सेवानिवृति से पहले रावला शाखा प्रबंधक बर्खास्त
- रोक के बावजूद 15 करोड़ के ऋण बांटने के मामले में नौ अधिकारियों पर गिरी गाज
- चार अधिकारियों का निलंबन और चार पर होगी कठोरतम कार्रवाई
श्रीगंगानगर। रोक के बावजूद 15 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण वितरण करने के मामले की गाज दी गंगानगर केन्द्रीय सहकारी बंैंक (जीकेएसबी) के सात शाखा प्रबंधकों सहित नौ अधिकारियों पर गिरी है। सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) ने जांच के बाद मुख्यत: दोषी मिले रावला शाखा प्रबंधक की सेवाएं समाप्त (बर्खास्तगी) करने के आदेश दिए हैं। कल रविवार को उनकी सेवानिृवति होनी है। चार अधिकारियों के निलंबन और शेष चार के खिलाफ बैंक स्तर से कठोरतम कार्रवाई करने के लिए जीकेएसबी प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया है।
विदित हो कि जीकेएसबी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने 21 सितंबर 2018 को आदेश जारी कर सभी शाखाओं के ऋण वितरण करने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद सात शाखाओं ने 15 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण वितरित कर दिए थे। इनमें रावला शाखा ने चार और श्रीबिजयनगर, बींझबायला, समेजा कोठी, घड़साना, जैतसर और रायसिंहनगर की दो शाखाओं ने तकरीबन 11 करोड़ से अधिक का ऋण वितरित किया था। शिकायत होने पर रजिस्ट्रार के आदेश से 10 सहकारी निरीक्षकों ने चार टीमें बनाकर जांच की तो केन्द्रीय सहकारी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक (ऋण), वरिष्ठ प्रबंधक (परिचालन) सहित इन शाखाओं के प्रबंधक दोषी मिले। खुलासा होने पर रावला शाखा प्रबंधक साहबराम सोमटा को निलंबित करते हुए जीकेएसबी के वरिष्ठ प्रबंधक (ऋण) और वरिष्ठ प्रबंधक (परिचालन) को 16 सीसी की चार्जशीट देने की कार्रवाई अमल में लाई गई।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई : जीकेएसबी प्रबंध निदेशक के नाम 27 मार्च 2019 को जारी आदेश में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) भोमाराम ने आज ही साहबराम सोमटा की सेवाएं समाप्त (बर्खास्तगी) करते हुए चार अधिकारियों प्रबंधक (ऋण) पवन शर्मा, पवन गर्ग वरिष्ठ प्रबंधक (परिचालन), बींझबायला प्रबंधक ऋषिराज डूडी और श्रीबिजयनगर प्रबंधक उमाराम सारण के निलंबन के निर्देश दिए हैं। इसी तरह रायसिंहनगर की पुरानी धानमंडी शाखा के प्रबंधक गणेश पासवान, नई धानमंडी के प्रबंधक अनिल गुप्ता, जैतसर प्रबंधक जगराम मीणा और समेजा कोठी प्रबंधक रामप्रताप सहारण के खिलाफ बैंक स्तर से कठोरतम कार्रवाई करते हुए सात दिनों में अवगत करवाने के लिए निर्देशित किया है।
अतिरिक्त रजिस्ट्रार के आदेश पर जीकेएसबी प्रबंधन ने क्या कार्रवाई की, इस बारे में पूछने पर प्रबंध निदेशक भूपेंद्र ज्याणी ने कहा कि वे किसी बैठक में व्यस्त हैं। दोबारा प्रयास करने पर उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
- चार अधिकारियों का निलंबन और चार पर होगी कठोरतम कार्रवाई
श्रीगंगानगर। रोक के बावजूद 15 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण वितरण करने के मामले की गाज दी गंगानगर केन्द्रीय सहकारी बंैंक (जीकेएसबी) के सात शाखा प्रबंधकों सहित नौ अधिकारियों पर गिरी है। सहकारिता विभाग के अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) ने जांच के बाद मुख्यत: दोषी मिले रावला शाखा प्रबंधक की सेवाएं समाप्त (बर्खास्तगी) करने के आदेश दिए हैं। कल रविवार को उनकी सेवानिृवति होनी है। चार अधिकारियों के निलंबन और शेष चार के खिलाफ बैंक स्तर से कठोरतम कार्रवाई करने के लिए जीकेएसबी प्रबंध निदेशक को निर्देशित किया है।
विदित हो कि जीकेएसबी के तत्कालीन प्रबंध निदेशक ने 21 सितंबर 2018 को आदेश जारी कर सभी शाखाओं के ऋण वितरण करने पर रोक लगा दी थी। इसके बावजूद सात शाखाओं ने 15 करोड़ रुपए से अधिक के ऋण वितरित कर दिए थे। इनमें रावला शाखा ने चार और श्रीबिजयनगर, बींझबायला, समेजा कोठी, घड़साना, जैतसर और रायसिंहनगर की दो शाखाओं ने तकरीबन 11 करोड़ से अधिक का ऋण वितरित किया था। शिकायत होने पर रजिस्ट्रार के आदेश से 10 सहकारी निरीक्षकों ने चार टीमें बनाकर जांच की तो केन्द्रीय सहकारी बैंक के वरिष्ठ प्रबंधक (ऋण), वरिष्ठ प्रबंधक (परिचालन) सहित इन शाखाओं के प्रबंधक दोषी मिले। खुलासा होने पर रावला शाखा प्रबंधक साहबराम सोमटा को निलंबित करते हुए जीकेएसबी के वरिष्ठ प्रबंधक (ऋण) और वरिष्ठ प्रबंधक (परिचालन) को 16 सीसी की चार्जशीट देने की कार्रवाई अमल में लाई गई।
इनके खिलाफ हुई कार्रवाई : जीकेएसबी प्रबंध निदेशक के नाम 27 मार्च 2019 को जारी आदेश में अतिरिक्त रजिस्ट्रार (बैंकिंग) भोमाराम ने आज ही साहबराम सोमटा की सेवाएं समाप्त (बर्खास्तगी) करते हुए चार अधिकारियों प्रबंधक (ऋण) पवन शर्मा, पवन गर्ग वरिष्ठ प्रबंधक (परिचालन), बींझबायला प्रबंधक ऋषिराज डूडी और श्रीबिजयनगर प्रबंधक उमाराम सारण के निलंबन के निर्देश दिए हैं। इसी तरह रायसिंहनगर की पुरानी धानमंडी शाखा के प्रबंधक गणेश पासवान, नई धानमंडी के प्रबंधक अनिल गुप्ता, जैतसर प्रबंधक जगराम मीणा और समेजा कोठी प्रबंधक रामप्रताप सहारण के खिलाफ बैंक स्तर से कठोरतम कार्रवाई करते हुए सात दिनों में अवगत करवाने के लिए निर्देशित किया है।
अतिरिक्त रजिस्ट्रार के आदेश पर जीकेएसबी प्रबंधन ने क्या कार्रवाई की, इस बारे में पूछने पर प्रबंध निदेशक भूपेंद्र ज्याणी ने कहा कि वे किसी बैठक में व्यस्त हैं। दोबारा प्रयास करने पर उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
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