बाल संरक्षण एवं अधिकारों के लिए काम कर रही चाइल्डलाइन
- स्टेक होल्डर्स कार्यशाला में प्रतिभागियों ने की सराहना
श्रीगंगानगर। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से चल रही चाइल्डलाइन-1098 सेवा बच्चों के संरक्षण और उनके अधिकारों के लिए काम कर रही है। शनिवार को तपोवन प्रन्यास भवन में 'बाल अधिकार एवं बाल संरक्षणÓ विषय पर स्टेक होल्डर्स कार्यशाला में तपोवन ट्रस्ट अध्यक्ष एवं परियोजना निदेशक महेश पेड़ीवाल ने प्रतिभागियों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 16 अप्रेल 2015 से तपोवन ट्रस्ट द्वारा चाइल्डलाइन सेवा का संचालन किया जा रहा है।
चाइल्डलाइन बाल कल्याण के क्षेत्र में स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय सथापित करते हुए कार्य कर रही है। चाइल्डलाइन के जरिए गुमशुदा, लावारिस, अनाथ, गंभीर बीमारी से ग्रस्त, बालविवाह एवं बाल श्रम के साथ-साथ देख-रेख और संरक्षण वाले बच्चों के लिए 24 घंटे सेवाएं दी जा रही है। कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट लक्ष्मीकांत सैनी, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य कमल कुमारवर्मा, प्रशिक्षक रघुवीर शर्मा आदि ने भी चाइल्डलाइन की गतिविधियों के बारे में बताया। मंच संचालन चाइल्डलाइन के त्रिलोक वर्मा ने किया। कार्यशाला से पहले आसिफ व पवन की और से पंजीयन में सहयोग किया गया।
श्रीगंगानगर। भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के सहयोग से चल रही चाइल्डलाइन-1098 सेवा बच्चों के संरक्षण और उनके अधिकारों के लिए काम कर रही है। शनिवार को तपोवन प्रन्यास भवन में 'बाल अधिकार एवं बाल संरक्षणÓ विषय पर स्टेक होल्डर्स कार्यशाला में तपोवन ट्रस्ट अध्यक्ष एवं परियोजना निदेशक महेश पेड़ीवाल ने प्रतिभागियों को यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले में 16 अप्रेल 2015 से तपोवन ट्रस्ट द्वारा चाइल्डलाइन सेवा का संचालन किया जा रहा है।
चाइल्डलाइन बाल कल्याण के क्षेत्र में स्टेक होल्डर्स के साथ समन्वय सथापित करते हुए कार्य कर रही है। चाइल्डलाइन के जरिए गुमशुदा, लावारिस, अनाथ, गंभीर बीमारी से ग्रस्त, बालविवाह एवं बाल श्रम के साथ-साथ देख-रेख और संरक्षण वाले बच्चों के लिए 24 घंटे सेवाएं दी जा रही है। कार्यशाला में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष एडवोकेट लक्ष्मीकांत सैनी, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य कमल कुमारवर्मा, प्रशिक्षक रघुवीर शर्मा आदि ने भी चाइल्डलाइन की गतिविधियों के बारे में बताया। मंच संचालन चाइल्डलाइन के त्रिलोक वर्मा ने किया। कार्यशाला से पहले आसिफ व पवन की और से पंजीयन में सहयोग किया गया।
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