शराब ठेके पर कार्रवाई करवाने में एसडीएम के पसीने छूटे
- बेमन से मौके पर पहुंचे आबकारी के अधिकारी, मूकदर्शक बनी रही पुलिस.
सादुलशहर। गांव करड़वाला के निकट नगर पालिका की सीमा पर स्थित वार्ड नम्बर 18 में रात आठ बजे के बाद शराब बेच रहे ठेके पर कार्रवाई करवाने में उपखण्ड अधिकारी यशपाल आहुजा के ही पसीने छूट गये। ठेकेदारों व आबकारी विभाग के अफसरों के गठजोड़ के चलते उपखण्ड अधिकारी को ही कार्रवाई करवाने में काफी जोर आया, तो आम आदमी की क्या मजाल है कि वह ठेकेदारों पर कार्रवाई करवा सके।
जानकारी के अनुसार एक सूचना पर उपखण्ड अधिकारी यशपाल आहुजा उडऩ दस्ते के साथ बीती रात शराब ठेके पर पहुंचे। दल को देख कर शराब बेच रहे दो सेल्समैन ठेके में घुस गये और अंदर से बंद कर लिया और शराब खरीदने आये लोग वहां से भाग गये। एसडीएम ने रात आठ बजे के बाद शराब बेचने पर पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन लाइसेंस शराब ठेका होने का हवाला देते हुए एसडीएम को ही कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होने की बात कही। एसडीएम ने पुलिस को शराब ठेके में बंद सेल्समैन को बाहर निकालने के लिए कहा, तो पुलिस पीछे हट गई। ऐसे में मामला जिला कलेक्टर तक पहुंचा। जिला कलेक्टर के आदेश पर दो घंटे बाद श्रीगंगानगर से आबकारी विभाग के इस्पेक्टर मनीष पारीक मौके पर पहुंचे।
उन्होंने भी कार्रवाई करने से हाथ पीछे खीचें, तो एसडीएम ने फटकार लगाते हुए कहाकि ठेके का स्टॉक रजिस्टर चैक करो। इस पर आबकारी इंस्पेक्टर ने दलील दी कि स्टॉक आजकल ऑनलाइन है। एसडीएम ने कहाकि कम्प्यूटर पर चैक कर लो, तो आबकारी अफसर ने दलील दी कि ठेके में कम्प्यूटर नहीं होता है, तो मोबाइल से स्टॉक दर्ज कर देते हैं, लेकिन सेल्समैन का मोबाइल भी चैक नहीं किया। काफी देर की बहस के बाद एसडीएम ने कहाकि रात आठ बजे के बाद शराब बिक रही है और आप (आबकारी इंसपेक्टर) कार्रवाई करने की बजाये बहस कर रहे हो। ठेके की रिपोर्ट बनाओ। ठेके के दो शटर लगे हैं। एक खिड़की भी है। अंदर सेल्समैन है। यह सब रिपोर्ट में दर्ज करो। एसडीएम ने काफी देर तक बहस करने के बाद आबकारी इंस्पेक्टर ने ठेकेदार पर रात आठ बजे के बाद शराब बेचने का मामला बनाया।
उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि उन्होंने शराब ठेके के पीछे अवैध रूप से शराब पिलाने के इंतजाम भी देखे। वहां शराब की हजारों खाली बोतलें पड़ी थी। मेज पर गिलास व शराब की बोतलें पड़ी थी। ठेके के पीछे शराब की महफिल के पूरे इंतजाम थे। इतना सब कुछ होने के बावजूद आबकारी व पुलिस कार्रवाई करने की बजाये बहस करते रहे। इस मामले की उन्होंने जिला कलेक्टर को रिपोर्ट कर दी है।
सादुलशहर। गांव करड़वाला के निकट नगर पालिका की सीमा पर स्थित वार्ड नम्बर 18 में रात आठ बजे के बाद शराब बेच रहे ठेके पर कार्रवाई करवाने में उपखण्ड अधिकारी यशपाल आहुजा के ही पसीने छूट गये। ठेकेदारों व आबकारी विभाग के अफसरों के गठजोड़ के चलते उपखण्ड अधिकारी को ही कार्रवाई करवाने में काफी जोर आया, तो आम आदमी की क्या मजाल है कि वह ठेकेदारों पर कार्रवाई करवा सके।
जानकारी के अनुसार एक सूचना पर उपखण्ड अधिकारी यशपाल आहुजा उडऩ दस्ते के साथ बीती रात शराब ठेके पर पहुंचे। दल को देख कर शराब बेच रहे दो सेल्समैन ठेके में घुस गये और अंदर से बंद कर लिया और शराब खरीदने आये लोग वहां से भाग गये। एसडीएम ने रात आठ बजे के बाद शराब बेचने पर पुलिस को सूचना दी। इस पर पुलिस मौके पर पहुंच गई, लेकिन लाइसेंस शराब ठेका होने का हवाला देते हुए एसडीएम को ही कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होने की बात कही। एसडीएम ने पुलिस को शराब ठेके में बंद सेल्समैन को बाहर निकालने के लिए कहा, तो पुलिस पीछे हट गई। ऐसे में मामला जिला कलेक्टर तक पहुंचा। जिला कलेक्टर के आदेश पर दो घंटे बाद श्रीगंगानगर से आबकारी विभाग के इस्पेक्टर मनीष पारीक मौके पर पहुंचे।
उन्होंने भी कार्रवाई करने से हाथ पीछे खीचें, तो एसडीएम ने फटकार लगाते हुए कहाकि ठेके का स्टॉक रजिस्टर चैक करो। इस पर आबकारी इंस्पेक्टर ने दलील दी कि स्टॉक आजकल ऑनलाइन है। एसडीएम ने कहाकि कम्प्यूटर पर चैक कर लो, तो आबकारी अफसर ने दलील दी कि ठेके में कम्प्यूटर नहीं होता है, तो मोबाइल से स्टॉक दर्ज कर देते हैं, लेकिन सेल्समैन का मोबाइल भी चैक नहीं किया। काफी देर की बहस के बाद एसडीएम ने कहाकि रात आठ बजे के बाद शराब बिक रही है और आप (आबकारी इंसपेक्टर) कार्रवाई करने की बजाये बहस कर रहे हो। ठेके की रिपोर्ट बनाओ। ठेके के दो शटर लगे हैं। एक खिड़की भी है। अंदर सेल्समैन है। यह सब रिपोर्ट में दर्ज करो। एसडीएम ने काफी देर तक बहस करने के बाद आबकारी इंस्पेक्टर ने ठेकेदार पर रात आठ बजे के बाद शराब बेचने का मामला बनाया।
उपखण्ड अधिकारी ने बताया कि उन्होंने शराब ठेके के पीछे अवैध रूप से शराब पिलाने के इंतजाम भी देखे। वहां शराब की हजारों खाली बोतलें पड़ी थी। मेज पर गिलास व शराब की बोतलें पड़ी थी। ठेके के पीछे शराब की महफिल के पूरे इंतजाम थे। इतना सब कुछ होने के बावजूद आबकारी व पुलिस कार्रवाई करने की बजाये बहस करते रहे। इस मामले की उन्होंने जिला कलेक्टर को रिपोर्ट कर दी है।
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