अधिकांश आपत्तियां खारिज योग्य, 22 तक होगा निस्तारण
श्रीगंगानगर। नगर परिषद क्षेत्र में वार्डों की संख्या 50 से बढ़ाकर 65 करने के लिए तैयार प्रस्तावों पर आपत्तियां दर्ज करवाने का आज आखिरी दिन हैं। शाम छह बजे तक आपत्तियां दी जा सकती हैं। परिषद की निर्माण शाखा को अब तक 82 आपत्तियां ही प्राप्त हुई हैं। इनमें से भी अधिकांश खारिज करने योग्य हैं। केवल दो-तीन आपत्तियां ही ऐसी हैं, जो वार्ड की पहचान, सीमांकन व जनसंख्या को लेकर की गई हैं।
परिषद के अभियंताओं ने बताया कि 22 जुलाई तक वार्ड गठन का प्रस्ताव मय नक्शे एवं प्राप्त दावों एवं आपत्तियों पर टिप्पणी सहित सरकार को प्रेषित किया जाएगा। 23 जुलाई से 6 अगस्त तक राज्य सरकार की ओर से आपत्तियों का निस्तारण व प्रस्तावों का अनुमोदन होगा।
हाईकोर्ट लगा सकता है रोक, सुनवाई 18 को: नगर निकाय सीटों को फिक्सेशन व नोटिफाइड किए बिना और 2011 की जनगणना के फार्मूले के आधार पर नगर निकाय वार्डों का परिसीमन करने पर हाईकोर्ट ने स्वायत्त शासन सचिव, निदेशक और नगर निगम जयपुर के कमिश्नर को नोटिस जारी कर रखा है। सभी से 18 जुलाई तक जवाब मांगते हुए कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न 10 जून 2019 की नोटिफिकेशन के तहत हो रहे नगर निकाय वार्डों के परिसीमन की कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए ?
कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया गया है कि नगर निकायों के वार्ड परिसीमन में नगर पालिका एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। राज्य सरकार ने सीटों का फिक्सेशन व नोटिफाइड किए बिना ही केवल फार्मूले के अनुसार ही वार्ड का परिसीमन किया है, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 2015 में नगर निकायों के वार्ड चुनाव हो चुके हैं।
सरकार ने 2020 के नगर निकाय चुनाव के लिए भी 2011 की जनगणना का आधार लिया है, जो गलत है। राजस्थान नगर पालिका एक्ट 2009 के प्रावधानों के अनुसार हर निकाय की सीट को अधिसूचित करना जरूरी है। इसके अलावा नगर निकाय चुनावों के लिए भी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भी प्रारंभिक स्तर पर मतदाता सूचियों को जांचने और तैयार करने का जिम्मा सौंपा है।
परिषद के अभियंताओं ने बताया कि 22 जुलाई तक वार्ड गठन का प्रस्ताव मय नक्शे एवं प्राप्त दावों एवं आपत्तियों पर टिप्पणी सहित सरकार को प्रेषित किया जाएगा। 23 जुलाई से 6 अगस्त तक राज्य सरकार की ओर से आपत्तियों का निस्तारण व प्रस्तावों का अनुमोदन होगा।
हाईकोर्ट लगा सकता है रोक, सुनवाई 18 को: नगर निकाय सीटों को फिक्सेशन व नोटिफाइड किए बिना और 2011 की जनगणना के फार्मूले के आधार पर नगर निकाय वार्डों का परिसीमन करने पर हाईकोर्ट ने स्वायत्त शासन सचिव, निदेशक और नगर निगम जयपुर के कमिश्नर को नोटिस जारी कर रखा है। सभी से 18 जुलाई तक जवाब मांगते हुए कोर्ट ने पूछा है कि क्यों न 10 जून 2019 की नोटिफिकेशन के तहत हो रहे नगर निकाय वार्डों के परिसीमन की कार्रवाई पर रोक लगा दी जाए ?
कोर्ट में याचिका दायर कर दावा किया गया है कि नगर निकायों के वार्ड परिसीमन में नगर पालिका एक्ट के प्रावधानों का उल्लंघन हो रहा है। राज्य सरकार ने सीटों का फिक्सेशन व नोटिफाइड किए बिना ही केवल फार्मूले के अनुसार ही वार्ड का परिसीमन किया है, जबकि 2011 की जनगणना के अनुसार 2015 में नगर निकायों के वार्ड चुनाव हो चुके हैं।
सरकार ने 2020 के नगर निकाय चुनाव के लिए भी 2011 की जनगणना का आधार लिया है, जो गलत है। राजस्थान नगर पालिका एक्ट 2009 के प्रावधानों के अनुसार हर निकाय की सीट को अधिसूचित करना जरूरी है। इसके अलावा नगर निकाय चुनावों के लिए भी मुख्य नगर पालिका अधिकारियों को भी प्रारंभिक स्तर पर मतदाता सूचियों को जांचने और तैयार करने का जिम्मा सौंपा है।
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