Breaking News

निर्दलीयों पर कांग्र्रेस-भाजपा की नजर

- श्रीगंगानगर के गौड़ सहित सभी 13 विधायक आपसी सम्पर्क में
श्रीगंगानगर। राज्य के सभी तेरह निर्दलीय विधायकों पर कांग्रेस एवं भाजपा की नजर है। देश की सबसे बड़ी पंचायत यानि लोकसभा चुनाव में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए इन दोनों पार्टियों को कई निर्दलीयों का सक्रिय समर्थन आवश्यक महसूस हो रहा है। श्रीगंगानगर के विधायक राजकुमार गौड़ सहित ये सभी निर्दलीय विधायक आपस में सम्पर्क में हैं।
जानकारों के अनुसार कांग्रेस सुप्रीमो राहुल गांधी की बुधवार को सूरतगढ़ में होने वाली सभा में कई निर्दलीय विधायकों को अपनी पार्टी में शामिल करने की कोशिश कुछ वरिष्ठ नेता कर रहे हैं। ऐसा करते समय कोई तकनीकी लोचा लाभ के बजाए नुकसान न कर दे, इस आशंका के मद्देनजर विधिवेताओं से राय ली जा रही है। कांग्रेस आलाकमान ने एक सर्वे के बाद माना है कि विधानसभा चुनाव में बिना किसी राजनीतिक दल के चुनाव चिन्ह के, अपने बूते जनादेश हासिल करने वाले कई निर्दलीय विधायकों का जादू बरकरार है। इसे देखते हुए वे पार्टी प्रत्याशी के साथ असरदार तरीके से लगे तो उनका 'हाथÓ मजबूत हो सकता है।
दूसरी तरफ यह बात भी सामने आ रही है कि निर्दलीयों के सामने परास्त होने वाले कांग्रेस एवं भाजपा के प्रत्याशी यह शायद ही चाहें कि उन्हें शिकस्त देने वाले पार्टी में महत्व हासिल करे। अगर निर्दलीयों को पार्टी में लिया जाता है तो नफा के साथ नुकसान की आशंका का आकलन भी दोनों प्रमुख दल साथ की साथ कर रहे हैं।
कांग्रेस में बेसब्री ज्यादा
निर्दलीय विधायकों को 'अपनाÓ बनाने की बेसब्री कांग्रेस में ज्यादा दिखाई दे रही है। तेरह में से ग्यारह निर्दलीय विधायक कांग्रेस के साथ माने भी जा रहे हैं। पार्टी के दिल्ली तक कार्यालय में एक रिपोर्ट के माध्यम से यह बात पहुंची हुई है कि राज्य सरकार को पांच साल तक निर्बाद्ध चलाने, आगे राज्य सभा चुनाव में अधिक सीट हासिल करने तथा मौजूदा लोकसभा चुनाव में स्थिति सुधारने के लिए निर्दलीय विधायकों का समर्थन बहुत जरूरी है।
गौड़ की सक्रियता पर चर्चा
पार्टी सूत्रों के अनुसार जयपुर और दिल्ली में राजस्थान से जुड़े वरिष्ठ नेताओं ने एक-एक निर्दलीय विधायक की लोकप्रियता के ताजा ग्राफ पर नजर दौड़ाई है। इसमें श्रीगंगानगर के निर्दलीय विधायक राजकुमार गौड़ की क्षेत्र में सक्रियता पर भी चर्चा हुई है। गौड़ के शहरी के अलावा ग्रामीण क्षेत्र में नियमित उपस्थिति, विभिन्न आयोजनों में भागीदारी, सोशियल मीडिया पर सक्रियता को उल्लेखनीय मानते हुए इन नेताओं ने लोकसभा चुनाव में उनकी अधिकाधिक मदद लेने के निर्देश भी दिए हैं।


No comments