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भद्रा हटते ही रात 9 बजे के बाद हो सकेगा होलिका दहन

- कल रंगों से सरोबार होगा शहर
श्रीगंगानगर। शहर में होली का हुड़दंग बुधवार को होलिका पूजन के साथ शुरू हो गया है। इसी के साथ होलिका दहन की तैयारियां भी कर ली गई हैं।  होलिका के मंडप भी सजाए जा रहे हैं।  आज रात 9 बजे के बाद  पूजा-अर्चना के बाद होलिका दहन किया जा सकेगा। कल गुरुवार को धुलंडी के दिन शहर रंगों से सरोबार रहेगा। बच्चे, युवा और बुजुर्ग अपने हमउम्र लोगों के साथ रंगों का आनंद लंगे। बुधवार को बाजार में दिन भर रंगों से सजी दुकानों पर गुलाल व पिचकारियों की खरीद के लिए लोग उमड़ पड़े।
पंडित सतपाल पराशर ने बताया कि आज सुबह 10.48 बजे से पूर्णमासी शुरू हो गई है। यह कल गुरुवार सुबह 7.15 बजे तक रहेगी। इस दौरान आज रात 9 बजे तक भद्रा रहेगी। होलिका दहन भद्रा में नहीं किया जा सकता। इसलिए रात 9 बजे के बाद से होलिका दहन शुरू किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि होलिका दहन से पहले पूजन के लिए पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके बैठना चाहिए। पूजन के लिए माला, रोली, गंध, पुष्प, कच्चा सूत, गुड़, साबुत हल्दी, मूंग, बताशे, गुलाल, नारियल, पांच प्रकार के अनाज में गेहूं की बालियां और साथ में एक लोटा जल रखना चाहिए। होलिका के चारों ओर सात परिक्रमा कर कच्चे सूत को होलिका के चारों ओर सात परिक्रमा करते हुए लपेटना चाहिए। होलिका जलाने से पहले विधिवत पूजन करने के बाद जल से अघ्र्य देना चाहिए। अग्नि प्रज्ज्वलित करने के बाद उसे नमन कर रोली तिलक लगाना चाहिए। मान्यता के अनुरूप होली की अग्नि को घर में लाना शुभ होता है।
शहर में कई स्थानों पर होलिका दहन की तैयारियां करते हुए मण्डप सजाए गए हैं। रिद्धि सिद्धि एनक्लेव, चहल चौक के पास, अग्रसैन चौक जवाहरनगर, नई धानमण्डी में हनुमान मंदिर के पास, जी ब्लॉक पार्क के बाहर, पुरानी धानमण्डी, सिविल लाईन, पुरानी आबादी कृष्णा पार्क के पास सहित कई अन्य स्थानों पर दिन भर  महिलाएं होलिका पूजन के लिए पहुंचती रही।

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