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डेरा सच्चा सौदा 29 के बाद करेगा राजनीतिक समर्थन के मुद्दे पर फैसला

- बुधरवाली और पंजाब-हरियाणा मेें उमड़े डेरा प्रेमी
श्रीगंगानगर। लोकसभा चुनाव में किसे समर्थन देना है, इसका फैसला डेरा सच्चा सौदा 29 अप्रेल के बाद करेगा। संभावना है कि इस बार डेरा समर्थक किसी राजनीतिक दल को समर्थन देने के बजाय अलग-अलग प्रत्याशियों को समर्थन देंगे। डेरे के 71वें स्थापना दिवस और जाम-ए-इंसा की 13वीं वर्षगांठ के मौके पर कल श्रीगंगानगर जिले और पंजाब-हरियाणा मेें आयोजित समागमों में डेरा समर्थक पहुंचे। सादुलशहर के निकट मौजपुर धाम बुधरवाली में भी डेरा समर्थकों ने इस मौके पर राजनीतिक मुद्दे पर अंतिम निर्णय नहीं किया गया।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार डेरे की सियासी विंग की तरफ से तैयार रणनीति के दूसरे पड़ाव में रविवार को पंजाब और हरियाणा के नाम चर्चा घरों में एवं मौजपुर धाम बुधरवाली मेंं संगत एकत्रित हुई। संगत जुटाकर डेरा सियासी पार्टियों को अपने वजूद का अहसास कराना चाहता है। डेरे की 45 सदस्यीय कमेटी के सदस्यों ने डेरे की एकजुटता दिखाते हुए कहा कि डेरा बिखरा नहीं, एक है और पहले से ज्यादा मजबूती से काम करेगा।
29 अप्रैल को डेरा सच्चा सौदा सिरसा में 71वें स्थापना दिवस के अवसर पर विशाल समागम का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें पंजाब, हरियाणा और राजस्थान से संगत को भारी संख्या में पहुंचने का आह्वान किया गया है। डेरे के सियासी विंग के चेयरमैन राम सिंह इंसां ने कहा है कि 29 अप्रेल को डेरे के समागम के बाद तीसरे पड़ाव में संगत ही फैसला लेगी कि उन्हें सियासी तौर पर किसका साथ देना है। किसी पार्टी विशेष के बजाय संगत से प्रत्याशी वाइज फीडबैक लेने के बाद संगत फैसला लेगी।  विभिन्न स्थानों पर स्थित नाम चर्चा घरों में डेरा प्रेमियों ने रविवार को भारी मात्रा में एकत्रित होकर एकजुटता का प्रमाण दिया। इसे डेरे के 71वें स्थापना दिवस और जाम-ए-इंसा की 13वीं वर्षगांठ का नाम दिया गया पर असल में डेरे का स्थापना दिवस 29 अप्रैल को है। इसके बाद डेरे का सियासी विंग फैसला लेगा। डेरे ने फिलहाल किसी भी दल या उम्मीदवार को समर्थन नहीं दिया है।


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