पंजाब में बीकानेर कैनाल का पटड़ा टूटा, खतरा बरकरार
- नहर की लाइनिंग में खड़े हैं पेड़, सरकंडे
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। वैसे तो गंग कैनाल की हालत भी खस्ता हो रही है, लेकिन पंजाब में बीकानेर कैनाल का पटड़ा टूट गया है। इस वजह से यहां नहर के टूटने का खतरा बना हुआ है। इस बार सिंचाई विभाग ने गंगनहर, बीकानेर कैनाल की साफ-सफाई का कार्य नहीं किया। सिंचाई विभाग चाहता तो 20 दिन की बंदी लेकर सफाई का कार्य पूर्ण किया जा सकता था। नहरों के अध्यक्षों ने भी इस मामले में रूचि नहीं दिखाई।
गंग कैनाल की सभी 21 वितरिकाओं में साफ-सफाई न होने से पानी का प्रवाह अवरूद्ध होता है। इससे किसानों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। बीकानेर कैनाल कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गई है। पटड़े टूटने से वर्षा के दिनों में और ज्यादा परेशानी बढऩे वाली है। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल व अमर सिंह बिश्रोई ने बताया कि हर वर्ष सफाई के नाम पर सिंचाई विभाग को काफी बजट सरकार द्वारा दिया जाता है। लेकिन इस बजट का उपयोग सफाई पर खर्च नहीं हो रहा है। श्री सहगल ने बताया कि नहरों में सफाई न होने से वे अपनी निर्धारित क्षमता का पानी नहीं ले पाती। इस वजह से सबसे ज्यादा नुकसान टेल पर बैठे किसानों को होता है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष नहरों की सफाई होनी चाहिए ताकि नहरों के पटड़े मजबूत रहें और नहर न टूटे।
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। वैसे तो गंग कैनाल की हालत भी खस्ता हो रही है, लेकिन पंजाब में बीकानेर कैनाल का पटड़ा टूट गया है। इस वजह से यहां नहर के टूटने का खतरा बना हुआ है। इस बार सिंचाई विभाग ने गंगनहर, बीकानेर कैनाल की साफ-सफाई का कार्य नहीं किया। सिंचाई विभाग चाहता तो 20 दिन की बंदी लेकर सफाई का कार्य पूर्ण किया जा सकता था। नहरों के अध्यक्षों ने भी इस मामले में रूचि नहीं दिखाई।
गंग कैनाल की सभी 21 वितरिकाओं में साफ-सफाई न होने से पानी का प्रवाह अवरूद्ध होता है। इससे किसानों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। बीकानेर कैनाल कई जगहों से क्षतिग्रस्त हो गई है। पटड़े टूटने से वर्षा के दिनों में और ज्यादा परेशानी बढऩे वाली है। किसान संघर्ष समिति के प्रवक्ता सुभाष सहगल व अमर सिंह बिश्रोई ने बताया कि हर वर्ष सफाई के नाम पर सिंचाई विभाग को काफी बजट सरकार द्वारा दिया जाता है। लेकिन इस बजट का उपयोग सफाई पर खर्च नहीं हो रहा है। श्री सहगल ने बताया कि नहरों में सफाई न होने से वे अपनी निर्धारित क्षमता का पानी नहीं ले पाती। इस वजह से सबसे ज्यादा नुकसान टेल पर बैठे किसानों को होता है। उन्होंने कहा कि हर वर्ष नहरों की सफाई होनी चाहिए ताकि नहरों के पटड़े मजबूत रहें और नहर न टूटे।
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