प्रवेशोत्सव 26 से, जनप्रतिनिधि नहीं हो सकेंगे शामिल
- नहीं पड़ेगा आचार संहिता का प्रभाव
श्रीगंगानगर। सरकारी स्कूलों में इस बार 26 अप्रैल से प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया शुरू हो रही है। प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया को लेकर निदेशक नथमल डिडेल की ओर से शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सभी सरकारी स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी की गई है।
इस बार लोकसभा चुनावों से प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया को प्रभावित होने से दूर रखा गया है। इसके लिए चुनाव से पहले ही परीक्षाओं को पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके बाद दूसरे दिन से ही स्कूलों में प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस समय लोकसभा चुनावों को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में इस बार प्रवेशोत्सव में जनप्रतिनिधि भाग नहीं ले सकेंगे। ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम विकास अधिकारी आदि का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक स्कूल की विशेषताओं, स्टार रैंकिंग और बच्चों की ओर से की गई श्रेष्ठ गतिविधियों को ग्रामीणों तक पहुंचाया जाएगा।
बोर्ड परीक्षा दे चुके बच्चों को मिलेगा अस्थायी प्रवेश
पांचवीं, आठवीं और दसवीं बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले बच्चों को प्रवेशोत्सव के दौरान अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश मिलेगा। इसके लिए सरकारी स्कूलों में पंजीकृत बच्चों को बुलाकर अगली कक्षा में प्रवेश देकर उन्हें अध्ययन शुरू कराया जाएगा। इससे कोई भी बच्चा ड्रॉपआउट की श्रेणी में नही आएगा और नामांकन भी बढ़ेगा।
साइकिल, स्कूटी व लैपटॉप योजनाओं का लेंगे सहारा
जिला शिक्षाधिकारी प्रारम्भिक दयानंद बंसल ने बताया कि प्रवेशोत्सव का पहला चरण 26 अप्रैल से 9 मई तक होगा। इसे योजनाबद्ध तरीके से मनाकर अप्रवेशित बच्चों का सर्वे कराकर उन्हें स्कूलों से जोड़ा जाएगा। स्कूलों में बच्चों की सह-शैक्षिक गतिविधियों को गांव के बाहर चौपाल एवं सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें शनिवार को बालसभा का आयोजन होगा।
स्कूलों में विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए चलाई जा रही साइकिल, स्कूटी व लैपटोप योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर प्रवेशोत्सव में नामांकन संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रवेशोत्सव में अधिकारियों सहित दूसरे विभागों की मदद ली जाएगी।
श्रीगंगानगर। सरकारी स्कूलों में इस बार 26 अप्रैल से प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया शुरू हो रही है। प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया को लेकर निदेशक नथमल डिडेल की ओर से शैक्षणिक सत्र 2019-20 के लिए सभी सरकारी स्कूलों के लिए गाइड लाइन जारी की गई है।
इस बार लोकसभा चुनावों से प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया को प्रभावित होने से दूर रखा गया है। इसके लिए चुनाव से पहले ही परीक्षाओं को पूर्ण कर लिया जाएगा। इसके बाद दूसरे दिन से ही स्कूलों में प्रवेशोत्सव की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इस समय लोकसभा चुनावों को लेकर आचार संहिता लगी हुई है। ऐसे में इस बार प्रवेशोत्सव में जनप्रतिनिधि भाग नहीं ले सकेंगे। ग्राम स्तर पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, ग्राम विकास अधिकारी आदि का सहयोग लिया जाएगा। इसके साथ ही प्रत्येक स्कूल की विशेषताओं, स्टार रैंकिंग और बच्चों की ओर से की गई श्रेष्ठ गतिविधियों को ग्रामीणों तक पहुंचाया जाएगा।
बोर्ड परीक्षा दे चुके बच्चों को मिलेगा अस्थायी प्रवेश
पांचवीं, आठवीं और दसवीं बोर्ड की परीक्षा में बैठने वाले बच्चों को प्रवेशोत्सव के दौरान अगली कक्षा में अस्थायी प्रवेश मिलेगा। इसके लिए सरकारी स्कूलों में पंजीकृत बच्चों को बुलाकर अगली कक्षा में प्रवेश देकर उन्हें अध्ययन शुरू कराया जाएगा। इससे कोई भी बच्चा ड्रॉपआउट की श्रेणी में नही आएगा और नामांकन भी बढ़ेगा।
साइकिल, स्कूटी व लैपटॉप योजनाओं का लेंगे सहारा
जिला शिक्षाधिकारी प्रारम्भिक दयानंद बंसल ने बताया कि प्रवेशोत्सव का पहला चरण 26 अप्रैल से 9 मई तक होगा। इसे योजनाबद्ध तरीके से मनाकर अप्रवेशित बच्चों का सर्वे कराकर उन्हें स्कूलों से जोड़ा जाएगा। स्कूलों में बच्चों की सह-शैक्षिक गतिविधियों को गांव के बाहर चौपाल एवं सार्वजनिक स्थलों पर प्रदर्शित किया जाएगा। इसमें शनिवार को बालसभा का आयोजन होगा।
स्कूलों में विद्यार्थियों के प्रोत्साहन के लिए चलाई जा रही साइकिल, स्कूटी व लैपटोप योजनाओं का व्यापक प्रचार-प्रसार कर प्रवेशोत्सव में नामांकन संख्या बढ़ाई जाएगी। प्रवेशोत्सव में अधिकारियों सहित दूसरे विभागों की मदद ली जाएगी।
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