भाजपा के उत्साहित निहाल समर्थक हुए सक्रिय
- अब यह चिन्ता, सब रखे ख्याल, कर ना दे 'हलालÓ
श्रीगंगानगर। निहालचंद को एक बार फिर चुनावी रण में उतारने से उनके उत्साहित समर्थक सक्रिय हो गए हैं। पहले टिकट को लेकर बने संशय के बादलों के कारण वे लोग आशंकित थे और इस वजह से खुलकर कुछ कर नहीं पा रहे थे। गुरुवार को जैसे ही उनकी टिकट फाइनल हुई आपस में बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। दो-तीन समर्थकों ने तो सोशियल मीडिया पर सूचना डालते हुए एक तरह से जन सम्पर्क अभियान शुरू भी कर दिया है।
इधर, निहाल समर्थक अब इस बात को लेकर प्रयासरत है कि मतदाता उनको फिर से आशीर्वाद देने के लिए ख्याल रखे और किसी कारण विशेष के चलते 'हलालÓ यानि परास्त न कर दे। श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के टिकट के दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त होने के कारण काफी दिनों से चल रही कशमकश को यूं तो एक बार विराम लग गया है लेकिन जो दावेदार ऊपर तक गए पैनल में स्थान बनाए हुए थे, उनके खेमे में निराशा के भाव है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार टिकट हासिल होते ही निहालचंद ने टिकट की दौड़ में शामिल दो प्रमुख दावेदारों से फोन पर बात कर साथ जुटने का आग्रह किया है। उनके रणनीतिकारों में शामिल तीन-चार जने दूरी बना कर चलने वाले कई वरिष्ठ पार्टी जनों से रात भर में सम्पर्क साध चुके हैं। श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर चुनाव कार्यालय खोलने के लिए भी इन रणनीतिकारों ने कई स्थानों के लिए चर्चा की है।
यूं मिलती रही टिकट
1996 में निहालचंद को पहली बार लोक सभा की टिकट मिली और वे श्रीगंगानगर के सांसद बने, उस समय वे देश की सबसे कम आयु के सांसदों में शामिल थे। उसके बाद से लगातार उन्हीं पर पार्टी भरोसा जता रही है। दो बार उन्हें शिकस्त भी मिली, वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस के शंकर पन्नू ने उन्हें हराया तो वर्ष 2009 के चुनाव में भरतराम मेघवाल ने निहालचंद को हराया। संसदीय चुनाव में जब से निहालचंद की एंट्री हुई, वे ही हर चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं।
कांग्रेस में ऐसा नहीं है। वह बीरबल राम, शंकर पन्नू, भरतराम मेघवाल और मास्टर भंवरलाल मेघवाल को मौका दे चुकी है। निहालचंद अब तक लोकसभा के लगातार छह चुनाव लड़कर चार बार जीत चुके हैं, अब देखना है कि वे सातवीं बार इस मैदान में उतर कर फिर दिल्ली पहुंच पाते हैं या नहीं।
अब निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा की ओर
श्रीगंगानगर सीट के लिए भाजपा प्रत्याशी तय होने के बाद लोगों की निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा की तरफ लग गई हैं। लोगों में इस बात की उत्सुकता है कि आखिर कांग्रेस किसे टिकट देकर निहालचंद के मुकाबले में चुनाव मैदान में उतारेगी?
कांग्रेस में पूर्व सांसद शंकर पन्नू, पूर्व सांसद भरतराम, पूर्व आईएएस अधिकारी ललित मेहरा और पूर्व आईएएस आरपी सिंह समेत तीन दर्जन से अधिक लोग टिकट के दावेदार हैं।
श्रीगंगानगर। निहालचंद को एक बार फिर चुनावी रण में उतारने से उनके उत्साहित समर्थक सक्रिय हो गए हैं। पहले टिकट को लेकर बने संशय के बादलों के कारण वे लोग आशंकित थे और इस वजह से खुलकर कुछ कर नहीं पा रहे थे। गुरुवार को जैसे ही उनकी टिकट फाइनल हुई आपस में बधाइयों का सिलसिला शुरू हो गया। दो-तीन समर्थकों ने तो सोशियल मीडिया पर सूचना डालते हुए एक तरह से जन सम्पर्क अभियान शुरू भी कर दिया है।
इधर, निहाल समर्थक अब इस बात को लेकर प्रयासरत है कि मतदाता उनको फिर से आशीर्वाद देने के लिए ख्याल रखे और किसी कारण विशेष के चलते 'हलालÓ यानि परास्त न कर दे। श्रीगंगानगर लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के टिकट के दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त होने के कारण काफी दिनों से चल रही कशमकश को यूं तो एक बार विराम लग गया है लेकिन जो दावेदार ऊपर तक गए पैनल में स्थान बनाए हुए थे, उनके खेमे में निराशा के भाव है।
भाजपा सूत्रों के अनुसार टिकट हासिल होते ही निहालचंद ने टिकट की दौड़ में शामिल दो प्रमुख दावेदारों से फोन पर बात कर साथ जुटने का आग्रह किया है। उनके रणनीतिकारों में शामिल तीन-चार जने दूरी बना कर चलने वाले कई वरिष्ठ पार्टी जनों से रात भर में सम्पर्क साध चुके हैं। श्रीगंगानगर एवं हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर चुनाव कार्यालय खोलने के लिए भी इन रणनीतिकारों ने कई स्थानों के लिए चर्चा की है।
यूं मिलती रही टिकट
1996 में निहालचंद को पहली बार लोक सभा की टिकट मिली और वे श्रीगंगानगर के सांसद बने, उस समय वे देश की सबसे कम आयु के सांसदों में शामिल थे। उसके बाद से लगातार उन्हीं पर पार्टी भरोसा जता रही है। दो बार उन्हें शिकस्त भी मिली, वर्ष 1998 के चुनाव में कांग्रेस के शंकर पन्नू ने उन्हें हराया तो वर्ष 2009 के चुनाव में भरतराम मेघवाल ने निहालचंद को हराया। संसदीय चुनाव में जब से निहालचंद की एंट्री हुई, वे ही हर चुनाव में भाग्य आजमा रहे हैं।
कांग्रेस में ऐसा नहीं है। वह बीरबल राम, शंकर पन्नू, भरतराम मेघवाल और मास्टर भंवरलाल मेघवाल को मौका दे चुकी है। निहालचंद अब तक लोकसभा के लगातार छह चुनाव लड़कर चार बार जीत चुके हैं, अब देखना है कि वे सातवीं बार इस मैदान में उतर कर फिर दिल्ली पहुंच पाते हैं या नहीं।
अब निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा की ओर
श्रीगंगानगर सीट के लिए भाजपा प्रत्याशी तय होने के बाद लोगों की निगाहें कांग्रेस प्रत्याशी की घोषणा की तरफ लग गई हैं। लोगों में इस बात की उत्सुकता है कि आखिर कांग्रेस किसे टिकट देकर निहालचंद के मुकाबले में चुनाव मैदान में उतारेगी?
कांग्रेस में पूर्व सांसद शंकर पन्नू, पूर्व सांसद भरतराम, पूर्व आईएएस अधिकारी ललित मेहरा और पूर्व आईएएस आरपी सिंह समेत तीन दर्जन से अधिक लोग टिकट के दावेदार हैं।
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