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तो और अधिक होता मतदान प्रतिशत

- तीन-तीन बार आवेदन के बावजूद नहीं बने वोट
श्रीगंगानगर। लोकतंत्र उत्सव के चलते कल श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मतदान का दावा किया जा रहा है। इलाके में मतदान 74.41 प्रतिशत होना बताया जा रहा है। यह और भी बढ़ सकता था। यदि निर्वाचन विभाग की ओर से लगाये गये बीएलओ व अन्य कर्मचारी अपने काम में लापरवाही नहीं बरतते।
इस लापरवाही के चलते शहर में सैकड़ों लोग मतदान से वंचित रहे। ये ऐसे लोग थे, जिन्होंने तीन-तीन बार वोटर लिस्ट में अपना नाम जुड़वाने के लिए आवेदन किया, लेकिन बीएलओ की लापरवाही के चलते मतदाता सूची में उनका नाम शामिल नहीं हो पाया। कल मतदान के समय लोग अपने-अपने मतदान केन्द्र पर पहुंचे तो उन्हें मतदाता सूची में नाम नहीं मिलने पर बड़ी मायूसी हुई।
बीते एक साल के दौरान निर्वाचन विभाग की ओर से मतदाता सूचियों में संशोधन, नये नाम जोडऩे और मतदाता ट्रांसफर के लिए कई बार मतदान केन्द्रों पर शिविर लगाया गया। इन शिविरों में लोगों ने आवेदन भी किये। इसके बावजूद अधिकांश लोगों का वोट नहीं बना। ऐसे ही लोगों में शामिल हैं आनंद विहार निवासी सुभाष भोला। सुभाष ने बीएलओ प्रवीण सिवाल के मार्फत तीन बार आवेदन किया। इनके परिवार के तीन अन्य लोगों ने भी वोट बनाने के लिए आवेदन किये।
इनमें से दो वोट ट्रांसफर का आवेदन था, जबकि दो नये बनने थे। सुभाष ने लगातार बीएलओ प्रवीण सिवाल से सम्पर्क रखा। हर बार बीएलओ वोटर लिस्ट में नाम आने का आश्वासन देता रहा, लेकिन कल मतदान के समय सुभाष व इनके परिवार के बाकी तीन लोगों को बूथ संख्या 108 पर मतदाता सूची में नाम नहीं मिला। इतना ही नहीं, पुरानी मतदाता सूची में शामिल दो लोगों के वोट भी कटने की जानकारी इन्हें दी गई। इसी तरह एल ब्लॉक निवासी विनय कुमार के साथ हुआ। विनय कुमार ने पुरानी आबादी से अपना वोट एन ब्लॉक के हरिजन बस्ती स्थित पोलिंग बूथ के लिए ट्रांसफर करवाने का आवेदन कर रखा था, कल इन्हें न तो नई वोटर लिस्ट में नाम मिला और न ही पुरानी आबादी की पुरानी वोटर लिस्ट में इनका नाम रहा।
इसी तरह गणपतिनगर में रहने वाले रवीन्द्र मिड्ढा के साथ भी हुआ। मिड्ढा पूर्व में एफ ब्लॉक में निवास करते थे, जहां से उन्होंने अपना व परिवार के अन्य सदस्यों का वोट नजदीक के पोलिंग बूथ पर ट्रांसफर के लिए तीन मार्च को लगे शिविर में आवेदन किया था।
बीएलओ प्रवीण सिवाल इन्हें भी नई जगह वोट बनने का आश्वासन देता रहा, लेकिन इनका नाम भी वोटर लिस्ट में शामिल नहीं हुआ। पूछे जाने पर इन्हें प्रवीण सिवाल ने वोटर लिस्ट अपडेट करने में कलक्ट्रेट स्थित निर्वाचन शाखा से कार्मिकों की लापरवाही बताकर अपना पल्ला झाड़ लिया।
यह तो कुछ लोग हैं, जिन्होंने वोट नहीं बनने के कारण मतदान नहीं कर पाने पर आवाज उठाई है। शहर में ऐसे सैकड़ों लोग होंगे, जिनका वोट किसी न किसी स्तर की लापरवाही के कारण नहीं बन पाया। यदि इन लोगों का वोट बना होता तो निश्चित तौर पर मतदान प्रतिशत भी बढ़ता।


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