गेहूं वितरण पुराने ढर्रे पर आते ही बिगड़ी व्यवस्था
- दो रु. की बजाय 1 रु. देने के चक्कर में उपभोक्ताओं को परेशानी
श्रीगंगानगर। जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले गेहूं की वितरण व्यवस्था लडख़ड़ा गई है। हालत यह है कि उपभोक्ता पखवाड़ा समाप्त होने को है और अभी सैकड़ों लोगों को मार्च माह का गेहूं ही नहीं मिला। राज्य सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आदेश जारी किए थे कि मार्च के महीने में राज्य के सभी उपभोक्ताओं को दो रु. प्रति किलो की जगह एक रू. प्रति किलो के हिसाब से गेहूं दिया जाएगा। इसके बाद सरकार ने एक माह के लिए पोर्टिबिलिटी व्यवस्था बंद कर दी, जिससे सभी उपभोक्ताओं को अपने पुराने डिपुओं से गेहूं लेने के निर्देश दे दिए गए। इस तरह पूरी व्यवस्था ही बिगड़ गई। वर्तमान में एक-एक डिपो से 100 से अधिक उपभोक्ताओं को गेहूं नहीं मिला है और कई डिपो होल्डर पर गेहूं भी समाप्त हो चुका है। वार्ड नं. 45 सहित कई ऐसे डिपो होल्डर हैं, जहां गेहूं समाप्त है और उपभोक्ता लगातार आ रहे हैं। रसद विभाग का कहना है कि विभाग की ओर से इस बार जो नई व्यवस्था बनाई गई है, इस कारण दिक्कत आ रही है। अप्रेल माह के पखवाड़े में व्यवस्था सुधरेगी। रोजाना रसद विभाग कार्यालय में अनेक उपभोक्ता अपनी समस्या लेकर आ रहे हैं कि उन्हें गेहूं नहीं मिल रहा। राज्य में कांग्रेस सरकार आते ही उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। हालांकि विभाग द्वारा व्यवस्था बनाने के लिए गेहूं की व्यवस्था करवाई जा रही है, लेकिन अब उपभोक्ता पखवाड़ा भी समाप्त हो रहा है। अब उपभोक्ता अपने डिपो होल्डर को ढूंढने में लगा है, लेकिन वहां पहले से ही गेहूं उपलब्ध नहीं है।
इनका कहना है
पोर्टिबिलिटी अप्रेल माह के पखवाड़े से शुरू होगी। उपभोक्ताओं को परेशानी आ रही है। उनकी समस्या का निदान किया जा रहा है।
-सुरेश कुमार, प्रवर्तन अधिकारी, श्रीगंगानगर
श्रीगंगानगर। जिले में खाद्य सुरक्षा योजना के तहत पात्र उपभोक्ताओं को दिए जाने वाले गेहूं की वितरण व्यवस्था लडख़ड़ा गई है। हालत यह है कि उपभोक्ता पखवाड़ा समाप्त होने को है और अभी सैकड़ों लोगों को मार्च माह का गेहूं ही नहीं मिला। राज्य सरकार के खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग ने आदेश जारी किए थे कि मार्च के महीने में राज्य के सभी उपभोक्ताओं को दो रु. प्रति किलो की जगह एक रू. प्रति किलो के हिसाब से गेहूं दिया जाएगा। इसके बाद सरकार ने एक माह के लिए पोर्टिबिलिटी व्यवस्था बंद कर दी, जिससे सभी उपभोक्ताओं को अपने पुराने डिपुओं से गेहूं लेने के निर्देश दे दिए गए। इस तरह पूरी व्यवस्था ही बिगड़ गई। वर्तमान में एक-एक डिपो से 100 से अधिक उपभोक्ताओं को गेहूं नहीं मिला है और कई डिपो होल्डर पर गेहूं भी समाप्त हो चुका है। वार्ड नं. 45 सहित कई ऐसे डिपो होल्डर हैं, जहां गेहूं समाप्त है और उपभोक्ता लगातार आ रहे हैं। रसद विभाग का कहना है कि विभाग की ओर से इस बार जो नई व्यवस्था बनाई गई है, इस कारण दिक्कत आ रही है। अप्रेल माह के पखवाड़े में व्यवस्था सुधरेगी। रोजाना रसद विभाग कार्यालय में अनेक उपभोक्ता अपनी समस्या लेकर आ रहे हैं कि उन्हें गेहूं नहीं मिल रहा। राज्य में कांग्रेस सरकार आते ही उपभोक्ताओं की परेशानी बढ़ गई है। हालांकि विभाग द्वारा व्यवस्था बनाने के लिए गेहूं की व्यवस्था करवाई जा रही है, लेकिन अब उपभोक्ता पखवाड़ा भी समाप्त हो रहा है। अब उपभोक्ता अपने डिपो होल्डर को ढूंढने में लगा है, लेकिन वहां पहले से ही गेहूं उपलब्ध नहीं है।
इनका कहना है
पोर्टिबिलिटी अप्रेल माह के पखवाड़े से शुरू होगी। उपभोक्ताओं को परेशानी आ रही है। उनकी समस्या का निदान किया जा रहा है।
-सुरेश कुमार, प्रवर्तन अधिकारी, श्रीगंगानगर
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