ड्यूटी कटवाने वाले कार्मिकों को चिन्हित करने के आदेश
- राज्य सरकार के आदेश के बाद दी जा सकती है सेवानिवृत्ति
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला कलेक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कार्मिक बीमारी, आयु अधिक, कम दृष्टि आदि का हवाला देते हुए स्वयं को निर्वाचन कार्य सम्बंधी ड्यूटी करने में असमर्थ बताता है, जिससे यह प्रतीत होता है कि वह कर्मचारी शासकीय कार्य सम्पादन करने में सक्षम नहीं है तथा राजकीय कार्य के लिए आवश्यक उपयोगिता खो चुका है।
कलेक्टर ने ऐसे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को कार्मिक विभाग के आदेशों के संज्ञान के अनुसार तुरंत प्रभाव से चिन्हित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कार्मिक विभाग ने 14 जून 2017 के आदेश में यह कहा था कि ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिन्होंने 15 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो पूर्ण कर ली है या अपनी अकर्मण्यता, अकार्य कुशलता, असंतोषजनक कार्य, निष्पादन के कारण, आवश्यक उपयोगिता खो चुका है। ऐसे कार्मिकों की स्क्रीनिंग कर तीन माह के नोटिस या फिर तीन माह के वेतन या भत्तों के भुगतान के साथ उसे तुरंत प्रभाव से राज्य सेवा से सेवानिवृत किया जाए।
श्रीगंगानगर (एसबीटी)। राज्य सरकार के आदेश के बाद जिला कलेक्टर शिव प्रसाद मदन नकाते ने एक आदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को निर्देश दिए हैं कि यदि कोई कार्मिक बीमारी, आयु अधिक, कम दृष्टि आदि का हवाला देते हुए स्वयं को निर्वाचन कार्य सम्बंधी ड्यूटी करने में असमर्थ बताता है, जिससे यह प्रतीत होता है कि वह कर्मचारी शासकीय कार्य सम्पादन करने में सक्षम नहीं है तथा राजकीय कार्य के लिए आवश्यक उपयोगिता खो चुका है।
कलेक्टर ने ऐसे सभी अधिकारी-कर्मचारियों को कार्मिक विभाग के आदेशों के संज्ञान के अनुसार तुरंत प्रभाव से चिन्हित करने की कार्यवाही सुनिश्चित करने के निर्देश दिए हैं। कार्मिक विभाग ने 14 जून 2017 के आदेश में यह कहा था कि ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जिन्होंने 15 वर्ष की सेवा अथवा 50 वर्ष की आयु, जो भी पहले हो पूर्ण कर ली है या अपनी अकर्मण्यता, अकार्य कुशलता, असंतोषजनक कार्य, निष्पादन के कारण, आवश्यक उपयोगिता खो चुका है। ऐसे कार्मिकों की स्क्रीनिंग कर तीन माह के नोटिस या फिर तीन माह के वेतन या भत्तों के भुगतान के साथ उसे तुरंत प्रभाव से राज्य सेवा से सेवानिवृत किया जाए।
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