिन भगवान भोलेनाथ की आराधना का सिलसिला आज गुरु पूर्णिमा से शुरू हो गया है। शहर ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी शिवभक्तों ने सुबह मन्दिर पहुंच कर जलाभिषेक किया। प्राचीन शिवालय शुक्रनाथ की बगीची, अन्ध विद्यालय स्थित शिव मन्दिर, संस्कृत महाविद्यालय स्थित शिवालय, कोढिय़ों वाली पुली स्थित शिव मन्दिर में सुबह से ही श्रद्धालु शिव आराधना के लिए पहुंचने लगे। कल से शुरू हो रहे सावन माह में यह सिलसिला निरन्तर चलेगा। शिवालयों में ओम नम: शिवाय का मंत्र सुनाई देगा।
कल के दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन का आगाज होगा। सावन पूरे तीस दिन का होगा। सावन महीने में कई शुभ फलदायी योगों का संयोग भी बनेगा। सावन मास में खंड वर्षा के योग बन रहे हैं। कहीं कम तो कहीं ज्यादा वर्षा होगी।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि सावन की शुरुआत के अवसर पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में वज्र और विष कुंभ योग भी बनेगा। सावन मास में चार सोमवार 22 व 29 जुलाई तथा 5 व 11 अगस्त को पड़ेेंगे। हरियाली अमावस्या एक अगस्त को मनाई जाएगी। इस बार स्वाधीनता दिवस के मौके पर पन्द्रह अगस्त को श्रवण नक्षत्र में रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। करीब दो दशक के बाद उपरांत स्वाधीनता दिवस के दिन रक्षा बंधन पर्व आ रहा है। पांच अगस्त सोमवार को नागपंचमी का संयोग बनेगा। इस कारण नागपंचमी का महत्व अधिक हो गया है।
श्रीगंगानगर। सावन का महीना बुधवार से शुरू होगा लेकिन भगवान भोलेनाथ की आराधना का सिलसिला आज गुरु पूर्णिमा से शुरू हो गया है। शहर ही नहीं ग्रामीण इलाकों में भी शिवभक्तों ने सुबह मन्दिर पहुंच कर जलाभिषेक किया। प्राचीन शिवालय शुक्रनाथ की बगीची, अन्ध विद्यालय स्थित शिव मन्दिर, संस्कृत महाविद्यालय स्थित शिवालय, कोढिय़ों वाली पुली स्थित शिव मन्दिर में सुबह से ही श्रद्धालु शिव आराधना के लिए पहुंचने लगे। कल से शुरू हो रहे सावन माह में यह सिलसिला निरन्तर चलेगा। शिवालयों में ओम नम: शिवाय का मंत्र सुनाई देगा।
कल के दिन सूर्य प्रधान उत्तराषाढ़ा नक्षत्र से सावन का आगाज होगा। सावन पूरे तीस दिन का होगा। सावन महीने में कई शुभ फलदायी योगों का संयोग भी बनेगा। सावन मास में खंड वर्षा के योग बन रहे हैं। कहीं कम तो कहीं ज्यादा वर्षा होगी।
पंडित सत्यपाल पाराशर ने बताया कि सावन की शुरुआत के अवसर पर उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में वज्र और विष कुंभ योग भी बनेगा। सावन मास में चार सोमवार 22 व 29 जुलाई तथा 5 व 11 अगस्त को पड़ेेंगे। हरियाली अमावस्या एक अगस्त को मनाई जाएगी। इस बार स्वाधीनता दिवस के मौके पर पन्द्रह अगस्त को श्रवण नक्षत्र में रक्षा बंधन पर्व मनाया जाएगा। करीब दो दशक के बाद उपरांत स्वाधीनता दिवस के दिन रक्षा बंधन पर्व आ रहा है। पांच अगस्त सोमवार को नागपंचमी का संयोग बनेगा। इस कारण नागपंचमी का महत्व अधिक हो गया है।
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